राजस्थान की अशोक गहलोत की सरकार ने विधानसभा में मिनिमम गारंटी इनकम बिल 2023 पेश किया है. सरकार ने इस बिल में सूबे की पूरी आबादी को गारंटी मजदूरी या पेंशन के तहत कवर करने की कोशिश की है. इस कानून के दायरे में आने वालों की मिनिमम उम्र 18 साल रखी गई है.
क्या है गारंटी बिल-
इस बिल के तहत सूबे के सभी परिवारों को हर साल 125 दिन के रोजगार की गारंटी है. जबकि बुजुर्गों, दिव्यांगों, विधवाओं और सिंगल महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए पेंशन देने की बात कही गई है. इस बिल की सबसे खास बात ये हैं कि हर साल पेंशन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी भी की जाएगी.
इस बिल की 3 व्यापक कैटेगरी है. इसमें मिनिमम गारंटी इनकम का अधिकार, गारंटी के साथ रोजगार का अधिकार और गारंटी के साथ सुरक्षा पेंशन का अधिकार शामिल है. सरकार को इस योजना पर हर साल 2500 करोड़ के अतिरिक्त खर्च का अनुमान है.
मिनिमम इनकम की गारंटी-
इस बिल के तहत सूबे के 18 साल के ऊपर के हर नागरिक को साल में 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है. इसके साथ मिनिमम इनकम की शर्त भी शामिल है. सरकार गारंटी इनकम को शहरों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना और गांवों में महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी योजना के तहत रोजगार देकर पूरा करेगी. इस साल के बजट में हर परिवार को 100 दिन की बजाय 125 दिन के रोजगार गारंटी का प्रावधान किया गया था.
रोजगार की गारंटी-
रोजगार के अधिकार के तहत शहर हो या गांव, कहीं भी काम खत्म होने के बाद एक हफ्ते के भीतर मजदूरी मिलनी चाहिए. मजदूरी पेमेंट में 15 दिन से ज्यादा का वक्त किसी भी सूरत में नहीं लगना चाहिए. इसके लिए सरकार ग्रामीण इलाके में एक अधिकारी नियुक्त करेगी, जो बीडीओ लेवल का होगा. जबकि शहरों में लोकल बॉडी का एक्जीक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा. जॉब कार्ड रजिस्ट्रेशन होने की जगह के 5 किलोमीटर के दायरे में ही काम देना होगा. अगर प्रोग्राम ऑफिसर आवेदन के 15 दिन के भीतर रोजगार देने में नाकाम रहता है तो साप्ताहिक तौर पर बेरोजगारी भत्ता मिलेगा.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की गारंटी-
बुजुर्ग, दिव्यांग, विधवा और सिंगल महिलाओं को पेंशन दिया जाएगा. इस पेंशन में हर साल में 2 बार बढ़ोतरी की जाएगी. जुलाई महीने में 5 फीसदी और जनवरी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी.
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