प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार राष्ट्रीय राजधानी के आईटीपीओ परिसर में अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-कन्वेंशन सेंटर (IECC) परिसर का उद्घाटन करेंगे. प्रगति मैदान में नया बना आईईसीसी कॉम्प्लेक्स में कन्वेंशन सेंटर, प्रदर्शनी हॉल, एम्फीथिएटर आदि सहित कई अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली स्थित आर्कोप एसोसिएट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संजय सिंह इस प्रोजेक्ट के आर्किटेक्ट थे. संजय सिंह की कंपनी ने देश के कई बड़े प्रोजेक्ट्स किए हैं. जिनमें IIM, AIIMS से लेकर कई बड़ी कॉर्पोरेट बिल्डिंग शामिल हैं. संजय सिंह ने इस प्रोजेक्ट से जुड़ी कई बड़ी चुनौतियों के बारे में मीडिया को बताया.
सबसे बिजी जगहों में से एक है प्रगति मैदान
शहर की सबसे बिजी जगहों में से एक संजय सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फैक्टर सिर्फ इसका स्केल नहीं बल्कि यहां का फुटफॉल भी थी. उन्हें पता चला कि 2015 में ट्रेड फेयर के सबसे व्यस्त दिन पर, यहां 1,70,000 लोग थे. इसलिए उन्हें इस बात को ध्यान में रखकर डिजाइन करना था. उन्होंने लोगों के व्यवहार के पैटर्न के आधार पर डिजाइन किया. उन्हें रिक्शेवालों से लेकर आहार फेयर में आने वाले किसानों, या डिप्लोमेट, अमेरिकी राष्ट्रपति या यहां तक कि हमारे अपने प्रधान मंत्री- अलग-अलग तबके के लोगों के हिसाब से डिजाइन करना था.
इसके लिए, उन्होंने एंट्रेंस पर भीड़-भाड़ कम करने के लिए हवाईअड्डे-ड्रॉप की तरह एक व्यवस्थित ड्रॉप-ऑफ क्षेत्र की योजना बनाई. सरकार ने भी प्रोजेक्ट पार्किंग को शहर के सड़क नेटवर्क के साथ इंटीग्रेट किया. यहां दो ड्रॉप-ऑफ लाउंज हैं जहां विजिटर्स सुरक्षा और टिकट के लिए अपनी बारी का इंतजार कर सकते हैं.
ग्लोबल अपील का था प्रोजेक्ट
प्रगति मैदान में कई महान वास्तुकारों जैसे राज रेवल और महेंद्र राज, चार्ल्स कोरिया और बीवी दोशी की इमारतें बनी हैं और संजय सिंह ने उनके काम का सम्मान किया लेकिन उन्होंने इस बात को यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट में बाधा नहीं बनने दिया. उनका उद्देश्य रहा कि यह प्रोजेक्ट ग्लोबल अपील का हो क्योंकि जी20 यहां आयोजित होने वाला है. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने ध्यान रखा कि यह सिंगापुर या सिडनी की तरह न दिखे बल्कि यह आधुनिक भारत का प्रतीक बने.
उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि यहां पर कभी यमुना बहती थी और इसलिए, उन्होंने डिजाइन को फ्लूइड फॉर्म में देखा. आप लेवल चार तक जाते हैं, तो आपको पुराना किला और इंडिया गेट की छतरी दिखाई देती है. विचार यह था कि इसे इस तरह से पूरा किया जाए कि यह एक आयकॉनिक स्ट्रक्चर बन जाए जो अपनी जड़ों से अलग न हो.
जलभराव की परेशानी को किया हल
प्रगति मैदान नदी के किनारे होने के कारण यहां जलभराव की समस्या रहती है. इसके लिए उन्होंने दो-तीन स्थानों पर रेनवाटर टैंक बनाए हैं. ये टैंक बारिश के दौरान छत के पानी को रोकेंगे और ओवरफ्लो होकर बारिश के पानी को नालों में बहा देंगे. संजय सिंह ने पब्लिक आर्ट को महत्व दिया है.
उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम, अतिथि देवो भव, इंडिया राइजिंग जैसी बातों से प्रेरित होकर हेक्सागोनल बिल्डिंग ब्लॉक्स का उपयोग करके 'ट्री ऑफ लाइफ' का चित्रण किया है; पंच महाभूतों में पांच तत्वों का विचार और फर्नीचर में बिदरी और कश्मीर शिल्प से प्रेरणा मिलती है. दूसरी चुनौतियों के बारे में उन्होंने कहा कि समय, सही टीम मिलना और फिर परियोजना का क्रियान्वयन- ये सब चुनौतीपूर्ण था. हालांकि, उन्हें लगता है कि उन्होंने गुणवत्ता और डिजाइन दोनों ही मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है. यह वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स के अनुरूप है.
कंपनी ने बनाई हैं देश की कई बड़ी बिल्डिंग्स
आपको बता दें कि उनकी कंपनी Arcop Associates Pvt Ltd ने देश की कई बड़ी बिल्डिंग्स बनाई हैं. ARCOP की भारत में उपस्थिति 1970 के दशक की शुरुआत से रही है और इसकी स्थापना 1985 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में की गई थी. यह फर्म शहरी डिजाइन, शहरी रिडेवलपमेंट, संरक्षण, प्लानिंग, वास्तुशिल्प प्रोग्रामिंग और प्रोजेक्ट प्लानिंग आदि के क्षेत्रों में विशेष सेवाएं भी देती है.
इसमें 200 आर्किटेक्ट, योजनाकारों और शहरी डिजाइनरों सहित हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स की एक टीम शामिल है. ARCOP के वर्तमान निदेशक, संजय सिंह के पास लगभग हर विषय में अत्याधुनिक इमारतों को डिजाइन करने का 27 सालों से ज्यादा का अनुभव है. कंपनी के प्रमुख प्रोजेक्ट्स में कई IIMs जैसे काशीपुर, अमृतसर, विशाखापटनम आदि, AIIMS जैसे देवघर. बिलासपुर, नई दिल्ली आदि, भारत वंदन पार्क, हैदराबाद का सिटी पुलिस कमिश्नरेट आदि शामिल हैं.