महिलाएं पढ़ने में ही नहीं बल्कि पढ़ाने में भी पुरुषों से आगे हैं. ऐसा UDISE+ (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस) की साल 2023-24 की रिपोर्ट से साफ होता है. इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि देश के सभी स्कूलों में फिर चाहे वो प्राइवेट हों या सरकारी, महिला शिक्षकों की संख्या बढ़ी है.
आमतौर पर भी देखा जाता है कि किसी भी स्कूल में महिला टीचर्स की संख्या काफी होती है. विशेषतौर पर अगर बात छोटे बच्चों की कक्षाओं की करें तो वहां महिला टीचर्स को तवज्जों दी जाती है. इसके पीछे कई प्रकार के कारण भी है. जिस प्रकार एक मां अपने बच्चे को घर पर संभालती है उसी प्रकार एक महिला टीचर बच्चों को स्कूल में संभालने में ज्यादा समर्थ रखती है.
क्या कहती है रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार महिला शिक्षकों की संख्या पहली बार पुरुषों से ज्यादा यानी 53.3% हो गई है. देश में करीब 98 लाख टीचर्स हैं. जिनमें से 52 लाख 3 हज़ार फीमेल टीचर्स हैं. जबकि 2018-19 में ये संख्या 47 लाख 14 हज़ार थी. यानी कह सकते हैं कि एक प्रकार से यह आंकड़ा करीब दोगुना हो चुका है. इसके पीछे एक वजह यह भी है कि अब कि महिलाएं नौकरीपेशा भी होती जा रही हैं. जिससे वह टीचर के पेशे को एक अच्छे पेशे के तौर पर देखती हैं और इसमें अपने कदम बढ़ाती हैं.
पुरुषों के साथ कदम बढ़ा रही महिलाएं
स्कूलों में महिला टीचर्स की संख्या लगातार बढ़ी है. इसमें कोई दो राय नहीं कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे निकल रही हैं. कहीं पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं तो कहीं उनसे दो कदम आगे हैं. शिक्षा का क्षेत्र भी ऐसा ही है. जहां महिलाएं पुरुषों से दो कदम आगे बढ़ गई हैं. एक तरफ महिलाएं पुरुषों के साथ कदम मिला कर चल रही हैं. वहीं अगर महिला टीचर की बात करें तो एक टीचर का कहना है कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को एक जैसा मौका दिया जाता है. लेकिन क्योंकि एक महिला घर पर भी बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताती है इसलिए वह स्कूल के माहौल को ज्यादा बेहतर तरीके से और बच्चों के साथ खुद को जोड़ पाती हैं.
आखिर क्यों हैं वो शिक्षा के क्षेत्र में आगे
महिलाओं के शिक्षण के क्षेत्र में आगे आने की एक वजह उनका लविंग और केयरिंग नेचर भी है. जो उनका स्वाभाविक गुण भी है. ऐसे में वो इस क्षेत्र में बच्चों को शिक्षा और ज्ञान के साथ-साथ मानवीय गुणों के विकास में भी बड़ी भूमिका निभाती हैं. GNT के बात करते हुए एक महिला टीचर ने भी कहा कि महिलाओं में लविंग और केयरिंग नेचर होता है तो टीचिंग प्रोशेन के लिए काफी जरूरी होता है, तो इसलिए इस प्रोफेशन में महिलाओं की ज्यादा जरूरत होती है. वह यह भी कहती है कि यह नेचर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा होता है.
-मनीष चौरसिया की रिपोर्ट