हमारे देश में गाय को माता का दर्जा दिया गया है. वेद, पुराण, उपनिषद में गाय को पूजा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गाय के प्रति विशेष आस्था रखते हैं. पीएम मोदी ने मकर संक्रांति के मौके पर प्रधानमंत्री आवास पर गायों को चारा खिलाया. इन गायों को चारा खिलाते पीएम मोदी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. आइए जानते हैं पीएम मोदी ने जिस पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया, उनकी खूबियां क्या हैं और कहां ये पाई जाती हैं?
गाय का आंध्र प्रदेश से है ताल्लुक
पुंगनूर नस्ल की गाय आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में पाई जाती है. इस नस्ल की उत्पत्ति दक्षिणी भारत के पुंगनूर क्षेत्र में हुई है. इस गाय का नाम पुंगनूर शहर के नाम पर रखा गया है. यह दुनिया की सबसे छोटी गायों में से एक है. इनकी औसत हाइट ढाई से तीन फीट तक होती है. पुंगनूर नस्ल का बछड़ा या बछिया जब पैदा होती है तो उसकी हाइट महज 16 इंच से 22 इंच तक होती है. पुंगनूर नस्ल की एक गाय की कीमत 30,000 रुपए से 1,50,000 रुपए तक हो सकती है. ये गाय जितनी छोटी होती है, कीमत उतनी ही बढ़ जाती है.
बेहद लाभदायक है इसका दूध
पुंगनूर नस्ल की गाय अत्यधिक पौष्टिक दूध देती है. इसके दूध में प्रोटीन, कैल्शियम और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसका दूध सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए लाभदायक होता है. इसके दूध में वसा की मात्रा ज्यादा होती है. अन्य गायों के दूध में आमतौर पर वसा की मात्रा 3 से 3.5 प्रतिशत तक होती है, जबकि पुंगनूर गाय के दूध में 8 प्रतिशत वसा होता है. इसके अलावा इसका दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है.
एक दिन में इतनी देती है दूध
पुंगनूर नस्ल की गाय अपने छोटे आकार और सुंदरता के लिए मशहूर है. इस गाय का वजन 110 से 200 किलोग्राम तक होता है. ये गाय ज्यादा चारा नहीं खाती. ये एक दिन में 5 किलो तक चारा खाती है. इसके साथ ही ये गाय एक दिन में 1 से 5 लीटर तक दूध देती है. इसके दूध की कीमत 50 से 80 रुपए प्रति लीटर के बीच होती है.
यूपी-बिहार के मौसम के लिए भी अनुकूल है यह गाय
गाय की यह नस्ल दक्षिण भारत की गर्म और शुष्क जलवायु के लिए अच्छी तरह से अनुकूलित है. यह नस्ल सूखा प्रतिरोधी होती है. जिसके चलते दक्षिण भारत के साथ-साथ दिल्ली, यूपी, बिहार गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के तमाम इलाकों के लिए अनुकूल है. ये गाय देश में सबसे कम संख्या वाली गायों की नस्लों में तीसरे स्थान पर है. इस नस्ल की गाय विलुप्त होने के कगार पर है. इसको देखते हुए आंध्र प्रदेश में इसके संरक्षण पर काम चल रहा है.
काफी शांत होती है यह गाय
पुंगनूर नस्ल की गाय का सींग आमतौर पर छोटे और घुमावदार होते हैं. इसका रंग काला या भूरा होता है. इस गाय के कान छोटे और नुकीले होते हैं. यह गाय काफी शांत होती है. इस गाय में बीमारियों से लड़ने की क्षमता अधिक होती है. अन्य मवेशियों की तुलना में इस गाय को कम जगह और छोटे शेड में भी रखा जा सकता है. माना जाता है कि असली पुंगनूर गाय वैदिक काल में वशिष्ठ और विश्वामित्र ऋषि के समय में पाई जाती थी.