देश में ओमिक्रॉन के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सभी राज्य सरकारों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है. इस लिस्ट में अब राजस्थान का भी नाम जुड़ गया है. राजस्थान सरकार ने वैक्सीन लगवाना अनिवार्य कर दिया है और यह बयान जारी किया गया है कि वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. इनके अलावा मास्क और नाइट कर्फ्यू पर भी सख्ती बरतने की बात कही गई है.
वैक्सीन लगाने पर बनेगा कानून
यह फैसला राजस्थान में 162 दिन बाद एक दिन में कोरोना के सबसे ज़्यादा, 42 मामलों के सामने आने के बाद लिया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा “वैक्सीन नहीं लगवाना लोगों का कोई अधिकार नहीं है. वैक्सीन लगवाने से कोई मना नहीं कर सकता है. लोगों को कुछ टाइम दे दिया जाए और मास्क लगाने के क़ानून की तरह ही इस पर कानून बनाया जाए. इसे सरकारी योजनाओं के लाभ से जोड़कर, वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को सरकारी योजनाओं से वंचित किया जाए”. बता दें कि राजस्थान में अब तक 70 फीसदी लोगों ने ही वैक्सीन की दोनों डोज़ ली हैं.
राजस्थान में ओमिक्रॉन के अब तक मिल चुके हैं 22 मामले
तीन-चार दिनों में राजस्थान में मास्क पहनने और नाइट कर्फ्यू के कानून को सख्ती से लागू कर इसे अनिवार्य किया जाएगा. राजस्थान में ओमिक्रॉन के अब तक 22 मामले सामने आ चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि नए साल पर जश्न से पहले पाबंदियां लगाना जरूरी हैं वरना कोरोना फैल सकता है. राजस्थान सरकार ने बूस्टर डोज के लिए केंद्र सरकार पर भी दबाव बनाने का फैसला किया है.