2001 भूकंप की यादों को फिर से जिंदा कर... आज के कच्छ की विकास गाथा सुनाएगा ये म्यूजियम, पीएम मोदी करेंगे लोकार्पण

कच्छ के इस म्यूजियम की मदद से युवाओं में सीस्मोलॉजी को लेकर रुचि को पैदा करवाई जाएगी. म्यूजियम में 8 ब्लॉक बनाए गए हैं. इतना ही नहीं 2001 में आए कच्छ के भूकंप में जिन लोगों ने अपनी जान गंवा दी थीं, उन सभी को श्रद्धांजलि भी दी गई है.

smriti van
गोपी घांघर
  • गुजरात,
  • 27 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:02 PM IST
  • भूकंप की स्मृति को टेक्नोलॉजी के जरिए दर्शाया गया 
  • लोगों को दी गई है श्रद्धांजलि 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के कच्छ के भुज में भुजिया डूंगर पर बनाए गए स्मृति वन का रविवार यानी 28 अगस्त को लोकार्पण करेंगे. भुज का यह स्मृति वन 26 जनवरी 2001 के उस कच्छ के भूकंप को याद करवाता है, जो यहां के लोग कभी भूल नहीं पाएंगे. कच्छ के भूकंप के बाद किस तरीके से एक बार फिर कच्छ खड़ा हुआ उसकी जिंदादिली को भी स्मृति वन में म्यूजियम के तौर पर दिखाया गया है. स्मृति वन का यह सपना तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही देखा था. 

भूकंप की स्मृति को टेक्नोलॉजी के जरिए दर्शाया गया 

भुज के इस म्यूजियम का मकसद आज के युवाओं में सीस्मोलॉजी को लेकर रुचि को पैदा करना है. साथ ही भूकंप की स्मृति को अलग-अलग गैलरी के जरिए और आधुनिक टेक्नोलॉजी के जरिए दर्शाया गया है. 2001 में आए हुए भूकंप की अनुभूति करवाता एक विशेष थिएटर भी बनाया गया है. यहां एक स्टिम्युलेटर भी बनाया गया है, जो यहां आने वाले लोगों को भूकंप की उस कंपन को महसूस कर साथ ही ध्वनि और प्रकाश के जरिए उसका हुबहू अनुभव भी कर पाएंगे.  

म्यूजियम में 8 ब्लॉक बनाए गए हैं- जिसका कॉन्सेप्ट- रिबर्थ (Rebirth), रीडिस्कवर (Rediscover), रीस्टोर (Restore), रीबिल्ड (Rebuild), रीथिंक (Rethink), रिलिव (Relive) and रीन्यू  (Renew) पर बनाया गया हैं.

ऐतिहासिक हड़प्पा संस्कृति की भी मिलेगी झलक 

इस म्यूजियम में ऐतिहासिक हड़प्पा संस्कृति यानी धोलावीरा को भी दर्शाया गया है. साथ ही भूकंप को लेकर वैज्ञानिक जानकारी, गुजरात की कला और संस्कृति साइक्लोन का साइंस और रियल टाइम में आपातकालीन स्थिति को भी दर्शाने का प्रयत्न किया गया है.

यहां आने वाले लोगों को एक अलग ही अनुभव हो उसके लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए 50 ऑडियो-वीजुअल मॉडल, होलोग्राम, इंटरएक्टिव प्रोजेक्ट और वर्चुअल रियालिटी का इस्तेमाल किया गया है.

लोगों को दी गई है श्रद्धांजलि 

यहां पर बनाई गई खास पुण्यस्मरण ब्लॉक में आने वाले लोगों को 2001 में आए भूकंप में जिन लोगों की मौत हुई थी, उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई है. यहां पर टच पैनल, डिजिटल मशाल के जरिए एलईडी दीवार पर बनाई गई है जिसे भुज शहर से देखा जा सकेगा. 

गौरतलब है कि कच्छ के भूकंप में 12932 लोगों की मौत हुई थी, इन सभी लोगों के नाम के साथ यहां पर उनको श्रद्धांजलि दी गई है. साथ ही भुजिया डूंगर जो कि 470 एकड़ विस्तार में फैला हुआ प्रोजेक्ट है, उसमें से पहले क्रम में 170 एकड़ इलाके में स्मृति वन को बनाया गया है. यहां पर 50 जीतने चेक डैम, सनसेट पॉइंट, 8 किलोमीटर लंबा ओवरऑल पाथवे, 1.2 किलोमीटर का इंटरनल रोड, 1 मेगावाट की क्षमता का सोलर पावर प्लांट, 3000 वाहनों के लिए पार्किंग और 300 साल से भी पुराना भुज के किले का नवीनीकरण के साथ इस पूरे इलाके में 3 लाख वृक्ष बोए गए हैं. समग्र इलाके को इलेक्ट्रिक लाइटिंग और 11500 चौरस मीटर में भूकंप के समर्पित म्यूजियम को बनाया गया है.


 

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