राजस्थान की 200 में से 199 विधानसभा सीटों के लिए मतदान जारी है. एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण वोटिंग स्थगित करनी पड़ी है. वोटिंग शाम 6 बजे तक होगी. इस बार कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां ही चुनाव में बड़ी जीत का दावा कर रही हैं. 3 दिसंबर 2023 को नतीजे आने पर पता चलेगा कि बाजी किसके हाथ लगती है. आइए जानते हैं हॉट सीटों पर किनके बीच है मुकाबला और सीएम के पद को लेकर सचिन पायलट ने क्या इशारा किया?
क्या बोले सचिन पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने जयपुर के महात्मा गांधी रेजिडेंसी स्कूल, सी स्कीम गांधीनगर में वोट डाला. चुनाव को लेकर पायलट ने कहा कि जनता समझदार है, वह राज्य और अपने हित में सही फैसला लेगी. पायलट ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे, तो 2018 में तो कठिन दौर था. लेकिन इसबार तो हम सरकार में हैं और पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम फिर सरकार बनाएंगे इसको लेकर आश्वस्त हैं.
यह पूछे जाने पर कि राजस्थान में कांग्रेस ने अशोक गहलोत के चेहरे पर चुनाव लड़ा है. पार्टी के बैनर और पोस्टर में उनकी तस्वीर को प्रमुखता से आगे रखा गया, अगर फिर सरकार बनी तो मुख्यमंत्री कौन होगा? सचिन पायलट ने कहा, 'राजस्थान में हम सभी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. पब्लिक जानती है किसने काम किया है. फोटो किसका बड़ा है और पोस्टर में किसका चेहरा है उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. चुनाव के बाद हाई कमान तय करेगा कि कौन लीडर बनेगा.'
अशोक गहलोत बोले- माहौल हमारे पक्ष में है और हम जरूर जीतेंगे
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि माहौल हमारे पक्ष में है और हम जरूर जीतेंगे. गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये क्या-क्या नहीं बोले हैं हमारे खिलाफ, राजस्थान सरकार को नहीं गिरा पाने का दर्द झलकता है. प्रदेश में एजेंसियों ने क्या-क्या किया सबको पता है. बीजेपी बौखलाहट में है, वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हुए.
हमारे यहां फैसला हाईकमान करता है, जनता आशीर्वाद दे, भरोसा करे. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में वादों से ज्यादा काम किया. कांग्रेस का बहुमत आने पर मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी आलाकमान जो फैसला करेगा, वह सबको मान्य होगा. चुनाव बाद खुद की भूमिका के बारे में गहलोत ने कहा कि जो भूमिका पार्टी उनकी तय करेगी, वह उनको मंजूर होगा. पार्टी ने उनको पहले बहुत कुछ दिया है. आगे भी पार्टी ही दिखेगी.
वसुंधरा राजे बोलीं- वोट डालें और कमल खिलाएं
राजस्थान की पूर्व सीएम और दिग्गज बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने शनिवार को वोट डाला. वह झालावाड़ जिले से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं, वोट डालने से पहले वह हनुमान मंदिर गईं थी और वहां पर उन्होंने पूजा-अर्चना की. वोट डालने के बाद राजस्थान की पूर्व सीएम और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने कहा, मेरा आग्रह सभी मतदाताओं से है, विशेषकर नए मतदाताओं को कहूंगी कि जोरदार तरीके से वोट डालें, कमल खिलाएं और देश के लिए एक बड़ा कदम उठाएं. वसुंधरा राजे सीएम पद की दावेदार मानी जा रही हैं.
सीपी जोशी बोले- भाजपा आएगी और कांग्रेस जाएगी
राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद सीपी जोशी परिवार के साथ चित्तौड़गढ़ के एक मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंचे. मतदान के बाद सीपी जोशी ने कहा कि यह लोकतंत्र का त्योहार है. हर मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए. हर वोट सत्य, न्याय, सद्भाव और सुशासन का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट लगता है कि भाजपा आएगी और कांग्रेस जाएगी.
किस हॉट सीट से कौन हैं मैदान में
सरदारपुर: इस सीट पर सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस की उम्मीद हैं और उनके समक्ष भाजपा ने महेंद्र सिंह राठौड़ को उतारा है. दोनों स्थानीय हैं और राठौड़ स्थानीय सरकार भी संभाल चुके हैं, ऐसे में मुकाबला बहुत रोचक तो नहीं, लेकिन चर्चा में जरूर है. गहलोत सरदारपुरा विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक हैं और पांचवीं बार फिर से इसी सीट से चुनावी मैदान में हैं. वह तीन बार इस सीट से जीतकर मुख्यमंत्री बने हैं.
झालरापाटन: राजस्थान की झालरापाटन विधानसभा एक बेहद चर्चित सीट है. पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे की यह पारंपरिक सीट है. वसुंधरा इस बार भी झालरापाटन से ही चुनाव लड़ रहीं हैं. कांग्रेस ने उनके सामने राम लाल चौहान को मैदान में उतारा है.
टोंक: इस विधानसभा सीट से कांग्रेस नेता सचिन पायलट मैदान में हैं. पिछले चुनाव में भी सचिन पायलट इस सीट से बड़े अंतर से जीते थे. भाजपा ने सचिन पायलट के सामने तीन बार विधायक रह चुके अजीत मेहता को मैदान में उतारा है. अजीत साल 2013 में पहली बार विधायक बने थे.
झोटवाड़ा: इस विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है. भाजपा की ओर से झोटवाड़ा से दो बार के सांसद और मोदी के मंत्री रह चुके राज्यवर्धन सिंह राठौड़ चुनावी मैदान में हैं तो उनके खिलाफ कांग्रेस ने राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र नेता रहे अभिषेक चौधरी को टिकट दिया है. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी आशु सिंह सुरपुरा भी मैदान में हैं, जो इस सीट पर खासा लोकप्रिय हैं.
विद्याधर नगर: इस विधानसभा सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है. इस सीट से भाजपा ने जयपुर की राजकुमारी दीया कुमारी को चुनावी मैदान में उतारा है. दीया राजसमंद से सांसद हैं और सवाई माधोपुर से विधायक रह चुकी हैं. राजकुमारी दीया महाराजा सवाई सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की बेटी हैं. कांग्रेस ने दीया के सामने सीताराम अग्रवाल को टिकट दिया है. सीताराम पिछले चुनाव में महज 31 वोटों से हार गए थे. दीया कुमारी के बारे में कहा जा रहा है कि अगर भाजपा चुनाव जीती तो जयपुर की यह राजकुमारी राजस्थान की सीएम बन सकती हैं.
नाथद्वारा: इस सीट को कांग्रेसी नेता डॉ. सीपी जोशी का गढ़ माना जाता है. जोशी यहां से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं. इस बार भी डॉ. सीपी जोशी इसी सीट से मैदान में हैं. इस सीट पर भाजपा ने विश्वराज सिंह को मैदान में उतारा है. विश्वराज सिंह महाराणा प्रताप के वंशज और पूर्व राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे हैं.
कोटा उत्तर: यह विधानसभा सीट इस बार खासा चर्चा में है. दरअसल, इस सीट से राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के भरोसेमंद माने जाने दो नेता एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं. कांग्रेस ने राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल को ही फिर से मैदान में उतारा है तो भाजपा ने वसुंधरा राजे के करीबी प्रहलाद गुंजल को टिकट दिया है. बता दें कि इस सीट पर साल 1993 से भाजपा और कांग्रेस बारी-बारी से जीतती आ रही है.
लक्ष्मणगढ़: इस विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा चुनाव लड़ रहे हैं. वह लगातार दो बार यहां से विधायक रह चुके हैं. गोविंद सिंह डोटासरा के सामने भाजपा ने सुभाष महरिया को चुनावी मैदान में उतारा है. सुभाष महरिया सीकर से तीन बार सांसद रह चुके हैं.
शिव: बाड़मेर जिले के तहत आने वाले शिव विधानसभा सीट पर भी इस बार मुकाबला बेहद रोचक है. इस सीट पर भाजपा ने पार्टी के जिलाध्यक्ष स्वरूप सिंह खारा को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने अमीन खान को टिकट दिया है. छात्र नेता व नौ दिन बाद ही भाजपा से बगावत करने वाले रविंद्र सिंह भाटी भी शिव विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं.
तारानगर: इस विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पांच बार सांसद और दो बार के विधायक रहे नरेंद्र बुडानिया को मैदान में उतारा है. नरेंद्र बुडानिया को टक्कर देने के लिए भाजपा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को चुनावी मैदान में उतारा है.
नागौर: इस सीट पर कांग्रेस की ओर से हरेन्द्र मिर्धा और भाजपा की ओर से उनकी भतीजी ज्योति मिर्धा के बीच मुख्य टक्कर है. ज्योति कांग्रेस में ही हुआ करती थीं, लेकिन अब भाजपा में हैं. मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं, निर्दलीय प्रत्याशी हबीबुर्रहमान जो कांग्रेस और भाजपा दोनों के टिकट पर यहां से विधायक रह चुके हैं.
खींवसर: यह सीट भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार नहीं, बल्कि राजस्थान में तीसरी ताकत के रूप में उभर रहे आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल के कारण चर्चा में है. वे यहां चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा ने रेवतराम डांगा और कांग्रेस ने तेजपाल मिर्धा को चुनाव में उतारा है.
सवाई माधोपुर: भाजपा ने यहां से चर्चित चेहरा रहे किरोड़ीलाल मीणा को टिकट दिया है और उनके सामने हैं कांग्रेस के दानिश अबरार. लेकिन चुनाव रोचक बना रही हैं, भाजपा की बागी आशा मीणा जो किरोडीलाल मीणा के लिए बड़ी चुनौती साबित होती दिख रही हैं.