बीजेपी के दिग्गज लीडर और देश के पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत खराब है. उनको दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है. 96 साल के आडवाणी उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं. भारत सरकार ने इसी साल आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके आवास पर जाकर भारत रत्न से सम्मानित किया था. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे. आडवाणी जब सिर्फ 14 साल के थे, तब वो RSS में शामिल हुए थे. चलिए इस दिग्गज लीडर के सफर के बारे में बताते हैं.
14 साल की उम्र में RSS से जुड़े-
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के कराची में हुआ था. उनके पिता का नाम केडी आडवाणी और माता का नाम ज्ञानी आडवाणी था. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई कराची में हुई. इसके बाद मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई की. देश के विभाजन के बाद लालकृष्ण आडवाणी का परिवार भारत चला आया.
आडवाणी जब 14 साल के थे, तब ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे. साल 1944 में कराची के मॉडल हाई स्कूल में बतौर टीचर नौकरी करने लगे. जब देश आजाद हुआ तो उसके कुछ दिनों बाद ही उनका परिवार घर छोड़कर भारत आ गया. 12 सितंबर 1947 को पूरा परिवार सिंध से दिल्ली के लिए रवाना हो गया.
जनसंघ में आडवाणी की सियासी पारी-
साल 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की. लालकृष्ण आडवाणी इसके सदस्य बने. साल 1957 तक जनसंघ के सचिव रहे. दिसंबर 1972 से 1977 तक आडवाणी ने जनसंघ का अध्यक्ष पद संभाला. देश में आपातकाल लागू होने के बाद 26 जून 1975 को आडवाणी को बैंगलोर से गिरफ्तार किया गया. आपातकाल के बाद देश में चुनाव हुए तो पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनी. मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने. इस सरकार में आडवाणी सूचना एवं प्रसारण मंत्री बने.
बीजेपी के संस्थापक सदस्य-
साल 1980 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना हुई. लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में एक थे. आडवाणी 3 बार बीजेपी के अध्यक्ष बने. साल 1986 में मई महीने में पहली बार बीजेपी के अध्यक्ष बनाए गए. इस पद पर वो साल 1991 तक रहे. आडवाणी दूसरी बार साल 1993 में पार्टी के अध्यक्ष बने और इस पद पर साल 1998 तक रहे. लालकृष्ण आडवाणी साल 2004 में आखिरी बार बीजेपी के अध्यक्ष बने और साल 2006 तक इस पद पर बने रहे.
राम रथ यात्रा-
लालकृष्ण आडवाणी ने पहली बार राम रथ यात्रा 25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ से शुरू की. यह यात्रा 30 अक्तूबर 1992 को अयोध्या में समाप्त होने वाली थी. लेकिन उससे पहले ही बिहार में आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया था. आडवाणी की इस रथ यात्रा से देश की सियासत हिल गई थी. इस यात्रा से बीजेपी बड़ा सियासी फायदा हुआ और पार्टी सियासी पटल पर चमक उठी.
उपप्रधानमंत्री बने लालकृष्ण आडवाणी-
लालकृष्ण आडवाणी देश के उपप्रधानमंत्री भी रहे. इस पद पर उनका कार्यकाल 2002 से साल 2004 तक रहा. साल 1998 में एनडीए की सरकार में वो गृहमंत्री भी बने. आडवाणी 7 बार लोकसभा सदस्य और 4 बार राज्यसभा सांसद चुने गए. पहली बार साल 1970 में आडवाणी को राज्यसभा का सदस्य चुना गया. जबकि साल 1989 आम चुनाव में नई दिल्ली लोकसभा सीट से पहली बार लोकसभा सदस्य चुने गए.
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