बिहार में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए बुद्ध सर्किट के बाद अब सरकार चंपारण सर्किट की ओर ध्यान देने जा रही है. इसे लेकर पर्यटन विभाग के मंत्री अपना डीपीआर तैयार कर चुके हैं और बहुत जल्द इसके निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अब अगली कड़ी में चंपारण सर्किट को लोगों के सामने लाने का लक्ष्य रखा गया है, जो अपने आप में दर्शनीय होने के साथ ऐतिहासिक भी है.
चंपारण सर्किट के लिए 33 करोड़ रुपये की मंजूरी
पर्यटन विभाग के मंत्री नारायण प्रसाद का कहना है कि राज्य पर्यटन विभाग चंपारण सर्किट के लिए 33 करोड़ रुपये की मंजूरी दे चुकी है. इसी पैसे से आने वाले दिनों में चंपारण सर्किट को मूर्त रूप दिया जाएगा. चंपारण की भूमि वैसे भी पहले से दर्शनीय है और अब इसे पर्यटकों के लिए और भी आकर्षक बनाया जाएगा. मंत्री के मुताबिक, इसके लिए एक रोड मैप भी बनाया गया है और चार योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. साथ ही कई और योजनाएं हैं, जिन पर वन विभाग के साथ मिलकर सरकार विचार कर रही है.
धार्मिक लिहाज से महत्वपूर्ण है चंपारण
पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने मीडिया को बताया कि चंपारण की धरती अपने आप में एक दर्शनीय स्थल है और यहां देश-विदेश से पर्यटकों के आने की संभावना सबसे ज्यादा है. प्राकृतिक संसाधन और जल,जंगल और जमीन से भरी ये धरती धार्मिक मामले में भी समृद्ध रही है. चंपारण की धरती पहले भी देश के पर्यटकों को लुभाती रही है. हिमालय के नजदीक होने की वजह से चंपारण का मौसम बिल्कुल अलग होता है. यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जानने का अवसर ज्यादा है. यहीं से उन्होंने अपने आंदोलन की शुरूआत की थी.
कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से पर्यटन बढ़ेगा
मंत्री ने आगे बताया कि चंपारण से बिल्कुल नजदीक कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बन जाने से चंपारण का दरवाजा देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए खुल गया है. इसलिए चंपारण सर्किट पर्यटकों को लुभाएगा. बस इसके विस्तार की जरूरत है और मोडिफिकेशन की. जिसके लिए सरकार पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकार चंपारण को एक विशेष सर्किट के रूप में डेवलप करने जा रही है, जो यूपी और नेपाल सहित देश के बाकी हिस्सों के पर्यटक अपना सप्ताहांत चंपारण में बिताएंगे और जंगलों में घूमकर आनंदित हो जाएंगे.
(सुजीत झा की रिपोर्ट)
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