त्योहारों के दौरान भारतीय रेल (Indian Railway) में यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है. खासकर उन ट्रेनों में जो दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात से उत्तर प्रदेश और बिहार की ओर जाती हैं. इन दिनों रेलवे विशेष ट्रेन भी चलाता है, लेकिन इसके बावजूद भारी भीड़ के कारण लोगों को सहूलियत नहीं मिल पाती. नतीजतन, आरक्षित डिब्बों में भीड़भाड़ हो जाती है, और वेटिंग लिस्ट के टिकट वाले यात्री अक्सर उन सीटों पर बैठ जाते हैं जो पहले से कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों के लिए आरक्षित होती हैं.
इस स्थिति से उन यात्रियों को खासा असुविधा होती है जिनके पास कन्फर्म टिकट होते हैं. कई बार ऐसा होता है कि जब यात्री अपनी सीट पर पहुंचते हैं, तो वहां पहले से कई लोग बैठे होते हैं, जिससे उन्हें काफी मुश्किल होती है. लेकिन अगर आप पाते हैं कि कोई आपकी कन्फर्म सीट पर बैठा हुआ है, तो इसे हल करने का एक आसान तरीका है. रेलवे का दावा है कि इसे आधे घंटे के भीतर सुलझाया जाएगा.
शुरू में आप विनम्रता से अनुरोध करें
सबसे पहले और स्वाभाविक तरीका यह है कि आप उस व्यक्ति से सीधे बात करें और उन्हें बताएं कि यह सीट आपके नाम पर आरक्षित है, और उनसे सीट छोड़ने का विनम्र अनुरोध करें. अधिकतर लोग ऐसे अनुरोध को समझते हैं और सीट से हट जाते हैं. लेकिन अगर आपके निवेदन के बावजूद व्यक्ति सीट छोड़ने से इंकार कर दे, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसके बाद आप एक आसान और तकनीकी समाधान अपना सकते हैं.
रेल मदद ऐप: आपकी समस्याओं का डिजिटल समाधान
भारतीय रेलवे ने यात्रियों की समस्याओं को जल्दी और प्रभावी ढंग से सुलझाने के लिए 'रेल मदद' नाम का एक ऐप (RailMadad App) लॉन्च किया है. अगर कोई आपकी कन्फर्म सीट पर बैठा हुआ है, तो आप इस ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं. रेलवे इस समस्या को 28 मिनट के अंदर हल कर देगा. आपकी शिकायत के बाद ट्रेन टिकट चेकर (TTE) को सूचित किया जाएगा, जो व्यक्तिगत रूप से आकर उस सीट को खाली कराएगा और सुनिश्चित करेगा कि आपकी यात्रा बिना किसी परेशानी के पूरी हो.
रेल मदद ऐप की विशेषताएं
यह ऐप आपकी सभी शिकायतें, जैसे कि यात्री आपकी सीट पर बैठे हैं, को तुरंत हल करता है. आमतौर पर 28 मिनट के भीतर समाधान किया जाता है. शिकायत दर्ज होने के बाद TTE मौके पर पहुंचकर समस्या का समाधान करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि आपकी रिजर्वेशन वाली सीट खाली हो.
यात्रियों के लिए शिकायत दर्ज करने के लिए रेल मदद ऐप के अलावा हेल्पलाइन नंबर 139, X (पूर्व में ट्विटर), और फेसबुक जैसे दूसरे प्लेटफार्म भी उपलब्ध हैं.
अगर समय सीमा के भीतर समस्या का समाधान नहीं होता, तो शिकायत सीनियर अधिकारियों तक पहुंचाई जाती है ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. इसके अलावा, समस्या के समाधान के बाद, यात्री से फीडबैक भी लिया जाता है.
रेल मदद ऐप की शुरुआत
रेलवे ने 11 जून 2018 को 'रेल मदद' ऐप लॉन्च किया था. यह ऐप यात्रियों को उनके मोबाइल फोन या वेबसाइट के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है. इस ऐप को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यात्री कम से कम इनपुट के साथ अपनी शिकायत दर्ज कर सकें. शिकायत दर्ज होते ही यात्री को एक यूनिक आईडी नंबर जारी किया जाता है और शिकायत को तुरंत संबंधित विभाग तक पहुंचाया जाता है. फिर कार्रवाई की जानकारी यात्री को एसएमएस के माध्यम से दी जाती है, जिससे पूरा प्रोसेस तेज हो जाता है.
यात्रियों के लिए और भी सुविधाएं होंगी
'रेल मदद' ऐप के माध्यम से यात्री न केवल सीट संबंधी समस्याएं, बल्कि ट्रेन में सफाई की कमी, बेड रोल और तकिए न मिलने जैसी अन्य समस्याओं की भी शिकायत कर सकते हैं. ऐप यात्री से फीडबैक भी लेता है, जो रेलवे को उन क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करता है, जहां सुधार की जरूरत है.
रेल मदद हेल्पलाइन 139
रेलवे ने रेल मदद हेल्पलाइन 139 भी लॉन्च की है, जो यात्रियों की शिकायतों के साथ-साथ किसी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की रिपोर्ट करने और मेडिकल हेल्प देने का काम करती है.
इतना ही नहीं, रेलवे ने यात्री सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए कई दूसरी डिजिटल पहलों की शुरुआत की है. इनमें से एक है UTS ऐप, जो यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग को आसान बनाता है. इसके अलावा, NTES ऐप रियल-टाइम में ट्रेनों की जानकारी देता है, जिससे यात्रियों को ट्रेन का स्टेटस पता चलता है.