Rashtrapati Bhavan के Durbar Hall में आजाद भारत की पहली सरकार ने ली थी शपथ... अब कहलाएगा गणतंत्र मंडप, अशोक हॉल जाना जाएगा अशोक मंडप के नाम से

Rashtrapati Bhavan Hall Name Change: राष्ट्रपति भवन स्थित दरबार हॉल का नाम अब गणतंत्र मंडप कर दिया गया है. इसका पहले नाम थ्रोन रूम हुआ करता था. ये वही हॉल है जहां आजादी के बाद 15 अगस्त 1947 को पं. जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में स्वतंत्र भारत की पहली सरकार ने शपथ ली थी. ब्रिटिश शासन काल के दौरान दरबार हॉल में वायसराय का दरबार लगता था.

Rrashtrapati Bhawan (Getty images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST
  • दरबार हॉल को राष्ट्रपति भवन का माना जाता है सबसे भव्य हॉल 
  • यह हॉल राष्ट्रपति भवन के सेंट्रल डोम के है ठीक नीचे 

Durbar Hall and Ashok Hall Name Change: राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के अंदर स्थित दरबार हॉल (Durbar Hall) और अशोक हॉल (Ashok Hall) का नाम बदल दिया गया है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक दरबार हॉल का नाम अब गणतंत्र मंडप और अशोक हॉल का नाम अशोक मंडप होगा. 

आपको मालूम हो कि राष्ट्रपति भवन में 340 कमरे हैं. इन कमरों के अलावा कई विशाल हॉल हैं. इन्हीं में एक दरबार हॉल भी था. दरबार हॉल में कई अहम सरकारी कार्यक्रम आयोजित होते थे. यहां राष्ट्रीय अवॉर्ड दिए जाते थे. उधर, अशोक हॉल मूल रूप से एक बॉलरूम था. इसमें औपचारिक बैठकें होती थीं. यहीं पर राष्ट्रपति, विदेशी राजदूतों के लेटर स्वीकार करती हैं. 

आखिर क्यों बदला गया नाम 
राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति कार्यालय और राष्ट्रपति निवास राष्ट्र के प्रतीक हैं. ये जनता की एक अमूल्य विरासत हैं. राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन्हें जनता के लिए अधिक सुलभ बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. राष्ट्रपति भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृति मूल्यों और लोकाचार के अनुरूप बनाने के निरंतर प्रयास किए गए.

इसी क्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदला है. दरबार शब्द जिसका मतलब भारतीय शासकों और अंग्रेजों की अदालतों और सभाओं से था, भारत के गणतंत्र बनने के बाद यह प्रासंगिक नहीं रहा था. इसलिए इसका नाम बदला गया है. बयान में कहा गया है कि गणतंत्र की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से शामिल है, इसलिए इस स्थल के लिए गणतंत्र मंडप एक बेहतर नाम है. 

अशोक मंडप नाम लाता है भाषा में एकरूपता
सरकार ने अशोक हॉल का नाम बदलने के फैसले पर कहा कि अशोक मंडप नाम भाषा में एकरूपता लाता है और अंग्रेजीकरण के निशान को मिटाता है. यह ब्रिटिश काल से आजादी का प्रतीक है. अशोक शब्द से जुड़े मूल मूल्यों को भी बरकरार रखता है.

अशोक शब्द का अर्थ है, एक ऐसा शख्स जो सभी कष्टों से मुक्त हो या सभी दुखों से आजाद हो. इसके साथ ही अशोक का मतलब सम्राट अशोक से है, जो एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रतीक हैं. भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ में अशोक का सिंह शीर्ष है यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है, जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है.

गणतंत्र मंडप के बारे में जानिए 
1. राष्ट्रपति भवन का सर्वाधिक भव्य कक्ष दरबार हॉल है, जो अब गणतंत्र मंडप के नाम से जाना जाएगा. 
2. दरबार हॉल की 42 फुट ऊंची दीवारें सफेद मार्बल से सजी हुई हैं. 
3. गुंबद परिधि में 22 मीटर और भूमि से 25 मीटर ऊपर है. 
4. गुंबदीय आकार के डोम के केंद्र में छिद्र सहित डबल डोम आकृति है, जिससे दरबार हॉल में सूर्य की रोशनी प्रवेश करती है. 
5. दरबार हॉल में इसकी छत से लटका हुआ 33 मीटर की ऊंचाई वाला एक अति सुंदर बेल्जियम कांच का झूमर दरबार हॉल की सुंदरता में चार चांद लगाता है. 
6. दरबार हॉल में चार अर्द्धगोलाकार झरोखे हैं, जिसमें से दो दक्षिण की ओर और दो पूरब की ओर है. इसमें आलंकारिक मेहराब और चापालंकरण गुंबद में उत्कीर्णित हैं. 
7. दरबार हॉल सफेद शीर्ष और सतह युक्त पीले जैसलमेर मार्बल से बने हुए स्तंभों से घिरा हुआ है.हॉल में कई पेंटिंग लगी हैं, जो देश के राजनेताओं की हैं.
8. दरबार हॉल में एंट्री करते ही भगवान बुद्ध की मूर्ति दिखाई देती है. यह पांचवीं सदी की प्रतिमा है. इस मूर्ति के सामने ही राष्ट्रपति की कुर्सी रखी गई है. पहले यहां वायसराय और उनकी वाइफ के लिए कुर्सी रखी गई थी. 
9. दरबार हॉल को पहले थ्रोन रूम के नाम से जाना जाता था. यहीं पर पं. जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में आजाद भारत की पहली सरकार ने 15 अगस्त 1947 को शपथ ली थी. 
10. सी.राजगोपालाचारी ने साल 1948 में भारत के गवर्नर जनरल के रूप में दरबार हॉल में ही शपथ ली थी. 
11. साल 1977 में राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद के निधन पर दरबार हॉल को भारत के पांचवें राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देने के लिए इस्तेमाल किया गया था. 
12. दरबार हॉल में ही राष्ट्रपति द्वारा असैन्य और सैन्य सम्मान दिए जाते हैं. 
13. नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह दरबार हॉल में ही आयोजित किए जाते हैं.

अशोक मंडप की खासियत
1. अशोक हॉल को अब अशोक मंडप के नाम से जाना जाएगा. 
2. अशोक हॉल का फर्श लकड़ी का बना हुआ है और इसकी सतह के नीचे स्प्रिंग लगे हुए हैं. हॉल की छत तैल पेंटिंगों से सुसज्जित हैं.
3. छत के केंद्र में एक चमड़े की पेंटिंग है. इसमें पारसी सात कजार शासकों में से दूसरा शासक फतह अली शाह का अश्वारोही चित्र दिखाया गया है जो कि अपने 22 पुत्रों की मौजूदगी में एक बाघ का शिकार कर रहा है. 
4. 5.20 मीटर लंबी और 3.56 मीटर चौड़ी यह पेंटिंग फतह शाह ने स्वयं इंग्लैंड के जार्ज चतुर्थ को भेंट स्वरूप प्रदान की थी. 
5. लॉर्ड इरविन के कार्यकाल में भेंट की गई कलाकृति को लंदन के भारत ऑफिस लाइब्रेरी से मंगाया गया था. 
6. अशोक हॉल की दीवारें शाही जुलूस का प्रदर्शन करती हैं जबकि छतों को सीधे पेंट किया गया था, दीवारों को विशाल लटके हुए कैनवस से पूरा किया गया था. 
7. अशोक हॉल में बेल्जियम के कांच के 6 झूमर लगे हैं, जो इसकी खुबसूरती को खास बनाते हैं.
8. ऑर्केस्ट्रा के लिए स्थान के रूप में स्टेट बॉल रूम में एक मचान भी डिजायन किया गया था, जिसे खास समारोहों के दौरान राष्ट्रगान बजाने के लिए प्रयोग किया जाता है. 
9. हॉल के तीन गलियारे ताजी हवा को अंदर आने देते हैं. 
10. अशोक हॉल के फ्रेंच विंडो से मुगल गॉर्डन का शानदार दृश्य दिखता है. 
11. अशोक हॉल की दीवारें और स्तंभ पीले ग्रे मार्बल से बनाए गए हैं. 
12. अशोक हॉल को पहले स्टेट बॉल रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाता था.
13. अभी अशोक हॉल कुछ विशेष आयोजनों के लिए इस्तेमाल होता है. 
14. इसे विदेशों के मिशनों के प्रमुखों के पहचान-पत्र प्रस्तुत करने के लिए प्रयोग किया जाता है.


 

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