हिम्मत और हौसलों के आगे पस्त हुई दिव्यांगता, महात्मा गांधी के 126 देशों के डाक टिकटों को इकट्ठा कर पाई शोहरत व मुकाम

राजस्थान के धौलपुर जिले के छोटे से कस्बे बाड़ी के दिव्यांग अजय गर्ग ने अपने हिम्मत और हौसलों के आगे दिव्यांगता पस्त कर दिया और शोहरत व मुकाम हासिल किया है. अजय गर्ग ने महात्मा गांधी के 126 देशों के डाक टिकटों समेत कई अन्य एंटीक आइटम का संग्रह किया है.

AJAY GARG STAMPS ( Photo- Twitter)
gnttv.com
  • धौलपुर,
  • 24 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST
  • अजय गर्ग के पास है 126 देशों में जारी हुए महात्मा गांधी की डाक टिकटें
  • देश का पहला रंगीन पंचतंत्र सोविनियर सिक्का अजय गर्ग के पास

हिम्मत और हौसला हो तो तरक्की के आगे कोई भी रोड़ा नही बन सकता. ऐसा ही कुछ राजस्थान के धौलपुर जिले के छोटे से कस्बे बाड़ी के दिव्यांग अजय गर्ग ने सभी परेशानियों को पीछे छोड़ मुकाम हासिल किया हैं. अजय गर्ग ने 200 देशों की डाक टिकटें, 80 देशों के सिक्के, 35 देशों के रूपये, 126 देशों में जारी हुए महात्मा गांधी की डाक टिकटें, 1947 से 2019 तक की भारत की सभी डाक टिकटें, ब्रिटिश टाइम की 80 डाक टिकटें, देश का पहला रंगीन पंचतंत्र सोविनियर सिक्का, ओमान देश का एक विशेष 100 न्यूड स्टाम्प पैक, 25 सोने की भारतीय टिकटें, पुराने न्यूजपेपर, डॉक्यूमेंट, एंटीक आइटम, मैच बॉक्स, किताबे जैसे कई दुर्लभ चीजों का संग्रह किया है. ऐस कर अजय ने देश के नामी संग्रहकर्ता के रूप में अपना नाम दर्ज कराया है. जिसके चलते अजय गर्ग को प्रदेश स्तर पर जयपुर फिलेटलिक सोसायटी व मुद्रा परिषद राजस्थान द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. वहीं अजय इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में भी नाम दर्ज करा चूके हैं.

अजय गर्ग को ऐसे पड़ा डाक टिकट संग्रह का शौक
अजय गर्ग का जन्म के 6 माह बाद पोलियों के शिकार हो गये. जिसके चलते वह दिव्यांगता हो गए, जो उन्हें उन्हें मायूस करती रही. विकलांगता को लेकर लोग मजाक अजय का बनाते थे. जब वह चलते हुए बाजार गिर जाते तो लोग बजाए उठाने के उन पर हंसते थे, लेकिन वह अपनी आंखों में आंसू पोंछते और स्वयं ही खड़े होकर चल देते थे. अजय को ग्रेजूएशन करने के दौरान ही डाक टिकट संग्रह का शौक लगा.अजय को डाक टिकट संग्रह करने का शौक जयपुर में एक डाक टिकट प्रदर्शनी देखने के बाद लगा. पढ़ाई के दौरान से ही अजय न्यूज पेपर में आने वाली टिकटों का संग्रह किया हैं. अजय ने डाक टिकिट संग्रह की पूरी जानकारी एक प्रदर्शनी देखने के दौरान विश्व के महान टिकट संग्रहकर्ता स्वर्गीय आनंद मित्तल से ली. अजय ने मुद्रा व डाक टिकिटों का कलेक्शन पिछले 24 सालों से कर रहें हैं.


अजय गर्ग की ये है इच्छा
संग्रहकर्ता अजय गर्ग की इच्छा है कि वह धौलपुर में एक छोटा सा म्यूजियम बनाये. जिसमें वह अपनी इकट्ठा की हुई चीजों को वहां हमेशा के लिए रखे. जिससे नई पीढ़ी जो कि मोबाइल,टीवी और इंटरनेट में व्यस्त रहती है,वह इन्हें देखें और अपनी विरासत व इतिहास को जानें. अजय संग्रह करने के साथ ही धौलपुर जिले के कई स्कूलों में फिलेटली वर्कशॉप भी करा चुके है. इसके साथ ही लखनऊ,आगरा,ग्वालियर,जयपुर समेत अन्य कई शहरों में डाक टिकटों की प्रदर्शनी भी लगा चुके हैं. संग्रहकर्ता अजय गर्ग के पास लगभग 200 देशों की डाक टिकटें,80 देशों के सिक्के व नोट और 35 देशों के प्लास्टिक के नोट (पॉलीमर नोट) है.

(उमेश मिश्रा की रिपोर्ट)

Read more!

RECOMMENDED