पूर्वांचल के किसानों को ‘पैक हाउस’ की सौगात देंगे पीएम मोदी, पूर्वांचल के अलावा पश्चिमी बिहार के किसानों को भी मिलेगी सुविधा

पूर्वांचल के किसानों को निर्यात की सुविधा के लिए ये पैक हाउस तैयार किया गया है. कृषि और खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Apeda)पिछले कुछ समय से इस कर कार्य कर रहा था. 15.78 करोड़ की लागत से ये पैक हाउस 4461 वर्गफुट में बनाया गया है.

Pack House
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 20 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 10:02 PM IST
  • पश्चिमी बिहार के किसानों को भी मिलेगी सुविधा
  • पूर्वांचल के किसानों को मिलेगी बड़ी सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवरात्र में पूर्वांचल के किसानों को बड़ी सौगात देने वाले हैं. मोदी पूर्वांचल के पहले पैक हाउस का उद्घाटन करने वाले हैं जो पूरी तरह स्वदेशी है और मेक इन इंडिया (Make in India ) के उपकरणों से लैस होगा. इसके जरिए जहां बनारसी लंगड़ा आम यूरोप के देशों, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया जैसे देशों को निर्यात होगा वहीं बिचौलियों की भूमिका खत्म होने से किसानों का मुनाफ़ा बढ़ेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवरात्र में अपने संसदेय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर आ रहे हैं. पीएम के दौरे में एयरपोर्ट से करीब 10 किलोमीटर दूर करखियांव क्षेत्र में ‘इंटेग्रेटेड पैक हाउस फॉर फ़ूड एंड वेजीटेबल एक्सपोर्ट् ’ का उद्घाटन भी प्रस्तावित है. खास बात ये है कि ये पूर्वांचल का पहला पैक हाउस होगा. साथ ही ये पूरी तरह से आत्मनिर्भर भारत का संदेश देते हुए make in India के उपकरणों से लैस होगा. 15.78 करोड़ की लागत से इस पैक हाउस को तैयार किया गया है.

दरअसल पूर्वांचल के किसानों को निर्यात की सुविधा के लिए ये पैक हाउस तैयार किया गया है. कृषि और खाद्य प्रसंस्कृत उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Apeda)पिछले कुछ समय से इस कर कार्य कर रहा था. 15.78 करोड़ की लागत से ये पैक हाउस 4461 वर्गफुट में बनाया गया है. इसके संचालित होने के बाद पूर्वांचल के अलग अलग जिलों से सब्जियां और फलों की खेप अब वाराणसी के पैक हाउस से सीधे विदेशों में एक्सपोर्ट हो सकेंगे. अब तक उत्तर प्रदेश में सहारनपुर और लखनऊ में ही पैक हाउस है जिससे पूर्वांचल के किसानों को इसका लाभ बहुत ज़्यादा नहीं मिल पाता. अब पूर्वांचल के किसान इससे सीधे जुड़ सकेंगे. वहीं पश्चिमी बिहार के किसानों को भी सुविधा मिलेगी.

पैक हाउस से निर्यात के लिए होगा सिंगल विंडो क्लीयरेंस

ये पैक हाउस अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार तैयार किया गया है. इस पैक हाउस से एक्सपोर्ट करने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस (single window clearance) होगा. यानि अगर किसान अपनी सब्ज़ी या फल लेकर यहां आता है तो निर्यात के लिए यहीं पर सभी सुविधाएं होंगी. जिससे बिना किसी बिचौलिये के किसान के लिए निर्यात करना आसान हो जाएगा. पैक हाउस में एक्सपोर्ट् करने के लिए संसाधन उपलब्ध होंगे. किसानों को इस नए माध्यम का लाभ मिले इसके लिए यहां किसान उद्यमियों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार की मांग के अनुसार अपने कृषि उत्पाद तैयार करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. एपीडा के उप महाप्रबंधक डॉ सी.बी.सिंह का कहना है कि ‘सभी देशों की पैकिंग की मांग अलग अलग होती है. उसका ध्यान रखना पड़ता है. इसके अलावा इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का कृषि उत्पाद तैयार करने के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस में फलों और सब्जियों को कई प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है जिससे उनकी ताज़गी, स्वाद और अन्य गुण बरक़रार रहता है. इसकी सारी सुविधा यहां उपलब्ध होगी.’ 

हर देश में निर्यात के लिए पैकिंग की है अलग डिमांड 

खेत के फलों और सब्ज़ियों को निर्यात करने से पहले इस बात की विशेष जांच की जाती है कि कृषि उत्पादों में कीड़ा और कोई बीमारी न हो. खास तौर पर बनारसी लंगड़ा आम मांग कई देशों में है. इसको ज़्यादा समय तक सुरक्षित और ताज़ा रखने के लिए वेपर हीट और हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्रक्रिया से गुज़रना होता है. इस बारे में पैक हाउस स्वदेशी और आत्म निर्भर भारत का संदेश देगा पैक हाउस में लगे उपकरणों स्वेदशी हैं. इसमें वेपर हीट ट्रीटमेंट यूनिट,हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, मैंगो / फ्रूट प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग एवं सॉर्टिंग लाइन,प्री कोल्ड रूम,कोक्स रूम, राइपिनिंग रूम और वेजिटेबल प्रोसेसिंग लाइन जैसे उपकरण हैं हो पूरी तरह मेक इन इंडिया के तहत देश में बने हैं.

 

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