कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण राजस्व में भारी कमी देखने के बाद भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने वित्तीय वर्ष 2012-22 के अंतिम नौ महीनों में कमाई के मामले में काफी सुधार किया है. यात्री यातायात और प्लेटफॉर्म टिकटों (Platform Ticket) की बढ़ी हुई दर से आय में वृद्धि हुई है.
लॉकडाउन के दौरान माल ढुलाई से आया पैसा
साल 2019-20 के अंत तक, रेलवे ने 50,669.09 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया था जो कि 2020-21 में घटकर 15,248.49 करोड़ रुपये रह गया. लॉकडाउन के दौरान यात्री सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,“लॉकडाउन के दौरान हमने जो भी राजस्व अर्जित किया वह ज्यादातर माल ढुलाई सेवाओं से था. बाद में लॉकडाउन के दौरान विशेष श्रमिक ट्रेनों की सेवाएं शुरू होने के बाद रेलवे ने राजस्व सृजन में कुछ सुधार किया. ”
आरटीआई में हुआ खुलासा
रेलवे ने 2020-21 के दौरान तत्काल टिकट शुल्क (Tatkal Ticket Charges) से 403 करोड़ रुपये, प्रीमियम तत्काल टिकटों से अतिरिक्त 119 करोड़ रुपये और डायनामिक किराए से 511 करोड़ रुपये कमाए. यहां तक कि अधिकतर ट्रेने कोविड के कारण लंबे समय तक बंद थीं. इन सभी चीजों का पता आरटीआई के एक जवाब में चला है.
क्या होता है डायनामिक किराया
दरअसल डायनामिक किराया (Dynamic Fare) वह किराया होता है, जो मांग के हिसाब से घटता बढ़टा है. यह किराया प्रणाली राजधानी, शताब्दी,तेजस और दूरंतो जैसी ट्रेनों में लागू है.
तत्काल टिकट से हुई सबसे अधिक कमाई
इन तीन श्रेणियों के यात्री आमतौर पर ऐसे यात्री होते हैं जो किसी न किसी इमरजेंसी के कारण प्रीमियम शुल्क का भुगतान करके आपातकालीन यात्रा के लिए इन सेवाओं का लाभ उठाते हैं. मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में, रेलवे ने कहा कि उसने वित्तीय वर्ष 2021-22 में सितंबर तक डायनामिक किराए से 240 करोड़ रुपये, तत्काल टिकट से 353 करोड़ रुपये और प्रीमियम तत्काल शुल्क से 89 करोड़ रुपये कमाए.
समिति ने एक महीने बाद दिया जवाब
वित्तीय वर्ष 2019-20 में जब ट्रेन संचालन में कोई प्रतिबंध नहीं था उस दौरान रेलवे ने डायनामिक किराए से 1,313 करोड़ रुपये, तत्काल टिकट से 1,669 रुपये और प्रीमियम तत्काल टिकट (Premiun Tatkal Ticket) से 603 करोड़ रुपये कमाए. रेल मंत्रालय का डेटा समिति की टिप्पणी के एक महीने बाद आया है. दरअसल रेलवे पर एक संसदीय स्थायी समिति ने टिप्पणी की थी कि तत्काल टिकट पर लगाए गए शुल्क "थोड़ा अनुचित" हैं और विशेष रूप से उन यात्रियों पर एक बड़ा बोझ डालते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अपने परिजनों एवं रिश्तेदारों से मिलने के लिए तत्काल यात्रा करने के लिए मजबूर हैं.