अगर आपकी कार है पुरानी तो 1 जनवरी से इन दस्तावेजों के बिना घर से न निकलें, 10 साल पुरानी डीज़ल व 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन होगा निरस्त

चूंकि हमारा गौतमबुद्धनगर भी एनसीआर क्षेत्र में ही आता है तो हम भी एनजीटी के आदेशानुसार लगातार कार्यवाही कर रहे हैं. ए.के. पांडेय ने कहा कि वाहनों की ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ ऑफिस के कर्मचारियों द्वारा जांच की जा रही है. जिस वाहन की फिटनेस सही नहीं है या उसके पास एनओसी नहीं है उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है.

दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली के पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने की जरूरत पड़ने पर पांच कंपनियों को बकायदा ठेका दिया हुआ है.
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:22 AM IST
  • जल्द से जल्द फिटनेस चेक कराकर ले लें एनओसी
  • ट्रैफिक पुलिस की क्या है प्लानिंग, कैसे चेक करेंगे कार?
  • क्या आप दिल्ली में रजिस्टर्ड 10 साल पुरानी डीजल कार को ट्रांसफर या बेच सकते हैं?

पूरा देश नए साल का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है और इसके खुमार में डूबा हुआ है. लेकिन इस नए साल, नई उमंग और नए जोश के साथ लोगों को नए नियमों का भी तोहफा मिलने वाला है. राजधानी दिल्ली में 1 जनवरी को 10 साल पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसल करने की प्रक्रिया 1 जनवरी को पूरी हो जाएगी जबकि राजधानी से सटे गौतमबुद्ध नगर के एआरटीओ ने बताया कि वो एनजीटी के आदेश पर लगातार 10 साल पुरानी डीजल व 15 साल पुरानी पेट्रोल व सीएनजी गाड़ियों के खिलाफ कार्यवाही चल रही है. वहीं जिसने भी अपने वाहन की फिटनेस चेक कराकर एनओसी नहीं ली है वो जल्द ही ले लें नहीं तो 6 महीने से पहले उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा.

जल्द से जल्द फिटनेस चेक कराकर ले लें एनओसी
 
गौतमबुद्ध नगर के एआरटीओ ए.के. पांडेय ने बताया कि एनसीआर में एनजीटी के आदेश के चलते ये कार्यवाही की जा रही है. चूंकि हमारा गौतमबुद्धनगर भी एनसीआर क्षेत्र में ही आता है तो हम भी एनजीटी के आदेशानुसार लगातार कार्यवाही कर रहे हैं. ए.के. पांडेय ने कहा कि वाहनों की ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ ऑफिस के कर्मचारियों द्वारा जांच की जा रही है. जिस वाहन की फिटनेस सही नहीं है या उसके पास एनओसी नहीं है उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने गाड़ियों के मालिकों को आदेश दिया है कि वो अपने वाहन की जल्द से जल्द फिटनेस चेक कराकर एनओसी प्राप्त कर लें वरना वे सड़क पर अपनी गाड़ी नहीं चला पाएंगे. साथ ही ऐसे वाहनों का  रजिस्ट्रेशन 6 महीने के अंदर निरस्त कर दिया जाएगा. 

ट्रैफिक पुलिस की क्या है प्लानिंग, कैसे चेक करेंगे कार?

आरटीओ ने नोएडा पुलिस को यह जानकारी मुहैया करा दी है और नोएडा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए है कि 1 जनवरी के बाद से इस वाहनों की सख्ती से चेकिंग की जाए. इन पुरानी गाड़ियों को उत्तर प्रदेश के 33 जिलों (इटावा, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर, कुशीनगर, फर्रुखाबाद, जौनपुर, बलिया, सुल्तानपुर, गाजीपुर, फतेहपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर, बदायूं, बलरामपुर, हरदोई, मैनपुरी, प्रतापगढ़, सिदार्थनगर, महाराजगंज, श्रावस्ती, औरैया, सोनभद्र, बहराइच, उरई, एटा, कंशी राम नगर, महोबा, ललितपुर, चित्रकूट, हमीपुर और अमेठी में रजिस्टर कराया जा सकता है. एआरटीओ ने साफ किया है कि गाड़ी बेचते वक्त आरटीओ से कॉल आ सकती है. 
इसी तरह प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों पर नकेल कसते हुए दिल्ली सरकार ने उन सभी डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया है जो 1 जनवरी, 2022 को 10 साल पूरे कर चुके हैं या पूरे करने वाले हैं. यह कदम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के मद्देनजर उठाया गया है.


क्या आप दिल्ली में रजिस्टर्ड 10 साल पुरानी डीजल कार को ट्रांसफर या बेच सकते हैं?

जी हां, ऐसा करना आपके लिए संभव है. लेकिन ये कार आप दिल्ली में रहने वाले किसी शख्स को नहीं बेच सकते. कुछ खास राज्यों और शहरों में रहने वालों को ही ये कार बेची जा सकती है. इसके लिए आपको दिल्ली परिवहन विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य होगा. दिल्ली परिवहन विभाग की तरफ से जारी एनओसी ( अनापत्ति प्रमाण पत्र) राजस्थान और मेघालय के सभी जिलों में मान्य है. साथ ही बिहार के 18 जिलों (अरवाल, श्योहर, जमुई, कैमूर-भभुआ, नवादा, मधेपुरा, सुपौल, खगरिया, बक्सर, लखीसराय, शेखपुरा, बांका, जहानाबाद, मुंगेर, सहरसा, अररिया, किशनगंज और औरंगाबाद) मैं यह एनओसी मान्य होगी.


यहां परिवहन विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि दिल्ली में बाहरी राज्यों से पुरानी गाड़ियां को आने की इजाजत नहीं दी जाएगी ऐसी गाड़ियों का पकड़े जाने पर चालान किया जाएगा. दरअसल दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली के पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने की जरूरत पड़ने पर पांच कंपनियों को बकायदा ठेका दिया हुआ है. जरूरत पड़ने पर तीन कंपनियों के प्रतिनिधि कार मालिकों के घर जाकर कार को ले आते हैं और उन्हें कबाड़ में तब्दील कर दिया जाता है और इस तरह आरटीओ ऑफिस से वाहन का पंजीकरण भी समाप्त हो जाता है.

 

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