लैम्बर्गिनी का लग्जरी गाड़ियों में नाम गिना जाता है. साथ ही रफ्तार के लिए भी इस ब्रांड की गाड़ियां गिनी जाती हैं. जब कंपनी इतनी ब्रांडेड हो तो कस्टूमर भी कंपनी से काफी अच्छी सर्विस की उम्मीद रखते है. लेकिन इस बार पासा उल्टा पड़ गया. कंपनी का पाला पड़ा भी तो एक दिग्गज से जिसने उसकी छवि को अच्छे से धूमिल किया.
दरअसल, रेमंड्स (Raymonds) के चेयरमैन गौतम सिंघानिया (Gautam Singhania) ने लैम्बोर्गिनी (Lamborghini) की नई कार रेवल्टो (Reveto) खरीदी. जिसमें उन्हें कुछ समस्या का सामना करना पड़ा. इसके लिए उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की. लेकिन उनके हाथ कुछ नहीं लग पाया. जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया का साहारा लिया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कंपनी के खिलाफ पोस्ट करना शुरू कर दिया.
गौतम सिंघानिया लैम्बोर्गिनी की सर्विस के काफी नाखुश हैं. वे इतने नाखुश हैं कि उनका गुस्सा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फूटा. उनका कहना है कि उनकी शिकायत को लेकर लैम्बर्गिनी के एशिया और इंडिया टीम में से किसी ने उनकी शिकायत की तरफ गौर तक नहीं किया. इन हालात में उन्हें बिलकुल भी अच्छा नहीं लगा. उन्हें लौटा कर कंपनी के किसी अधिकारी ने फोन तक करने की कोशिश नहीं की.
एक्स पर फूटा गुस्सा
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लैम्बर्गिनी के इंडिया के हेड शरद अग्रवाल (Sharad Agarwal) और एशिया हेड फ्रैंसिस्को स्कार्दूनी (Francesco Scardoni) को टैग करते हुए लिखा कि मैं आप दोनों के अहंकार से हैरान हूं. मुझसे अभी तक किसी ने भी संपर्क करने की कोशिश नहीं की है कि आखिर मेरी समस्याएं क्या है.
क्या है मामला?
दरअसल इस महीने, गौतम सिंघानिया अपनी नई कार लैम्बोर्गिनी रेवेल्टो (Revelto) की टेस्ट ड्राइव पर गए थे. इस दौरान कार में इलेक्ट्रिकल दिक्कतें हो गईं और कार पूरी तरह से मुबंई के एक सड़क पर ही बंद हो गई. जिसके बाद कार को टो करवा कर ले जाया गया. जिसकी तस्वीर भी उन्होंने साझा की. यह परेशानी कार खरीदने के केवल 15 दिनों में ही हो गई.
नेटिजन मचा रहे है बवाल
वहीं इस मामले में नेटिजन गौतम सिंघानिया के पक्ष में आ चुके है. गौतम के पोस्ट पर कमेंट की झड़ी लगी हुई है. नेटिजन का कहना है कि इस तरह कोई कंपनी कैसे कर सकती है. कार खरीदते समय कस्टूमर कंपनी पर भरोसा करता है. लेकिन अगर कंपनी ही उसके साथ ऐसा व्यवहार करेगी तो वह कहा जाएगा. कंपनियों को समझना चाहिए कि उनके इस तरह के व्यवहार से केवल उनकी ही छवि खराब होती है. वहीं एक कमेंट में तो यहां तक कहा दिया गया कि यह कंपनियों का तरीका होता है ग्राहक को हैरेस करने का. इस स्थिति में ग्राहक कुछ नहीं कर पाता.