राजकोट जिला प्रशासन की पहल से LGBTQ समुदाय के लोगों को मिला रोजगार, IIM बेंगलुरु ने की सराहना

राजकोट प्रशासन समाज में थर्ड जेंडर कम्युनिटी को आगे लाने के लिए स्किल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. उनके इस प्रोजेक्ट को जमीनी स्तर पर सफलता मिल रही है और अब उनके प्रयासों को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, बेंगलुरु ने भी सराहा है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 26 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST
  • राष्ट्रीय कौशल विकास योजना के तहत शुरू किया प्रोजेक्ट
  • 15 लोगों को मिला प्रशिक्षण

राजकोट प्रशासन समाज में थर्ड जेंडर कम्युनिटी को आगे लाने के लिए स्किल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. उनके इस प्रोजेक्ट को जमीनी स्तर पर सफलता मिल रही है और अब उनके प्रयासों को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, बेंगलुरु ने भी सराहा है.

राजकोट प्रशासन की कौशल विकास की अनूठी पहल आईआईएम बेंगलुरु की क्लासेज में चर्चा का विषय बन गई है और इसे संस्थान के वेब पोर्टल पर केस स्टडी के तौर पर अपलोड भी किया गया है. आईआईएम बेंगलुरु ने इस पर एक लेख प्रकशित किया है कि कैसे राजकोट प्रशासन LGBTQ समुदाय के लिए रोजगार के अवसर बना रहा है. 

राष्ट्रीय कौशल विकास योजना के तहत शुरू किया प्रोजेक्ट: 

राजकोट भारत के उन 30 जिलों में से एक था जिन्हें केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कौशल विकास योजना पेश करने के लिए चुना था. इस योजना के तहत गुजरात के तीन जिलों – राजकोट, पाटन और सुरेंद्रनगर का चयन किया गया था. 

राजकोट ने एलजीबीटी समुदाय के समावेशी कौशल विकास की योजना तैयार की थी जिसे केंद्र सरकार ने शॉर्टलिस्ट किया था. राज्य सरकार ने भी इस प्रयास को मान्यता दी और कहा जा रहा है कि राजकोट के इस मॉडल को गुजरात के सभी जिलों में लागू किया जायेगा. 

आईआईएमबी के लेख के अनुसार LGBTQ समुदाय के सदस्य खुद अपने अधिकारों के बारे में जागरूक नहीं हैं. वे अक्सर मुख्यधारा से कटे रहते हैं और इस कारण भीख मांगने, सेक्स वर्क जैसे कामों में लिप्त हो जाते हैं. लेकिन कोरोना महामारी में उनका जीवन और आजीविका बहुत प्रभावित हुई है.

राजकोट प्रशासन ने संवारा कईयों का जीवन: 

प्रोजेक्ट लक्ष्य ट्रस्ट और राजकोट जिला प्रशासन के सकारात्मक दृष्टिकोण से यह संभव हो पाया है.कौशल विकास पर इस प्रोजेक्ट के लिए राजकोट जिला प्रशासन ने एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों के साथ नियमित बातचीत की. उनके दैनिक जीवन की चुनौतियों और संघर्षों को समझा. 

कई इंटरैक्टिव सेशन एक बाद अधिकारियों के इस समुदाय के 15 लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण लेने के लिए चुना. ये 15 लोग इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर में करियर बनाना चाहते थे. 

इसके बाद समिति ने कई कंपनियों से बात की और उनके लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार करने के लिए कहा.  सितंबर और अक्टूबर में, 11 उम्मीदवारों ने कंप्यूटर कॉन्सेप्ट्स पर कोर्स (सीसीसी) के प्रशिक्षण में भाग लिया और उन्हें 30 अक्टूबर को पूरा होने का प्रमाण पत्र दिया गया, जिसके बाद उन सभी को प्लेसमेंट मिला.
 
राजकोट की जिला कौशल समिति को एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों को मुख्यधारा में लाने के प्रयासों के लिए गुजरात राज्य एड्स नियंत्रण समाज से एक पुरस्कार मिला है. 


 

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