मध्य प्रदेश के इंदौर में सोमवार से 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (PBD) शुरू हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मेलन को संबोधित किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 10 जनवरी को सम्मेलन का समापन करेंगी. राष्ट्रपति समापन सत्र में प्रवासी भारतीयों को सम्मानित भी करेंगी. गुयाना सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली मुख्य अतिथि और सूरीनाम गणराज्य के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित किया.
पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों के योगदान को सराहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को संबंधित करते हुए कहा कि दुनिया की व्यवस्था में भारत का महत्व आपकी वजह से बढ़ा है. साथियों, हमारे यहां कहा जाता है कि स्वदेशों भुवनत्रयम. हमारे लिए पूरा संसार ही स्वदेश है. मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है. इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था. हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए. हमने सभ्यता के समागम के महत्व को समझा. भारत के अलग-अलग प्रांतों, क्षेत्रों के लोग मिलते हैं तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का अनुभव होता है.अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी होने का भारतीय गौरव अनेक गुना बढ़ जाता है. जब हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है तो उसे सशक्त और समर्थ भारत इसकी आवाज सुनाई देती है. इसलिए ही तो मैं आप सभी को सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत कहता हूं. सरकारी व्यवस्था में राजदूत होते हैं, लेकिन आप राष्ट्रदूत हैं. आप ब्रांड एम्बेसेडर हैं. आप मेक इन इंडिया, योग और आयुर्वेद, कॉटेज इंडस्ट्री और हैंडीक्राफ्ट के ब्रांड एम्बेसेडर हैं.आप भारत के मिलेट्स के ब्रांड एम्बेसेडर हैं. यूनाइटेड नेशंस ने इस साल को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है. आप यहां से मिलेट्स लेकर जाइए.
गुयाना और सूरीनाम के राष्ट्रपति ने जताया आभार
गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए आभार जताया. उन्होंने मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को सराहा. उन्होंने कहा कि इसके बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता. भारत प्रतिभाओं को निखारने में दुनिया में नंबर एक है. हम प्रवासियों के लिए भारत के चलाए जा रहे कार्यक्रमों से काफी कुछ सीख रहे हैं. उधर,
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने कहा कि जननी और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है. उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा.
सबसे पहले प्रवासी भारतीय दिवस 2003 में मनाया गया
सबसे पहले प्रवासी भारतीय दिवस वर्ष 2003 में मनाया गया था. साल 1915 में 9 जनवरी को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे इसलिए 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है. प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का निर्णय एलएम सिंघवी की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार लिया गया था. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 8 जनवरी 2002 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक सार्वजनिक समारोह में 9 जनवरी प्रवासी भारतीय दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने की घोषणा की थी.
सम्मेलन का उद्देश्य
प्रवासी भारतीयों का नेटवर्क दुनिया भर में फैला है. प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित करने का प्रमुख उद्देश्य प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धियों को दुनिया के सामने लाना है, जिससे दुनिया को उनकी ताकत का अहसास हो सके. वर्ष 2015 के बाद से हर दो साल में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किया जाता है. इस आयोजन ने प्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच को बदलने का काम किया है. साथ ही इसने प्रवासी भारतीयों को देशवासियों से जुड़ने का एक अवसर उपलब्ध करवाया है.
प्रवासी भारतीय दिवस की थीम
प्रवासी भारतीय दिवस की हर दो साल में एक विशेष थीम होती है. 2015 में प्रवासी भारतीय दिवस की थीम 'अपना भारत अपना गौरव' तय किया गया. प्रवासी भारतीय दिवस 2023 की थीम 'प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार' है. 2015 के बाद से यह सम्मेलन हर दूसरे साल मनाया जाता है.
सम्मेलन में 70 देशों के सदस्य लेंगे हिस्सा
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में 70 देशों से 3500 से अधिक सदस्य हिस्सा लेंगे. सम्मेलन के पहले दिन गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली, सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी, ऑस्ट्रेलिया की सांसद जेनेटा मैस्करेनहास शामिल होंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे. सम्मलेन के लिए 10 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.