Terrorist Nengroo: पुलवामा हमले का आरोपी है आतंकी आशिक नेंगरू, जिसके घर को किया गया जमींदोज

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी कमांडर आशिक नेंगरू के घर को ध्वस्त कर दिया गया.घर सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाया था.आशिक नेंगरू 2019 के पुलवामा हमले का आरोपी है.

आतंकी आशिक नेंगरू के घर पर चला बुलडोजर.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST
  • पुलवामा के न्यू कॉलोनी में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाया था घर 
  • केंद्र सरकार ने नेंगरू को 'नामित आतंकवादी' घोषित कर रखा है
  • उग्रवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने घर गिराने का किया विरोध

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकवादी कमांडर आशिक नेंगरू के घर को ध्वस्त कर दिया गया. पुलवामा के न्यू कॉलोनी, राजपोरा में आतंकी आशिक का घर सरकारी जमीन पर कब्जा कर बना था.जिला प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में इसे ढहा दिया. आशिक नेंगरू जेएम का कमांडर है और वह 2019 के पुलवामा हमले का आरोपी है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे.इस साल अप्रैल में, केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत नेंगरू को 'नामित आतंकवादी' घोषित किया था.

उधर, उग्रवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने घर को गिराने का विरोध किया और अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के छद्म संगठन टीआरएफ की गीदड़ भभकी नहीं चलेगी. आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.एक अधिसूचना में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि नेंगरू जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ में शामिल रहा है और केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भी जिम्मेदार रहा है.मंत्रालय ने कहा था कि वह कश्मीर में एक आतंकी सिंडिकेट चला रहा है और अब 'जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के खतरनाक अभियान में लगा हुआ है.

10 साल से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय है
आशिक नेंगरू करीब 10 साल से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय है. शुरू में वह पुलवामा, अवंतीपोरा और त्राल में सक्रिय जैश और लश्कर-ए-तैयबा के विदेशी आतंकियों के लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम करता था.वर्ष 2013 में पुलवामा में एक पुलिसकर्मी की हत्या में भी वह शामिल रहा.वह पकड़ा भी गया था, लेकिन बाद में छूट गया और आतंकियों के लिए काम करने लगा.नेंगरू का एक भाई अब्बास अहमद नेंगरू भी सक्रिय आतंकी था, जो वर्ष 2013 में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था.उसके एक अन्य भाई की हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों ने करीब दो माह पहले ही हत्या कर दी थी.

जैश का भरोसेमंद ओवरग्राउंड वर्कर बन गया था
दिसंबर 2017 में श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास मुठभेड़ में जैश कमांडर नूरा त्राली के मारे जाने के बाद नेंगरू दक्षिण कश्मीर में जैश का सबसे भरोसेमंद ओवरग्राउंड वर्कर बन गया.उसने दक्षिण कश्मीर में जैश का नेटवर्क नए सिरे से तैयार करने के अलावा जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय सीमा में दाखिल होने वाले जैश के पाक कमांडरों को कश्मीर पहुंचाने का जिम्मा खुद संभालता था.

सितंबर 2018 में सुरक्षाबलों से बच निकला था
सितंबर 2018 में आशिक सांबा से जैश के आतंकियों के आत्मघाती दस्ते के तीन आतंकियों को ट्रक में छिपाकर कश्मीर ले जा रहा था.नगरोट बन टोल प्लाजा पर मुठभेड़ में तीनों आतंकी मारे गए थे और आशिक का छोटा भाई रियाज नेंगरू पकड़ा गया था.आशिक उस समय सुरक्षाबलों से बच निकला था.बाद में कभी पकड़ा नहीं गया.बताया जाता है कि सांबा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकियों ने एक सुरंग बना रखी थी.यहीं से जैश के आतंकी भारत में दाखिल होते थे.आशिक इसी सुरंग के रास्ते बाद में पाक भाग गया था.

 

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