UP Election 2022: आचार संहिता लागू होने के बाद वर्चुअल प्रचार के लिए राजनीतिक दलों की क्या है तैयारियां,जानिए सब कुछ

चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में तारीखों का ऐलान कर दिया है. 15 जनवरी तक पूरी तरह से वर्चूअल प्रचार होगा. उसके बाद आयोग इसकी समीक्षा करेगा. हालांकि राजनीतिक दलों ने वर्चुअल प्रचार और रैली की योजना पर पहले ही काम करना शुरू कर दिया था. डिजिटल रथ और वर्चुअल प्रचार के लिए पार्टी पूरी तरह से तैयार है. चुनाव में वर्चूअल माध्यम से प्रचार की घोषणा फिलहाल भाजपा को सबसे ज्यादा रास आ रही है क्योंकि पिछले कुछ समय से पार्टी इसकी तैयारी कर रही है.

UP Elections 2022
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 10 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:03 AM IST
  • डिजिटल रथ से किया जाएगा प्रचार
  • फेसबुक पेज के जरिए होगा प्रचार
  • ऑफिस में तैयार किया वॉर रूम 

चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में तारीखों का ऐलान कर दिया है. 15 जनवरी तक पूरी तरह से वर्चूअल प्रचार होगा. उसके बाद आयोग इसकी समीक्षा करेगा. हालांकि राजनीतिक दलों ने वर्चुअल प्रचार और रैली की योजना पर पहले ही काम करना शुरू कर दिया था.

बीजेपी
डिजिटल रथ और वर्चुअल प्रचार के लिए पार्टी पूरी तरह से तैयार है. चुनाव में वर्चूअल माध्यम से प्रचार की घोषणा फिलहाल भाजपा को सबसे ज्यादा रास आ रही है क्योंकि पिछले कुछ समय से पार्टी इसकी तैयारी कर रही है. इसके लिए पार्टी ने अपनी सोशल मीडिया टीम और आई टी टीम को मजबूत किया है. पार्टी की तीन वर्चुअल रैलियां कोविड की दूसरी लहर के दौरान ही हो चुकी हैं, जिसे जेपी नड्डा, स्मृति ईरानी और नरेंद्र सिंह तोमर ने सम्बोधित किया था. पार्टी के पास सभी 98 संगठनात्मक जिलों में आई टी संयोजक है इस बार पार्टी ने चुनाव आयोग के निर्देश से पहले ही वर्चुअल रैली करने की योजना बना ली थी. पार्टी सूत्रों के अनुसार ऐसी 100 से ज्यादा रैलियों की योजना बनायी गयी है. इसमें 3D स्टूडीओ मैक्स का सहारा लिया जाएगा यानी अलग अलग जगह बैठे नेता रैली में एक ही वर्चुअल मंच कर बैठे नजर आएंगे.

डिजिटल रथ से किया जाएगा प्रचार
इसके साथ ही पार्टी ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में डिजिटल रथ चलाने का फैसला किया है. हर विधानसभा में छोटे रथों के जरिए डिजिटल प्रचार किया जाएगा, जिसमें शीर्ष नेताओं के प्री-रिकॉर्डेड भाषणों, ऑडियो-विडियो प्रेजेंटेशन के जरिए प्रचार होगा. पिछले दिनों लखनऊ में प्रवास और रात्रि बैठक के दौरान अमित शाह ने डिजिटल माध्यम से प्रचार अभियान पर मंथन किया था. वैसे देखा जाए तो डिजिटल माध्यम से प्रचार का फायदा बीजेपी पिछले तीन चार चुनाव में उठा चुकी है. टेलिफोन मैसेज,ऑडियो मैसेज पहले भी भाजपा के प्रचार नीति का हिस्सा रहे हैं, लेकिन कोविड की दूसरी लहर के दौरान आई टी टीम को मजबूत करके इसका दायरा बढ़ाया गया है. करीब 50 जिलों में पार्टी के आई टी कक्ष हैं, जिसमें पूरा ब्योरा मौजूद है. एक क्लिक के द्वारा उस क्षेत्र के बूथ कार्यकर्ताओं तक पहुंचा जा सकता है.

समाजवादी पार्टी 
समाजवादी पार्टी की अभी वर्चुअल रैलियों को लेकर कोई खास तैयारी सामने नहीं आयी है. हालांकि पार्टी सूत्रों के अनुसार इसके लिए प्लानिंग की जा रही है. सपा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज तक को बताया कि सपा हर तरह से चुनाव लड़ने को तैयार है. फिर चाहे वो वर्चुअल हो या कोई और माध्यम हो. साथ ही अखिलेश ने चुनाव आयोग से कुछ फंड्ज देने की मांग भी की. अखिलेश ने कहा कि जिन दलों के पास इतना मजबूत इंफ्रा नही हैं उनकी मदद होनी चाहिए. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने बताया कि सपा डिजिटली चुनाव में उतरने को तैयार है, हमारे सारे कार्यकर्ता डिजिटल तरीके से कैंपेन करेंगे.

वॉलेनटियर्स को दी जा रही है ट्रेनिंग
पिछले कुछ समय से समाजवादी पार्टी की डिजिटल विंग को मजबूत किया गया है और लोगों को जोड़ा गया है. पार्टी के वॉलेनटियर्स को डिजिटल माध्यम की ट्रेनिंग भी दी गयी है.समाजवादी पार्टी अभी 15 जनवरी का इंतजार कर रही है. अगर 15 जनवरी के बाद भी रोक जारी रहती है तो सपा समाजवादी विजय रथ यात्रा में जो जिले छूट गए हैं उन जिलों में वर्चुअल सम्बोधन करेगी. सपा का मानना है कि यूपी को डिजिटल माध्यम से जोड़ने में अखिलेश यादव और उनके द्वारा बांटे गए लैपटॉप का योगदान है.

कांग्रेस 
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने डिजिटल प्लान तैयार किया है, जिसमें 1.5 लाख व्हाट्सएप ग्रुप और 15000 फेसबुक पेज के जरिए 3 करोड़ लोगों को जोड़ा गया है. बताया जा रहा है कि चुनावी कैंपेन के लिए कांग्रेस पूरी तरीके से तैयार हैं. कांग्रेस ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किए हैं, जिससे लोगों को जोड़ा गया है. उसके बाद उन व्हाट्सएप ग्रूप के द्वारा कांग्रेस की प्रतिज्ञाएं लगातार उन तक भेजी जा रही हैं. इसके साथ-साथ कांग्रेस ने महिलाओं को नेतृत्व में शामिल किया है और व्हाट्सएप के जरिए ब्लॉक स्तर पर सम्पर्क किया जा रहा है.

फेसबुक पेज के जरिए होगा प्रचार
फेसबुक पेज के जरिए कांग्रेस अपनी प्रतिज्ञा यात्रा और अपनी लाइव रैलियों को लोगों तक पहुंचा रही है. इसके अलावा कांग्रेस ने अपने डिजिटल प्लान के तहत तकरीबन दो लाख प्रशिक्षित कार्यकर्ता तैयार किए हैं, जो सभी विधानसभाओं में घूम-घूम कर पार्टी के लिए प्रचार प्रसार करेंगे. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार प्रियंका गांधी वाड्रा की टीम के द्वारा चलाई गई सोशल मीडिया ड्राइव द्वारा आचार संहिता लगने से पहले ही तकरीबन 3 करोड़ लोगों को जोड़ा गया है. यह तीन करोड़ लोग कांग्रेस के द्वारा किए गए पांच सेक्शन में तैयार किए गए थे. इसमें सदस्यता अभियान के तहत भी कई लोग हैं. कांग्रेस ने अपने प्रशिक्षण शिविर में हर एक सैशन में 1 घण्टे का सोशल मीडिया का शिविर लगाया था जिसमें लोगों को लगातार जोड़ा गया है. इस बार कांग्रेस लोकल स्तर पर यूट्यूबर के जरिए से भी संवाद कर रही है. कांग्रेस ने यूट्यूब पर और स्थानीय स्तर पर you tube चलाने वाले लोगों को अपने साथ जोड़ा है.

बहुजन समाज पार्टी 
बहुजन समाज पार्टी ने आचार संहिता लगने के बाद अपनी डिजिटल तैयारी पूरी कर ली है. जिसमें सभी विधानसभा क्षेत्र में एलईडी के साथ पदाधिकारियों के वेरीफाइड अकाउंट से जोड़ा गया है. जानकारी के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी लगातार अपने चुनाव प्रचार को हाईटेक करती जा रही है. इस दौरान सभी पदाधिकारियों और प्रभारियों के अकाउंट को वेरीफाई किया जा रहा है. जिससे जब उससे कोई संदेश जनता के बीच में जाए तो जनता को बहुजन समाज को संदेश मिले. जिलों के सभी पार्टी ऑफिस पर एलईडी लगाया जा रहा है, जिससे लोग वहां बैठ कर बीएसपी सुप्रीमो मायावती को सुन सकें. इसके लिए सभी जिलों के पार्टी ऑफिस में एलईडी की व्यवस्था की गयी है. 

ऑफिस में तैयार किया वॉर रूम 
बीएसपी चीफ मायावती ने अपने ऑफिस में वॉर रूम तैयार किया जहां से वह पूरे प्रदेश की विधानसभा पर नजर रखेंगी. बीएसपी चीफ मायवती सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव हैं. उनके ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिए ट्वीट हो रहे हैं. बीएसपी ने अपने प्रचार प्रसार के लिए इंस्टाग्राम,फेसबुक पेज सहित कू जैसे ऐप पर भी अपना प्रचार प्रसार शुरू कर दिया है. युवाओं से संवाद की लिए मायावती के भतीजे आकाश आनंद, सतीश चन्द्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा और दामाद परेश मिश्रा जैसे युवाओं को पार्टी की तरफ से युवा संवाद कराया जा रहा है. इसके लिए इंस्टाग्राम और ट्विटर पर प्रचार की जिम्मेदारी दी गयी है.


 

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