UP: लोकसभा चुनाव से पहले महिला वोटरों को साधने के लिए BJP ने बनाई रणनीति, संपर्क अभियानों के जरिए 'आधी आबादी' तक पहुंचेगी पार्टी

सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में 'आधी आबादी' का वोटिंग पैटर्न और बीजेपी को मिला समर्थन पार्टी को उत्साहित करने वाला है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने चुनावी रणनीति को 'W' फैक्टर के इर्द-गिर्द रखने का फैसला किया है. 

पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 05 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:53 PM IST
  • लखनऊ में 8 राज्यों की महिला कार्यकर्ताओं को मिलेगा जीत का मंत्र
  • 9 संपर्क अभियानों का किया जाएगा आयोजन 

लोकसभा चुनाव से पहले अहम माने जाने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों ने 'W' फैक्टर को एक बार फिर केंद्र में ला दिया है. खास तौर पर हिंदी हार्टलैंड (Hindi heartland) में महिलाओं ने जिस तरह से प्रधानमंत्री के चेहरे पर भरोसा जताते हुए बीजेपी को वोट दिया है, पार्टी ने अपनी चुनावी रणनीति को 'W' फैक्टर के इर्द-गिर्द रखने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत इसी सप्ताह होगी जब लखनऊ में आठ राज्यों की महिला कार्यकर्ताएं जुटेंगी. 

महिला वोटरों को साधने पर फोकस 
सत्ता का सेमीफाइनल माने जा रहे चुनाव में आधी आबादी का वोटिंग पैटर्न और बीजेपी को मिला समर्थन पार्टी को उत्साहित करने वाला है. खुद पार्टी के औपचारिक विश्लेषण से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आधी आबादी की बात की बल्कि महिलाओं को एक जाति भी बता दिया. इसके पीछे महिला मतदाताओं का वो समर्थन है जो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे हिंदी पट्टी के राज्यों में महिलाओं ने बीजेपी को दिया है. पार्टी ने पहले ही इसकी स्थिति को भांपते हुए मिशन 2024 के लिए महिला वोटरों को साधने पर फोकस बढ़ा दिया है. इसकी शुरुआत इसी सप्ताह हो जाएगी.

महिला कार्यकर्ताओं को सौंपा जाएगा टास्क
इस रणनीति के लिए तैयारी के लिए बैठक और कार्यशाला 10 दिसंबर को लखनऊ में होगी. आठ राज्यों की महिला कार्यकर्ताओं को इसके लिए बुलाया गया है. इसमें हाल में बीजेपी पर भरोसा जताने वाले राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की महिला कार्यकर्ता भी शामिल हैं. इस कार्यशाला का उद्देश्य पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं को 'टास्क' सौंपने वाली महिला पदाधिकारियों को आधी आबादी से सम्बंधित चुनावी अभियानों का ब्लू प्रिंट (Blue Print) सौंपना है. 

कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के कार्यकर्ता शामिल होंगे. इसमें इन राज्यों की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्रियों को बुलाया गया है जो अपने प्रदेश में जाकर अन्य महिला पदाधिकारियों के साथ इस रणनीति को साझा करेंगी. इसमें वरिष्ठ नेताओं को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाएगा.

हर वर्ग की महिलाओं तक पहुंचने का लक्ष्य 
खास बात ये है कि 10 दिसंबर को होने वाली कार्यशाला में  बीजेपी पहली बार महिला मतदाताओं को लेकर अपने विस्तृत प्लान और रणनीति को पदाधिकारियों के साथ साझा करेगी. ये लोकसभा चुनाव के लिए खास तौर पर चलाए जाने वाले 9 अभियानों के बारे में महिला कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे. इसमें नवयुवती मतदाता अभियान, एनजीओ समागम, प्रबुद्ध वर्ग को जोड़ने के लिए स्मार्ट महिला अभियान, महिला खिलाड़ियों को जोड़ने के लिए स्पोर्ट्स ग्रूप अभियान, महिला लेखकों और पत्रकारों को जोड़ने के लिए विशेष अभियान, महिला यात्रियों और आत्मनिरभर महिला के लिए ट्रैव्लर्ज (Women Travellers) अभियान, घर में रहने वाली महिलाओं के लिए अभियान, स्वयं सहायता समूहों में काम करने वाली महिलाओं को जोड़ने के लिए विशेष अभियान और ट्रांसजेंडर समूहों के लिए भी अभियान हैं. 

ये सभी अभियान दिसंबर-जनवरी में शुरू होंगे. ये सारे अभियान ख़ास तौर पर इन वर्ग की महिलाओं के बीच चलाए जाएंगे. हर प्रोग्राम को लेकर अलग रूपरेखा तैयार की गई है. इस अभियानों की संयोजक 9-12 महिला कार्यकर्ताओं को भी लखनऊ में कार्यशाला में बुलाया गया है. इसमें इन अभियानों को लेकर विस्तृत चर्चा होगी. इसके साथ ही उनको प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. साथ ही महिला वोटर चेतना अभियान को लेकर भी समीक्षा की जाएगी.

हर वर्ग और जाति की महिलाएं थीं शामिल
दरअसल पार्टी के रणनीतिकार ये मानते हैं कि महिलाओं का बीजेपी के प्रति ये रुझान अचानक नहीं हुआ. इसके लिए उज्ज्वला योजना से लेकर प्रधानमंत्री आवास तक की योजनाएं शामिल हैं, जिसमें महिलाओं को ही टार्गेट कर उनको लाभ दिया गया. पिछले साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सत्ता में वापसी की बड़ी वजह ये महिला लाभार्थी बनीं. इसमें हर वर्ग और जाति की महिलाएं शामिल थीं, जिनका समर्थन बीजेपी को मिला. वही हाल के समय में मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना ने भी असर दिखाया. 

बीजेपी सरकार ने हमेशा बहनों के लिए किया काम 
यूपी बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष सांसद गीता शाक्य का कहना है कि महिलाएं मोदी जी पर भरोसा करती हैं. एक सिर्फ़ त्वरित रणनीति की बात नहीं है. प्रधानमंत्री जी की सोच महिलाओं को सशक्त बनाने की है. चाहे केंद्र की उज्ज्वला जैसी योजना हो या यूपी जैसे राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध कम होना, बीजेपी सरकार ने हमेशा बहनों के लिए काम किया है. 

हम हर वर्ग की महिलाओं तक पहुंच रहे हैं. महिला मोर्चा को लोकसभा चुनाव से पहले इन 9 महिला केंद्रित अभियानों की ज़िम्मेदारी मिलने वाली है. इसमें हर वर्ग की महिला मतदाताओं को 33 फीसदी आरक्षण और महिलाओं से सम्बंधित योजनाओं के बारे में जानकारी देने का लक्ष्य भी रखा गया है. गीता शाक्य का कहना है महिला मोर्चा की कार्यकर्ता भी इस बार उत्साहित हैं. यूपी से मध्य प्रदेश और राजस्थान गई महिला कार्यकर्ता खुशी व्यक्त कर रही हैं और वहां महिलाओं के वोट मिलने से उत्साहित हैं.

लोकसभा चुनाव के लिए पहली बार बूथ स्तर पर दी गई बड़ी जिम्मेदारी
बीजेपी ने महिला मतदाताओं की भूमिका को भांपते हुए पहली बार महिला कार्यकर्ताओं की टीम को बूथ स्तर पर महिलाओं की पूरी जिम्मेदारी दे दी है. 'वोटर चेतना अभियान' के दौरान जहां हर वर्ग तक पहुंचने की कोशिश की गई, वहीं महिला कार्यकर्ताओं ने BLO से मिलकर मतदान करने वाली महिलाओं का नाम शामिल कराया. इसके लिए महिला मोर्चे की कार्यकर्ताओं ने बूथ स्तर जाकर काम किया. महिलाओं की मतदाता पर्ची भी बनवाई. खास तौर पर पहली बार वोट करने वाली युवा लड़कियों को वोटर बनाने के लिए महिला कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर के डिग्री कॉलेजों में अभियान चलाया. 

चल रहा वोटर चेतना अभियान 
सर्वोदय नगर में महिलाओं को वोटर बनाने के अभियान में जुटीं बीजेपी महिला मोर्चा को ज़िला अध्यक्ष सीता नेगी और कार्यकर्ता रीना चौरसिया का कहना है कि जिस तरह से मोदी जी ने महिलाओं की फिक्र कर उनको सौगात दी है. उसका लाभ और उसका संदेश महिला कार्यकर्ता घर-घर पहुंचाएंगी. अभी पार्टी का वोटर चेतना अभियान चल रहा है. इससे पहले 'सेल्फ़ी विद महिला लाभार्थी' और 'लखपति दीदी' अभियान भी पार्टी चला चुकी है.

 

Read more!

RECOMMENDED