Ram Mandir: ISRO ने दिखाई राम मंदिर की सैटेलाइट तस्वीर...अंतरिक्ष से कुछ ऐसा दिखा राम मंदिर का नजारा

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हो चुका है. इस दौरान इसरो ने मंदिर की भव्य तस्वीर शेयर की है जिसमें निर्माणाधीन राम मंदिर साफ दिखाई दे रहा है. इसरो ने अपने स्वदेशी उपग्रहों की मदद से अंतरिक्ष से राम मंदिर की तस्वीरें खींची. 

Ram Mandir
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हो गया है. इससे पहले, इसरो के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC)ने भव्य संरचना की पहली तस्वीर साझा की. एनआरएससी द्वारा साझा की गई तस्वीरों में निर्माणाधीन राम मंदिर को बड़े आकार में देखा जा सकता है. इसरो ने अपने स्वदेशी उपग्रहों की मदद से अंतरिक्ष से राम मंदिर की तस्वीरें खींची. 

रेलवे स्टेशन भी दिखा
रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट से ली गई इस तस्वीर में अयोध्या स्थित 2.7 एकड़ में फैले राम जन्मभूमि स्थल को देख सकते हैं. अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की ये तस्वीरें पिछले साल 16 दिसंबर को ली गई थीं, हालांकि तब से अयोध्या में घने कोहरा छाए रहने के कारण साफ तस्वीरें लेना मुश्किल हो गया. ISRO की तस्वीर में सिर्फ श्रीराम मंदिर ही नहीं बल्कि अयोध्या का बड़ा हिस्सा दिख रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों में राम मंदिर के पास पुनर्विकसित दशरथ महल और सरयू नदी भी देखी जा सकती है. इसके अलावा एनआरएससी द्वारा साझा की गई तस्वीरों में नव पुनर्निर्मित अयोध्या रेलवे स्टेशन को भी देखा जा सकता है.

भारत के पास फिलहाल अंतरिक्ष में 50 से अधिक उपग्रह हैं, और उनमें से कुछ का रिज़ॉल्यूशन एक मीटर से भी कम है. इन तस्वीरों को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर ने प्रोसेस्ड किया है.

मंदिर निर्माण में इसरो की तकनीक का इस्तेमाल
राम मंदिर निर्माण के विभिन्न चरणों में भी इसरो की तकनीक का उपयोग किया गया है. इस भव्य परियोजना में एक बड़ी चुनौती भगवान राम की मूर्ति लगाने के लिए सटीक स्थान की पहचान करना था. ये सैटेलाइट इतने ताकतवर हैं कि एक मीटर से कम आकार की वस्तु की भी स्पष्ट तस्वीर ले सकते  हैं. असल में मंदिर का निर्माण करने वाली कंपनी लार्सेन एंड टुर्बो (L&T) ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS)आधारित को-ऑर्डिनेट्स हासिल किए ताकि मंदिर परिसर की स्पष्ट तस्वीर प्राप्त की जा सके. मंदिर ट्रस्ट चाहता था की मूर्ति गर्भगृह के अंदर 3X6 फीट वाली जगह पर ही रखी जाए, जहां भगवान राम का जन्म हुआ था. इसरो की तकनीक डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम आधारित निर्देशांक का इस्तेमाल किया गया जिसके लिए 1-3 सेंटीमीटर तक सटीक निर्देशांक तैयार किए गए थे. इसी के आधार पर मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति की स्थापना की गई.

पारंपरिक नागर शैली में निर्मित मंदिर परिसर 380 फीट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा होगा. मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची होगी और इसमें कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे.

 

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