पंजाब पुलिस का सहारा बने बख्तरबंद ट्रैक्टर, 40 साल पहले की है यह देसी तकनीक, गैंगवार को खत्म करने में मददगार

पंजाब में 40 साल पहले आतंकवाद से निपटने के लिए बख्तरबंद ट्रैक्टर बनाए गए थे. आज पंजाब पुलिस एक बार फिर इस बख्तरबंद ट्रैक्टरों पर भरोसा दिखाकर गैंगस्टर्स के साथ भिड़ने के लिए तैयार हैं.

Bullet Proof Tractor
ललित शर्मा
  • मोहाली,
  • 05 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST
  • पंजाब पुलिस के बख्तरबंद ट्रैक्टर
  • बख्तरबंद ट्रैक्टर की खासियत

पंजाब में पिछले कुछ दिनों में गैंगस्टरों की बढ़ती आपराधिक वारदातों को रोकने के लिए पंजाब पुलिस ने खास पहल की है. पंजाब पुलिस ने खासतौर पर पुलिसकर्मियों और गैंगस्टरों के बीच होने वाली मुठभेडों के दौरान पुलिसकर्मियों की जान बचाने के लिए 40 साल पुरानी देसी तकनीक का एक बार फिर इस्तेमाल करने का फैसला लिया है. पुलिस ने देसी तकनीक से तैयार किए गए ट्रैक्टरों को अपने बेड़े में शामिल किया है. बताया जा रहा है कि इन बख्तरबंद ट्रैक्टरों का इस्तेमाल 40 साल पहले आतंकवाद के दौर में आतंकियों से निपटने के लिए किया गया था.

पंजाब पुलिस ने सामान्य ट्रैक्टर को मॉडिफाई करके 50 बख्तरबंद ट्रैक्टर तैयार किए हैं. पहले चरण में ये ट्रैक्टर 9 जिलों मोहाली, रोपड़, पटियाला, मोगा, फिरोजपुर, भटिंडा, गुरदासपुर, जालंधर और अमृतसर में भेजे गए हैं. इसके बाद पाकिस्तान के साथ लगने वाले बॉर्डर के इलाकों के जिलों में भी स्थायी तौर पर इन बख्तरबंद ट्रैक्टरों की तैनाती की जाएगी.

क्यों पड़ी बख्तरबंद ट्रैक्टरों की जरूरत
पिछले कुछ दिनों में ऐसे मामले सामने आए हैं कि आतंकी और गैंगस्टर पुलिस के साथ जारी मुठभेड़ के दौरान जंगलों या खेतों में छिप जाते हैं. यहां वाहनों के साथ पहुंचना पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए संभव नहीं होता है. ऐसे में, अगर पुलिस पैदल उस जगह के नजदीक पहुंचती है तो दूसरी तरफ से लगातार फायरिंग की जाती है, जिसमें बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने के बावजूद पुलिसकर्मियों की जान को खतरा बन जाता है.

इन ट्रैक्टरों की खास बात ये है कि इनके ऊपर बुलेटप्रूफ मोटे गेज की चादर लगाई गई है ताकि आतंकी और गैंगस्टरों से एनकाउंटर के दौरान होने वाली फायरिंग और कम इंटेंसिटी के धमाकों से अंदर बैठे पुलिसकर्मियों का कोई नुकसान ना हो. 

ट्रैक्टर में कमाल की खासियत
इस बख्तरबंद ट्रैक्टर में तीन से चार पुलिस कर्मचारी हाईटेक हथियारों के साथ बैठ सकेंगे. मुठभेड़ के दौरान अंदर से ही फायरिंग का जवाब दे सकेंगे. पानी भरे खेतों, जंगलों, उबड़-खाबड़ रास्तों और खेतों में आसानी से चलने वाले ये ट्रैक्टर छिपे हुए गैंगस्टरों और आतंकियों तक पंजाब पुलिस के जवानों को पहुंचा सकते हैं. ट्रैक्टरों को बुलेटप्रूफ बख्तरबंद गाड़ियों में तब्दील करने की ये देसी तकनीक करीब 40 साल पुरानी है. 

पंजाब में आतंकवाद के दौर में खेतों और निर्जन जगहों पर छिपने वाले आतंकवादियों से मुकाबला करने के लिए इसी तरह की गाड़ियां ट्रैक्टरों पर तैयार की गई थीं. अब जिस तरह से आए दिन पंजाब में गैंगस्टरों के साथ पंजाब पुलिस के एनकाउंटर सामने आते रहते हैं तो ऐसे में पंजाब पुलिस ने अपनी इसी पुरानी तकनीक पर ही भरोसा जताया है और पंजाब के करीब 9 जिलों में ये ट्रैक्टर तैनात किए जा रहे हैं.

पंजाब पुलिस के डीएसपी अमरप्रीत सिंह ने बताया कि 40 साल पुरानी आतंकवाद के दौर की यह तकनीक अभी भी टिकाऊ और कामयाब है. इसी वजह से पंजाब पुलिस ने ट्रैक्टरों को मॉडिफाई करके एक बार फिर से अपने बेड़े में शामिल किया है, ताकि किसी भी तरह के एनकाउंटर के दौरान पुलिसकर्मी आसानी से खेतों या जंगली इलाके में जाकर दुश्मन का मुकाबला कर सकें. 

 

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