India-Central Asia Summit: पीएम मोदी वर्चुअल मोड में करेंगे शिखर सम्मेलन की मेजबानी, भारत के ‘एक्सटेंडेड नेबरहुड’ कांसेप्ट का है हिस्सा

पहला भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों पर चर्चा करने का मंच है. ये भारत के ‘एक्सटेंडेड नेबरहुड’ का हिस्सा है. दरअसल, पीएम मोदी ने 2015 में सभी मध्य एशियाई देशों की यात्रा की थी. जिसमें उन्होंने कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर विचारों के आदान-प्रदान किये थे.

PM Narendra Modi
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:36 AM IST
  • ये सम्मेलन भारत के ‘एक्सटेंडेड नेबरहुड’ का हिस्सा है
  • कई मुद्दों पर होगी बातचीत
  • पांच राष्ट्रपति होंगे शामिल

पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार यानि आज भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाले हैं. यह अपनी तरह का पहला वर्चुअल सम्मेलन होने जा रहा है. इस शिखर सम्मेलन में विश्व के बड़े-बड़े नेता सम्मिलित होने वाले हैं. ये सभी क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उठाए गए या उठाए जाने वाले कदमों पर विमर्श करेंगे और इसे लेकर विचार साझा करेंगे. ये शिखर सम्मेलन, भारत-मध्य एशिया साझेदारी के व्यापक और स्थायी महत्व का प्रतीक है, जिसे भारत और मध्य एशियाई देशों के राजनेताओं द्वारा मजबूत किया गया है.

पांच राष्ट्रपति होंगे शामिल 

इस वर्चुअल सम्मेलन में पांच राष्ट्रपति शामिल होने वाले हैं. जिसमें कजाकिस्तान के कसीम-जोमार्ट टोकायव, उज्बेकिस्तान के शवकत मिर्जियोयेव, ताजिकिस्तान के इमोमाली रहमोन, तुर्कमेनिस्तान के गुरबांगुली बर्दीमुहामेदो और किर्गिज के सदिर जापरोव शामिल होंगे और अपने विचार साझा करेंगे. 

विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह शिखर सम्मेलन भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच नेताओं के स्तर पर अपनी तरह का पहला इंगेजमेंट होगा. 

पहले विदेश मंत्रियों के स्तर पर हुई थी बातचीत 

ये बातचीत पहले विदेश मंत्रियों के स्तर पर हुई थी, जिसकी तीसरी बैठक 18 से 20 दिसंबर, 2021 तक नई दिल्ली में हुई थी. इस बैठक ने भारत-मध्य एशिया संबंधों को प्रोत्साहन दिया गया था. 10 नवंबर, 2021 को नई दिल्ली में अफगानिस्तान पर आयोजित क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के सचिवों ने भाग लिया था. इस बैठक में अफगानिस्तान पर एक सर्वमान्य क्षेत्रीय दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया था।

कई मुद्दों पर होगी बातचीत 

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कदमों पर चर्चा की जाएगी. इसमें वे सभी क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, विशेष रूप से उभरती क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर उनके जो विचार हैं उनका आदान-प्रदान करेंगे. 

ये सम्मेलन भारत के ‘एक्सटेंडेड नेबरहुड’ का हिस्सा है

पीएम ऑफिस के अनुसार, पहला भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों पर चर्चा करने का मंच है. ये भारत के ‘एक्सटेंडेड नेबरहुड’ का हिस्सा है. दरअसल, पीएम मोदी ने 2015 में सभी मध्य एशियाई देशों की यात्रा की थी. जिसमें उन्होंने कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर विचारों के आदान-प्रदान किये थे.

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