प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता संभाली है. पीएम मोदी नई सरकार बनाने के बाद पहली विदेश यात्रा पर इटली जा रहे हैं. वह वहां जी-7 समिट (G7 Summit) में हिस्सा लेंगे. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) ने पीएम मोदी को इटली आने का न्योता दिया है. पीएम मोदी गुरुवार को इटली रवाना होंगे.
50वें जी-7 शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे. दोनों नेता संबंधों को नई ऊंचाई पर कैसे ले जाएं, इसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और आगे के लिए दिशा निर्देश देंगे. पीएम मोदी 14 जून को 50वें जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. विदेश सचिव ने बताया कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है.
इससे भारत के साथ-साथ ग्लोबल साउथ के अहम मुद्दों पर भी दुनिया के बड़े नेताओं के साथ उन्हें जुड़ने का मौका मिलेगा. भारत 11वीं बार जी-7 में हिस्सा ले रहा है तो वहीं पीएम मोदी इस सम्मेलन में 5वीं बार भाग ले रहे हैं. क्वात्रा ने कहा कि भारत शांति, सुरक्षा, विकास और पर्यावरण संरक्षण सहित कई वैश्विक चुनौतियों को हल करने की कोशिश में लगातार काम कर रहा है. जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत की नियमित भागीदारी साफ तौर पर इन्हीं प्रयासों का नतीजा है.
पीएम के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी जाएगा
सम्मेलन में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, दक्षिण अफ्रीकी की समस्या जैसे मुद्दे प्रमुख होंगे. साथ ही यहां रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व के हालात पर भी गंभीर मंथन होगा. पीएम मोदी की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब रूस-यूक्रेन युद्ध और गहरा चुका है.
इजराइल-हमास संघर्ष जारी है. एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी पीएम मोदी के साथ इटली जाएगा. इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, विदेश सचिव विन मोहन क्वात्रा समेत कई लोग शामिल होंगे. पीएम मोदी ने पिछले साल हिरोशिमा में आयोजित जी-7 समिट में हिस्सा लिया था. इटली जी-7 का मौजूदा अध्यक्ष है और इस नाते यह इसकी शिखर बैठक की मेजबानी कर रहा है.
इन देशों को भी किया है आमंत्रित
जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के पीएम फुमियो किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी मौजूद रहेंगे. इटली ने इंडिया के अलावा ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, मिस्र, केन्या, मॉरिटानिया, सऊदी अरब, ट्यूनीशिया और संयुक्त राष्ट्र को भी आमंत्रित किया है. यूरोपीय संघ जी-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन वह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है.
क्या है जी-7
जी-7 प्रमुख औद्योगिक देशों का एक समूह है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, जापान, इटली और जर्मनी शामिल हैं. 25 मार्च 1973 को इस संगठन की शुरुआत हुई थी. शुरुआत में रूस भी इस संगठन का हिस्सा था लेकिन बाद में कुछ मतभेदों के बाद रूस को इस समूह से निकाल दिया गया. रूस के साथ रहने पर इस समूह में 8 सदस्य देश थे और इसे जी-8 कहा जाता था. इस संगठन का लक्ष्य मानवाधिकारों की रक्षा करना, कानून बनाए रखना और लगातार विकास करना है.
महात्मा गांधी की तोड़ी प्रतिमा
पीएम मोदी के इटली दौरे से पहले खालिस्तान समर्थकों ने वहां बनी महात्मा गांधी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया है. वहां भारत विरोधी नारे लिख दिए थे और मूर्ति के नीचे मृतक हरदीप सिंह निज्जर का नाम भी लिख दिया था. इस पर भारत ने इटली की सरकार से विरोध जताया था. इस पर वहां की सरकार ने जरूरी कार्रवाई की है. अब प्रतिमा को ठीक कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी इटली में मूर्ति का उनावरण करने वाले थे. ऐसे में प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ को सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है.