Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस पर कौन होंगे हमारे चीफ गेस्ट, कैसे चुने जाते हैं मेहमान, अब तक किन-किन देशों से आए मुख्यातिथि? यहां जानिए सबकुछ

इस साल 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. हमारे चीफ गेस्ट फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों होंगे. मुख्यातिथि को बुलाने की प्रक्रिया समारोह से छह महीने पहले से ही शुरू हो जाती है. आमंत्रण भेजने से पहले कई पहलुओं पर विचार किया जाता है. 

PM Modi and Emmanuel Macron (file photo)
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST
  • दिल्ली स्थित कर्तव्यपथ पर होता है विशाल परेड का आयोजन
  • aamantran.mod.gov.in पर जाकर खरीद सकते हैं टिकट

हमारे देश में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इस दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित कर्तव्यपथ पर विशाल परेड का आयोजन किया जाता है. गणतंत्र दिवस पर विदेशी अतिथियों को आमंत्रण की परंपरा है. हर साल इस अवसर पर किसी न किसी देश के अतिथि को भारत आने के लिए न्योता दिया जाता है. इस साल 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. इस बार मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हमारे चीफ गेस्ट होंगे. आज आइए जानते हैं मुख्यातिथि को कैसे चुना जाता है और गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए टिकट कहां से मिलेगा?

भारत सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है निमंत्रण
गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य मेहमान बनना किसी भी देश के लिए विशेष होता है. यह निमंत्रण भारत सरकार के दृष्टिकोण को भी दर्शाता है. समारोह में मुख्य अतिथि की अहम भूमिका होती है. राष्ट्रपति भवन में मुख्य अतिथि को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है. भारत के राष्ट्रपति शाम को मुख्य मेहमान के लिए एक स्वागत समारोह भी आयोजित करते हैं. मुख्य अतिथि का चुनाव रणनीतिक और कूटनीतिक, व्यावसायिक हित और अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीति कारणों को देखते हुए होता है.

छह महीने पहले शुरू हो जाती है मेहमान को बुलाने को लेकर प्रक्रिया
गणतंत्र दिवस पर किसे मुख्यातिथि के रुप में बुलाया जाए, इसके लिए प्रक्रिया समारोह से छह महीने पहले से ही शुरू हो जाती है. आमंत्रण भेजने से पहले कई पहलुओं पर विचार किया जाता है. इसमें सबसे प्रमुख भारत और उस देश से संबंधों का ध्यान रखा जाता है. भारतीय विदेश मंत्रालय इस अवसर का इस्तेमाल आमंत्रित देश के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए करता है. यह भी ध्यान रखा जाता है कि आमंत्रित अतिथि को बुलाने से किसी अन्य देश से तो हमारे संबंध खराब नहीं होंगे. 

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से विदेश मंत्रालय लेता है अनुमति
इन सब बातों का ध्यान रखने के बाद विदेश मंत्रालय मुख्यातिथि का चुनाव करता है. इसके बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इस मामले में अनुमति लेता है. अनुमति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है. उस देश में भारत के राजदूत यह पता करते हैं कि क्या गणतंत्र दिवस पर उस देश के प्रतिनिधि उपलब्ध हो सकेंगे या नहीं. कई बार मेहमान का उस तिथि में और कार्यक्रम होता है.

यही वजह है कि हमेशा विदेश मंत्रालय मुख्यातिथि के रूप में एक से ज्यादा विकल्प लेकर चलता है. इसके बाद विदेश मंत्रालय अतिथि के देश से बातचीत शुरू करता है जिससे पूरे कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आमंत्रण की जानकारी दी जाती है. एक बार आमंत्रण स्वीकार होने की स्थिति में आगे की तैयारी शुरू हो जाती है. 

परेड देखने के लिए मिलेगा टिकट
देश का कोई भी नागरिक यदि गणतंत्र दिवस परेड देखना चाहता है, तो टिकट खरीद सकता है. आप रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट aamantran.mod.gov.in पर जाकर गणतंत्र दिवस परेड देखने की टिकट बुक करा सकते हैं. यह पोर्टल आम जनता को ऑनलाइन टिकट प्रदान करने के अलावा गणमान्य व्यक्तियों और उनके मेहमानों को ऑनलाइन पास जारी करने की सुविधा भी प्रदान कर रहा है. 

गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट के साथ सरकारी आईडी होना बहुत जरूरी है. गणतंत्र दिवस परेड की टिकट को 10 जनवरी से 25 जनवरी तक ऑफलाइन प्राप्त कर सकते हैं. ऑफलाइन टिकट भारत पर्यटन विकास निगम (आईडीटीसी) यात्रा काउंटर, दिल्ली पर्यटन विकास निगम (डीटीडीसी) काउंटर और विभागीय बिक्री काउंटर पर उपलब्ध है. 

तीन प्रकार के हैं टिकट 
गणतंत्र दिवस परेड को देखने के लिए सरकार ने तीन प्रकार के टिकट रखे हैं. पहले टिकट का मूल्य 500 रुपए है. ये सीट वीवीआईपी सीट के पीछ से शुरू होगी, जिससे आप झांकी और अन्य कार्यक्रमों को करीब से देख सकते हैं. दूसरे टिकट का मूल्य 100 रुपए है और तीसरे टिकट का मूल्य 20 रुपए है. 

कैसे करें टिकट बुक
1. www.aamantran.mod.gov.in पर जाकर सबसे पहले आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर और मेल आईडी डालकर रजिस्ट्रेशन करना होगा. 
2. इसके बाद ओटीपी के साथ सत्यापन करना होगा. 
3. इसके बाद आपको जिस भी कार्यक्रम के लिए टिकट बुक करना है, उस विकल्प का चयन करना होगा. 

गणतंत्र दिवस परेड में आने वाले मुख्य अतिथियों की सूची
1950: राष्ट्रपति सुकर्णो (इंडोनेशिया)
1951: राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह (नेपाल)
1952: कोई आमंत्रण नहीं
1953: कोई आमंत्रण नहीं
1954: जिग्मे दोरजी वांगचुक (भुटान)
1955: गर्वनर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद (पाकिस्तान)
1956: आर.ए. बटलर (ब्रिटेन), चीफ जस्टिस कोटारो तनाका (जापान)
1957: रक्षामंत्री जॉर्जिया झुकोव (सोवियत संघ)
1958: मार्शल जे जियानिंग (चीन)
1959: एडिनबर्ष के ड्यूक प्रिंस फिलिप (यूनाइटेड किंगडम)
1960: प्रेसिडेंट क्लीमेंट वोरोशिलोव (सोवियत संघ)
1961: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (यूनाइटेड किंगडम)
1962: प्रधानमंत्रा विग्गो कंम्पमन्न (डेनमार्क)
1963: राजा नोरोडोम सिहानोक (कंबोडिया)
1964: चीफ लॉर्ड लुईस माउंटबैटन (ब्रिटेन)
1965: खाद्य और कृषि मंत्री राणा अब्दुल हमीद (पाकिस्तान)
1966: कोई आमंत्रण नहीं
1967: राजा मोहम्मद जहीर शाह (अफगानिस्तान)
1968: अध्यक्ष अलेक्सी कोसिगिन (सोवियत संघ), राष्ट्रपति जोसीप ब्रोज टिटो (यूगोस्लाविया)
1969: प्रधानमंत्री टोडोर झिव्कोव (बल्गेरिया)
1970: बेल्जियम राजा बौदौइन
1971: राष्ट्रपति जूलियस न्येरे (तंजानिया)
1972: प्रधानमंत्री सीईवोसगुर रामगुलाम (मॉरीशस)
1973: राष्ट्रपति मोबूतु सेसे सेको (जैरे)
1974: राष्ट्रपति जोसीप ब्रोज टिटो (यूगोस्लाविया), पीएम सिरिमावो बंडरानाइक (श्रीलंका)
1975: राष्ट्रपति केनेथ कौंडा (जाम्बिया)
1976: प्रधानमंत्री जाक शिराक (फ्रांस)
1977: प्रथम सचिव एडवर्ड गिरेक (पोलैंड)
1978: राष्ट्रपति पैट्रिक हिलेरी (आयरलैंड)
1979: पीएम मैल्कम फ्रेजर (ऑस्ट्रेलिया)
1980: राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कर्ड डी एस्टाइंग (फ्रांस)
1981: राष्ट्रपति जोस लोपेज पोर्टिलो (मेक्सिको)
1982: किंग जुआन कार्लोस आई (स्पेन)
1983: राष्ट्रपति शेहू शागरी (नाइजीरिया)
1984: किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुक (भूटान)
1985: राष्ट्रपति राउल अल्फोन्सिन (अर्जेंटीना)
1986: प्रधानमंत्री एंड्रियास पैपांड्रेड (ग्रीस)
1987: राष्ट्रपति एलन गार्सिया (पेरू)
1988: राष्ट्रपति जेआर जयवर्धने (श्रीलंका)
1989: जनरल सचिव गुयेन वान लिन (वियतनाम)
1990: पीएम अनिरुद्ध जुग्नथ (मॉरीशस)
1991: राष्ट्रपति ममून अब्दुल गयूम (मालदीव)
1992: राष्ट्रपति मारियो सोरेस (पुर्तगाल)
1993: पीएम जॉन मेजर (ब्रिटेन)
1994: प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग (सिंगापुर)
1995: राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला (दक्षिण अफ्रीका)
1996: राष्ट्रपति डॉ. फर्नाडो हेनरीक कार्डोसो (ब्राजील)
1997: पीएम बासदेव पांडे (त्रिनिदाद एंड टोबैगो)
1998: राष्ट्रपति जैक शिराक (फ्रांस)
1999: राजा बिरेंद्र बीर बिक्रम शाह देव (नेपाल)
2000: राष्ट्रपति ओलेजगुन ओबासांजो (नाइजीरिया)
2001: राष्ट्रपति अब्देलजीज बुटीफिला (अल्जीरिया)
2002: राष्ट्रपति कसम उतेम (मॉरीशस)
2003: राष्ट्रपति मोहम्मद खटामी (ईरान)
2004: राष्ट्रपति लुइज इनासिओ लुला दा सिल्वा (ब्राजील)
2005: किंग जिग्मे सिंग्ये वांगचुक (भूटान)
2006: किंग अब्दुल्ला बिन अब्दुलअजीज अलसऊद (सऊदी अरब)
2007: राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (रूस)
2008: राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी (फ्रांस)
2009: राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव (कजाखस्तान)
2010: राष्ट्रपति ली मयूंग बाक (दक्षिण कोरिया)
2011: राष्ट्रपति सुसिलो बांम्बांग युधोयोनो (इंडोनेशिया)
2012: प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनावात्रा (थाईलैंड)
2013: राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक (भूटान)
2014: पीएम शिंजो आबे (जापान)
2015: राष्ट्रपति बराक ओबामा (अमेरिका)
2016: राष्ट्रपति फ्रेंकोइस होलैंड (फ्रांस)
2017: क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान (संयुक्त अरब अमीरात)
2018: थाईलैंड के पीएम जनरल प्रायुत चान-ओ-चा, म्यांमार की नेता आंग सान सू की, ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया, कंबोडिया के पीएम हुन सेन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, सिंगापुर के पीएम ली सियन लूंग, मलेशिया के पीएम नजीब रजाक, वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक, लाओस के पीएम थॉन्गलौन सिसोलिथ, फिलीपींस के राष्ट्रपति ड्रिगो दुतेर्ते
2019: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामाफोसा
2020: ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो
2021: कोई मुख्य अतिथि नहीं
2022: कोई मुख्य अतिथि नहीं
2023: इजिप्ट के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी



 

Read more!

RECOMMENDED