51 फीट के साफे को मात्र 1 मिनट 46 सेकंड में बांधकर सचिन पायलट ने रखा गांववालों का मान

हरियाणा-राजस्थान जैसे राज्यों में सिर पर साफा बांधना मान-सम्मान का प्रतीक होता है. अक्सर किसी खास व्यक्ति को सम्मानित करने के लिए आमजन उसे साफा बांधते हैं. लेकिन हाल ही में राजस्थान में एक अनोखा नजारा देखने को मिला. दरअसल राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट साफा बांधने के लिए हमेशा ही चर्चा में रहते हैं. और इस बार उन्होंने साफा बांधने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया है.

सचिन पायलट साफा बांधते हुए
gnttv.com
  • टोंक ,
  • 28 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 10:58 AM IST
  • मात्र 1 मिनट 46 सेकंड में बांधा साफा
  • एक बार लिया था साफा न बांधने का प्रण

हरियाणा-राजस्थान जैसे राज्यों में सिर पर साफा बांधना मान-सम्मान का प्रतीक होता है. अक्सर किसी खास व्यक्ति को सम्मानित करने के लिए आमजन उसे साफा बांधते हैं. लेकिन हाल ही में राजस्थान में एक अनोखा नजारा देखने को मिला.
 
दरअसल राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट साफा बांधने के लिए हमेशा ही चर्चा में रहते हैं. और इस बार उन्होंने साफा बांधने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया है. पायलट ने 51 फीट लंबा साफा मात्र 1 मिनट 46 सेकंड में बांधा. 

गांववालों का रखा मान: 

अपने विधानसभा क्षेत्र टोंक के ढांस गांवों में विकास कार्यों की शुरूआत करने गए सचिन पायलट को गाँव वालों ने 51 फीट लंबा साफा बांधने को दिया. चार लोग मिलकर 51 फीट लंबे कपड़े को पकड़ा रहे थे और सचिन पायलट बांधे जा रहे थे. 

एक बार तो सचिन हंसते- हंसते बैठ गए. मगर गांववालों के मान-सम्मान का ध्यान रखते हुए उन्होंने साफा बांधना जारी रखा और इतनी तेजी से साफे का बांधा कि राजस्थान में रिकॉर्ड बन गया. सोशल मीडिया पर सचिन पायलट का साफा बांधने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. 

एक बार लिया था साफा न बांधने का प्रण: 

राजस्थान में सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे और साल 2014 में कांग्रेस 25 की 25 सीटें हार गई थी. तब उन्होंने प्रण किया था कि वह तब तक साफा नहीं बांधेंगे जब तक कांग्रेस जीत नहीं जाती. इसके बाद जब 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्होंने साफा बांधकर उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. 

अब जब भी वह किसी गांव में जाते हैं तो लोग उन्हें कपड़ा दे देते हैं और वह खुद साफा बांध लेते हैं. सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट भी साफा बांधने के लिए मशहूर थे. 

(शरत कुमार की रिपोर्ट)

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