प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते दो महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री फिलहाल इटली में G20 मीट का हिस्सा होंगे, उसके बाद मोदी यूके में COP26 बैठक में भी हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि वह इटली के प्रधान मंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 29-31 अक्टूबर तक रोम और वेटिकन सिटी का दौरा करेंगे, जिसके बाद वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के निमंत्रण पर 1 से 2 नवंबर तक यूके के ग्लासगो की यात्रा करेंगे.
क्या है G 20 बैठक का एजेंडा?
अपनी यात्रा से पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह रोम में महामारी से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा करेंगे और ग्लासगो में कार्बन स्पेस के समान वितरण पर प्रकाश डालेंगे. प्रधानमंत्री इटली के रोम में 16वें G20 लीडर्स समिट में हिस्सा लेंगे. जहां पर वो G20 नेताओं के साथ कोरोना महामारी के वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा सतत विकास और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी. उन्होंने कहा G20 बैठक में वर्तमान वैश्विक स्थिति का जायजा लिया जाएगा. इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा होगी की कैसे इस तरह के समूह (G20) दुनिया भर की अर्थ व्यवस्ता को मजबूत कर सकते हैं, साथ ही साथ कोरोना महामारी के लड़ने के लिए एकजुट हो सकते हैं.
क्या है COP26 शिखर सम्मेलन का एजेंडा?
31 अक्टूबर को G20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद, मोदी जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के 26वें सम्मेलन (COP26) में भाग लेने के लिए ग्लासगो भी जाएंगे. प्रधानमंत्री का कहना है कि COP26 शिखर सम्मेलन भागीदार देशों के नेताओं और अंतर-सरकारी संगठनों सहित सभी हितधारकों के साथ मिलने और भारत के स्वच्छ विकास को और तेज करने का अवसर प्रदान करेगा. मोदी ने बताया कि वो इस शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और कार्बन स्पेस जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
वेटिकन सिटी में पोप से मिलेंगे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी G 20 शिखर सम्मेलन के दौरान ईसाइयों को सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस से मुलाकात करेंगे. मोदी ने कहा कि इटली की अपनी यात्रा के दौरान, मैं परम पावन पोप फ्रांसिस से मिलने और विदेश मंत्री, महामहिम कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से मिलने के लिए वेटिकन सिटी भी जाऊंगा. मोदी न्यू रोम स्थित पियाजा गांधी का दौरा करेंगे. जहां वह महात्मा गांधी के श्रद्धांजलि देंगे.
क्या है G-20?
G-20 बीस देशों का एक समूह है, जिसकी बैठक हर साल अलग-अलग देशों में आयोजित की जाती है. जी-20 समूह की स्थापना वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रणालीबद्ध महत्वपूर्ण औद्योगिक और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के उद्देश्य से 26 सितंबर 1999 में की गई थी. G-20 समिट में सदस्य देशों के प्रमुखों के साथ वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स की भी बैठक होती है. इस बैठक में मुख्य रूप से आर्थिक विषयों पर चर्चा होती है. इस संगठन में 19 देश और 20वां यूरोपीय संघ शामिल है.
क्या है COP26 शिखर सम्मेलन?
लगभग तीन दशकों से संयुक्त राष्ट्र वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है. इस सम्मेलन को सीओपी कहा जाता है. जिसका मतलब है ‘पार्टियों का सम्मेलन’. ये पार्टियां 190 से ज्यादा देशों से हैं, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN) फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC), संयुक्त राष्ट्र के जलवायु निकाय पर हस्ताक्षर किए हैं. 2021 की बैठक 26वां वार्षिक शिखर सम्मेलन होगा, इसलिए इसे COP26 कहा जाता है.