वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया. अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के विस्तार की घोषणा की गई. वित्त मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगले 5 साल में ग्रामीण इलाकों में दो करोड़ और घर बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि पीएम आवास योजना के तहत 70 फीसदी मकान महिलाओं को दिए गए हैं. इसके साथ ही ग्रामीण इलाके में 70 फीसदी पीएम आवास योजना महिलाओं के संयुक्त मालिकाना हक वाले मामले में दिए गए हैं.
आइए जानते हैं कि पीएम आवास योजना क्या है, और कौन से लोग इसके तहत घर बनाने के लिए सरकार से आर्थिक मदद ले सकते हैं.
पीएम आवास योजना क्या है
इस आवास योजना की शुरुआत 25 जून, 2015 में हुई थी. पीएम आवासीय योजना को दो भागों में बांटा गया है: प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) और प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी). इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) और निम्न आय समूह (LIG) वाले ग्राहकों को प्राथमिकता दी जाती है. पीएमएवाई का लक्ष्य गरीबों को पक्का घर उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत लोगों को 2 लाख 65 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है.
किन लोगों को मिलता ही सब्सिडी
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत आपको होम लोन की ब्याज दर पर सब्सिडी मिलती है. सब्सिडी लेने के लिए आपके और आपके परिवार के सदस्यों (पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे) के पास अपना घर नहीं होना चाहिए. इनकम के आधार पर घर का कारपेट एरिया 60-200 वर्ग मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए. 6 लाख से 12 लाख रुपये के लोन के लिए ब्याज दर सब्सिडी 3% से 6.50% के बीच है. अगर आप EWS कैटेगरी से हैं तो आपकी सालाना इनकम 3 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए आपकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक होनी जरूरी है. शुरुआत में पीएमएवाई में होम लोन की रकम 3 से 6 लाख रुपए तक थी और उसी पर सब्सिडी मिलती थी, लेकिन इसे 18 लाख रुपए तक कर दिया गया है.
क्या है सब्सिडी का प्रोसेस
लोन सेंशन होने के बाद आपकी डिटेल वैरिफाई की जाती हैं. एक बार मंजूरी मिल जाने के बाद आप सब्सिडी के पात्र बन जाते हैं. लोन देने के बाद संबंधित बैंक आपकी तरफ से सब्सिडी के लिए अप्लाई करता है. मंजूरी मिलने के बाद पीएम आवास योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी राशि बैंक को भेज दी जाती है और संस्थान इसे आपके होम लोन अकाउंट में जमा करता है. अमाउंट क्रेडिट हो जाने के बाद आप चाहें तो अपनी ईएमआई कम करा सकते हैं या फिर टैन्योर.