कोरोना महामारी ने भले ही 2 साल तक बाबा केदारनाथ के दरबार तक पहुंचने की राह मुश्किल कर दी हो. लेकिन इस साल जब एक बार फिर विधिवत यात्रा शुरू हुई तो रिकॉर्ड कायम हो गया. यात्रा के इतिहास में पहली बार 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु अब तक बाबा के दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं. यात्रा में अभी भी कुछ दिन बचे हैं. इसलिए श्रद्धालुओं का अभी भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचना जारी है.
केदारनाथ में खुशनुमा है मौसम
बारिश और बर्फबारी के बाद अब केदारनाथ धाम में मौसम भी अब साफ हो चुका है. सुबह से शाम तक चटक धूप खिल रही है. साथ ही धाम की पहाड़ियां चमचमा रही हैं. पैदल के साथ ही हेलिकॉप्टर यात्रा भी विधिवत संचालित हो रही है. दर्शन के लिए बाबा के दरबार में लंबी लाइन लग रही है. शाम की आरती में मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का तांता लग रहा है. प्रशासन और पुलिस की तरफ से भी श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.
केदारनाथ रोप-वे प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
27 अक्टूबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने से पहले यात्रियों का यहां तांता लग रहा है. इस बार श्रद्धालुओं का यहां पहुंचने का रिकॉर्ड बना है. भविष्य में यहां पहुंचने वालों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है. क्योंकि यहां रोप-वे की सुविधा भी यात्रियों को मिलेगी. राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोप-वे को मंजूरी मिल चुकी है. जिसका निर्माण केंद्र सरकार की पर्वतमाला परियोजना के तहत होगा.
30 मिनट में पूरी होगी 8 घंटे की दूरी
रोप-वे की सुविधा यात्रियों के लिए वरदान साबित होगी. क्योंकि इससे सोनप्रयाग और केदारनाथ की दूरी महज 30 मिनट में पूरी हो सकेगी. जबकि अभी करीब 8 घंटे का वक्त लगता है.