Police Commemoration Day: क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस, क्या है इतिहास, PM Modi ने की पुलिसकर्मियों के अथक समर्पण की सराहना

पुलिस स्मृति दिवस उस दिन की याद दिलाता है, जब 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने भारतीय पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर हमला कर दिया था. इसमें 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.  

पीएम मोदी ने बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों को दी श्रद्धांजलि
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST
  • हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस
  • चीनी सैनिकों के हमले के दौरान हो गए थे 10 पुलिसकर्मी शहीद

हर साल 21 अक्टूबर को देश की सेवा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले 10 सीआरपीएफ जवानों की शहादत को याद करने के लिए पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. इस दिन के पीछे एकमात्र विचार हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सैनिकों के हमले के दौरान मारे गए बहादुरों के बलिदान और श्रद्धांजलि को याद करना है.

सीमा सुरक्षा की दी गई थी बागडोर 
भारत के तिब्बत में 2,600 मील लंबी चीन के साथ सीमा है. 21 अक्टूबर 1959 को उत्तर पूर्वी इस सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारत के पुलिसकर्मियों (सीआरपीएफ) की थी. चीन के घात लगाकर हमला करने से ठीक एक दिन पहले 20 अक्टूबर 1959 को भारत ने तीसरी बटालियन को लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स के इलाके में तैनात किया था. इस कंपनी को तीन टुकड़ियों में बांटकर एक कंपनी को सीमा सुरक्षा की बागडोर दी गई थी. हमेशा की तरह इस कपंनी के जवान लाइन ऑफ कंट्रोल में गश्त लगाने के लिए निकले. 20 अक्टूबर को दोपहर तक तीनों टुकड़ियों में से दो टुकड़ी के जवान दोपरहर तक लौट आए. लेकिन तीसरी टुकड़ी के जवान उस दिन नहीं लौटे. उस टुकड़ी में दो पुलिस कांस्टेबल और एक पोर्टर था.

तलाशी अभियान चलाया
21 अक्टूबर की सुबह वापस नहीं लौटे टुकड़ी के जवानों के लिए तलाशी अभियान चलाने की योजना बनाई गई. जिसका नतृत्व तत्कालीन डीसीआईओ करम सिंह कर रहे थे. इस टुकड़ी में लगभग 20 जवान थे. करम सिंह घोड़े पर सवार हुए और बाकी जवान पैदल मार्च पर थे. पैदल चलने वाली सैनिकों को 3 अलग-अलग टुकड़ियों में बांट दिया गया था. तलाशी अभियान के दौरान ही चीन के सैनिकों ने घात लगाकर एक पहाड़ के पीछे से फायरिंग शुरू कर दी. भारत के जवान, जो अपने साथी को खोजने निकले थे, वो हमले के लिए तैयार नहीं थे. उनके पास जरूरी हथियार नहीं थे. इस हमले में 10 जवान शहीद हो गए थे और ज्यादातर जवान घायल हो गए थे, 7 की हालत गंभीर थी.

अंतिम संस्कार पूरे पुलिस सम्मान के साथ किया गया था
चीनी सैनिक गंभीर रूप से घायल जवान को बंदी बनाकर अपने साथ ले गए. बाकी अन्य जवान वहां से किसी तरह से निकलने में सफल हुए. इस घटना के बाद 13 नवंबर 1959 को शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों के शव को चीनी सैनिकों ने लौटा दिया था. भारतीय सेना ने उन 10 जवानों का अंतिम संस्कार हॉट स्प्रिंग्स में पूरे पुलिस सम्मान के साथ किया. इन्ही शहीदों के सम्मान में हर साल भारत में 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है. जनवरी 1960 में आयोजित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन ने निर्णय लिया कि अब से 21 अक्टूबर को स्मृति दिवस ​​या शहीद दिवस के रूप में मनाया जाएगा. 

हर साल होती है पुलिस परेड
देश के विभिन्न हिस्सों से पुलिस बलों के सदस्य उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हॉट स्प्रिंग्स की यात्रा करते हैं. इस दिन को लोग 'पुलिस शहीद दिवस' के नाम से भी जानते हैं. दिल्ली के नेशनल पुलिस मेमोरियल में हर साल इस दिन परेड होती है जिसकी शुरुआत 2012 से हुई थी. अनगिनत पुलिसकर्मियों द्वारा अपने कर्तव्य के पालन में किए गए बलिदान की गवाही के रूप में चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय पुलिस स्मारक 'The Wall of Valour' बनाया गया है. 

'वीरता की दीवार' 30 फीट लंबी है. ग्रेनाइट की मूर्ति पुलिस स्मारक पर 35,000 से अधिक शहीदों के नाम दर्ज हैं, जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया है. यह स्मारक पुलिस बलों को राष्ट्रीय पहचान, गौरव, उद्देश्य की एकता, सामान्य इतिहास और भाग्य की भावना देता है.


पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पुलिस कर्मियों की उनके समर्पण और चुनौतियों के माध्यम से नागरिकों का मार्गदर्शन करने के लिए सराहना की. एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा, हम अपने पुलिस कर्मियों के अथक समर्पण की सराहना करते हैं. वे महान समर्थन के स्तंभ हैं, चुनौतियों के माध्यम से नागरिकों का मार्गदर्शन करते हैं और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. उन्होंने कहा, सेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता वीरता की सच्ची भावना का प्रतीक है. सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी कर्मियों को हार्दिक श्रद्धांजलि.

गृह मंत्री अमित शाह बोले- पूर्वोत्तर में आतंकवाद में आई कमी
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि सभी शहीदों के परिवारजनों को कहना चाहता हूं कि आज देश दुनिया में अग्रसर हो रहा है, इसकी नींव में आपके परिवारजनों का सर्वोच्च बलिदान है और यह राष्ट्र कभी इसे भुला नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर देशभर के कोने-कोने और सीमा पर आजादी के बाद से अब तक जिन जवानों ने अपना बलिदान दिया है, कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं.

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव के लिए संसद में तीन विधेयक पेश किए हैं. उन्होंने कहा कि ये तीनों कानून 150 साल पुराने कानूनों की जगह लेंगे और प्रत्येक नागरिक को सभी संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देंगे. शाह ने कहा कि पुलिस कर्मियों के प्रयासों की बदौलत पूर्वोत्तर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और विद्रोह की घटनाओं में 65 प्रतिशत की गिरावट आई है.

सीएम योगी ने किया नमन
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन सभी पुलिसकार्मिकों को विनम्र श्रद्धांजलि दी जो कर्तव्य का पालन करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देकर अमर हो गए. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों का ये बलिदान हमें निरंतर कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा एवं दायित्व बोध के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा. शहीद पुलिसजनों के परिवार के सदस्यों को आश्वस्त करता हूं कि हमारी सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी जरूरी कदम उठाने के लिए सदैव तत्पर रहेगी. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परेड को सलामी दी. इस दौरान उन्हें शोक पुस्तिका सौंपी गई. इसके बाद डीजीपी ने शोक पुस्तिका में दर्ज अमर शहीदों के नाम पढ़े. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस शहीद स्मारक स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को नमन किया. सीएम योगी ने कार्यक्रम में शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से मुलाकात कर उन्हे सम्मानित भी किया. 

 

Read more!

RECOMMENDED