ओडिशा दो प्रमुख पर्यटन स्थलों पुरी और कोणार्क के बीच लंबे समय से रेलवे लाइन की चर्चा चल रही हैं. लेकिन अब यह परियोजना जल्द ही हकीकत में बदल सकती है. क्योंकि केंद्र जल्द ही राज्य सरकार के परामर्श से परियोजना को अंतिम रूप देने के लिए कदम उठाएगा.
रेल मंत्रालय ने हाल ही में प्रस्तावित रेल लाइन को फिर से संरेखित करने के लिए एक नया सर्वेक्षण किया है. इस सर्वेक्षण के बाद 33 किलोमीटर की परियोजना की लागत 725 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान लगाया है. नई लाइन भुवनेश्वर, पुरी और कोणार्क के बीच 'गोल्डन ट्राएंगल' के लिए जरुरी रेल संपर्क को स्थापित करेगी और इस क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा.
725 करोड़ से ज्यादा होगी लागत:
बताया जा रहा है कि इस परियोजना की लागत 725.78 करोड़ रुपये आंकी गई है. और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पहले ही रेल मंत्रालय को सूचित कर चुके हैं कि राज्य सरकार ने परियोजना लागत का 50 प्रतिशत साझा करने का निर्णय लिया है.
रेल मंत्री हाल ही में ओडिशा में यात्रा पर थे और इस दौरान पुरी विकास परिषद ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था. जिसके बाद रेल मंत्री के हस्तक्षेप से यह स्थगित रेलवे परियोजना फिर से पटरी पर आ गई है.
वन विभाग की आपत्ति के बाद हुआ नया सर्वे:
हालांकि, वन और पर्यावरण विभाग ने 2015-16 में अपने पिछले सर्वेक्षण के दौरान इस परियोजना पर आपत्ति जताई थी. क्योंकि प्रस्तावित लाइन बालूखंड-कोणार्क वन्यजीव अभयारण्य और तटीय नियामक क्षेत्र (सीआरजेड) निषिद्ध क्षेत्र से होकर गुजरती थी.
जिससे बचने के लिए एक और सर्वेक्षण किया गया ताकि ऐसा रास्ता चुना जाए जिससे अभयारण्य को नुकसान न पहुंचे. ईस्ट कोस्ट रेलवे ने निर्देश मिलने के बाद पुराने संरेखण के निषेध क्षेत्रों को छोड़कर ताजा प्रारंभिक इंजीनियरिंग और यातायात सर्वेक्षण किया था. और आगे की कार्रवाई के लिए 21 अगस्त को फाइनल सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपी गई थी.