Delhi-Mumbai Expressway: अब 10 घंटे में दिल्ली से वडोदरा पहुंच जाएंगे यात्री, इन शहरों के बीच की दूरी होगी कम, जानें एक्सप्रेसवे की खासियत

Delhi-Vadodara Expressway दिल्ली और वडोदरा के सफर को सोहना, दौसा, लालसोट सवाई माधोपुर, कोटा, रतलाम दाहोद और गोधरा से गुजरते हुए आधा कर देगा. पहले जिस सफर को तय करने में 17-20 घंटे लगते थे, उसे अब पूरा करने में सिर्फ 10 घंटे लगेंगे.

Delhi-Mumbai Expressway
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST
  • दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे को 11,895 करोड़ की लागत से बनाया गया है
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम फरवरी 2024 तक कर लिया जाएगा पूरा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. ये एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का दूसरा खंड है. इस मार्ग के शुरू होने से दिल्ली और वडोदरा के बीच का सफर मात्र 10 घंटे में पूरा किया जा सकेगा. आइए इस एक्सप्रेसवे की खासियत जानते हैं.

दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे
दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे को लगभग 11,895 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है. मोदी सरकार ने इसे देशभर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की एक और पहल बताई है. यह एक्सप्रेसवे राजधानी दिल्ली से शुरू होकर सोहना, दौसा, लालसोट सवाई माधोपुर, कोटा, रतलाम दाहोद और गोधरा से गुजरते हुए वडोदरा को कवर करेगा. इसके साथ ही यह जयपुर, चित्तौड़गढ़, इंदौर, उज्जैन, भोपाल और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों को भी जोड़ेगा. 

अभी ऐसे दिल्ली से वडोदरा जाते हैं लोग
वर्तमान में दिल्ली से वडोदरा जाने के लिए लोग दो राजमार्गों का इस्तेमाल करते हैं. जिसमें पहला जयपुर, भीलवाड़ा और उदयपुर की ओर से तो वहीं दूसरा राजमार्ग लक्ष्मणगढ़, लालसोट और कोटा की ओर से होते हुए गुजरता है. पहले वाले मार्ग से गुजरने पर 18-20 घंटे का वक्त लगता है जबिक जयपुर-उदयपुर मार्ग थोड़ा छोटा है, जिसके चलते यहां से दिल्ली-वडोदरा के बीच 17 घंटे का समय लगता है.

तेजस ट्रेन से भी कम लगेगा समय  
दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली और वडोदरा के बीच सड़क यात्रा का समय घटकर सिर्फ 10 घंटे रह जाएगा. 10 घंटे का समय इस मार्ग पर सबसे तेज ट्रेन तेजस से भी कम है. दिल्ली और वडोदरा के बीच सबसे तेज ट्रेन मुंबई सेंट्रल तेजस राजधानी 10 घंटे और 45 मिनट का समय लेती है. वहीं अन्य ट्रेनों की बात करें तो वो 12 से 15 घंटे के बीच समय लेती हैं. पहले सड़क मार्ग से दोनों शहरों के बीच की दूरी 1,000 किमी से अधिक थी. नए एक्सप्रेसवे के साथ यह दूरी घटकर महज 845 किमी रह जाएगी.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की आधारशिला नौ मार्च 2019 को रखी गई थी. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाया गया, जो फरवरी 2023 से चालू है. इस खंड के चालू होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे हो गया. पूरी परियोजना की बात करें तो 1,386 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को 98,000 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया जा रहा है. इसका काम फरवरी 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. 

क्या है खासियत
1. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से दिल्ली से मुंबई जाने पर सिर्फ 12 घंटे का समय लगेगा. जिसे पूरा करने में अभी 24 घंटे से ज्यादा का समय लगता है.

2. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा. एक्सप्रेसवे 93 पीएम गति शक्ति टर्मिनल, 13 बंदरगाहों, आठ प्रमुख हवाई अड्डों और आठ मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे, नवी मुंबई हवाई अड्डे और जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह जैसे नए आने वाले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी जोड़ेगा.

3. दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के छह राज्यों से गुजरने वाला यह एक्सप्रेसवे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों से कनेक्टिविटी में सुधार करेगा.

4. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से दिल्ली से मुंबई यात्री कम समय में पहुंच जाएंगे. इससे ईंधन की बचत होगी. कार्बनडाई ऑक्साइड उत्सर्जन में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी जो कि चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. 

5. यह एक्सप्रेसवे एशिया में पहला और दुनिया में दूसरा है, जिसमें वन्यजीवों की बिना रोक-टोक आवाजाही की सुविधा के लिए पशु पुल (अंडरपास) की सुविधा है. इसमें तीन वन्य जीव और पांच हवाई पुल (ओवरपास) बनाए जाएंगे. 

6. एक्सप्रेसवे में दो बड़ी आठ लेन सुरंगें भी शामिल होंगी. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे विभिन्न वनों, शुष्क भूमि, पहाड़ों, नदियों जैसे कई विविध क्षेत्रों से गुजरता है. अधिक वर्षा वाले वडोदरा-मुंबई खंड के लिए कठोर फुटपाथ डिजाइन को अपनाया गया है. 

7. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के किनारे पेट्रोल पंप, मोटल, विश्राम क्षेत्र, रेस्तरां और दुकानें होंगी. इन वे साइड सुविधाओं में चिकित्सा आपात स्थिति के मामले में संपर्क बढ़ाने और लोगों को निकालने के लिए हेलीपैड भी इस एक्सप्रेसवे पर होंगे.

8. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर आपात स्थिति में फाइटर प्लेन भी उतारे जा सकेंगे. इस सड़क को रोड रनवे के रूप में विकसित किया जा रहा है. 

9. सोहना के अलीपुर से मुंबई के बीच इस पर करीब 55 स्थानों पर ऐसे हिस्से विकसित किए जा रहे हैं, जहां फाइटर प्लेन को आसानी से उतारा जा सके. अलीपुर से दौसा तक करीब 296 किलोमीटर के हिस्से में ही करीब 10 ऐसे हिस्से हैं, जहां फाइटर प्लेन आसानी से उतारे जा सकते हैं.

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