देशभर में गणतंत्र दिवस की धूम है. 26 जनवरी को जहां राष्ट्रपति दिल्ली में तिरंगा फहराएंगी, वहीं देश के कोने-कोने में भी इसे फहराया जाएगा. वर्ष 1950 में इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था और देश एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बन गया था. तिरंगा फहराने के कुछ नियम हैं, जिसे सभी को जानना चाहिए. गलत तरीके से तिरंगा फहराने पर आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है. इतना ही नहीं जेल भी हो सकती है.
कैसा है देश का राष्ट्रीय ध्वज?
भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों का है. इसे तिरंगा कहते हैं. तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत और सबसे नीचे हरा रंग होता है. श्वेत रंग पर नीले रंग का अशोक चक्र का चिह्न होता है. अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के निर्माता पिंगली वेंकैया थे.
ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में अंतर
15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है. ध्वजारोहण और झंडा फहराने के बीच एक बड़ा अंतर है. जब तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण कहते हैं. 26 जनवरी में तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है. इसे झंडा फहराना कहते हैं.
यहां नहीं फहरा सकते तिरंगा
नागरिकों को घर पर तिरंगा फहराकर या हाथ में लेकर अपने राष्ट्रवादी उत्साह का प्रदर्शन करने की अनुमति है. लेकिन निजी वाहनों पर गलत तरीके से तिरंगा फहराना अपराध है. भारत ध्वज संहिता का उल्लंघन राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के अपमान की रोकथाम के तहत दंडनीय है. धारा 3.23 राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन का कैसे दुरुपयोग हो जाता है उसके बारे में बताता है, इसमें कहा गया है कि झंडे को वाहन, ट्रेन या नाव के ऊपर, किनारे और पीछे नहीं लपेटा जाएगा.
तिरंगा फहराने के नियम
1. तिरंगा फहराते समय यह ध्यान रखें कि यह भीग न हो. नहीं किसी प्रकार की उसे क्षति हुई है. केसरियां रंग हमेशा ऊपर, सफेद रंग बीच में और हरा रंग हमेशा सबसे नीचे की पट्टी में होनी चाहिए. झंड़ा कटा-फटा नहीं होना चाहिए. तभी आप इसे फहरा सकते हैं.
2. पहले केवल हाथ से बने कपास, पालिएस्टर, ऊन, खादी इत्यादि से बने झंडे को बनाने की अनुमति थे लेकिन अब मशीन से भी बने झंडे को फहराने की अनुमति मिल चुकी है.
3. पहले केवल दिन के वक्त ही झंडा फहराने की अनुमति थी लेकिन सरकार ने नियम को बदल दिया है. इसे दिन या रात 24 घंटे फहराया जा सकता है.
4. झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए. इसकी लंबाई चौड़ाई का अनुपात 32 होना चाहिए.अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए और यह सफेद पट्टी के बीच में होना चाहिए.
5. किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को नहीं छूना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा कोई और ध्वज नहीं लगाया जा सकता है.
6. झंडे के किसी भी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने, मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल की जेल के साथ जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं.
7. झंडे पर कुछ लिखा नहीं जा सकता है. तिरंगे को अपने पास पूरे सम्मान के साथ तह लगाकर रखना है. फेंकना और क्षति पहुंचाने की मनाही है.
8. एक मोटर कार पर झंडा अकेला प्रदर्शित किया जाता है, तो उसे एक डंडे (स्टाफ) से फहराया जाना चाहिए, जिसे या तो बोनट के सामने बीचो-बीच पर या कार के सामने दाहिनी ओर मजबूती से लगा हुआ होना चाहिए.