मशहूर इकॉनमिस्ट और प्रधानमंत्री की इकॉनमिस्ट एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा है कि UPSC की तैयारी करने वाले बच्चे अपना टाइम खराब कर रहे हैं. वो कहते हैं कि UPSC में सफल होने के बाद भी आपको सिर्फ फाइल ऊपर नीचे करनी होती है. UPSC की तैयारी करने वालों को अंबानी और एलन मस्क बनने के बारे में सोचना चाहिए. लेकिन क्या IAS बनना सिर्फ एक नौकरी है, हमने ऐसे बच्चों से बात की जो आइएएस बनने की तैयारी में दिन रात जुटे हुए हैं, हमने उन टीचर्स से भी समझना चाहा कि वो इस बात को किस तरह देखते हैं.
एंबेसडर के आगे मर्सिडीज भी फेल है
करोल बाग में Ensure IAS नाम की कोचिंग चलाने वाले सचिन जैन खुद भी UPSC क्रैक कर चुके हैं, जब वो दिल्ली में डेप्युटी इनकम टैक्स कमिश्नर थे तो उन्होंने नौकरी छोड़कर कोचिंग खोल ली. सचिन कहते हैं कि IAS सिर्फ एक नौकरी नहीं है. एक कहावत है कि सरकारी एंबेसडर के आगे मर्सिडीज भी फेल है. मतलब IAS होने से आपके पास वो पावर होती है कि आप अपने लाखों देशवासियों के लिए नीति बनाते हो, एक साधारण परिवार के बच्चे को जब ये ताकत मिलती तो वो उसके लिए दुनिया जीतने जैसा है. इसलिए यूपीएससी की तैयारी करना तो न समय खराब करना है और न ही ये कोई बोरिंग जॉब है.
IIT IIM करने वाले भी IAS बनना चाहते हैं
UPSC की तैयारी कर रही शिवप्रिया कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि जो लोग UPSC की तैयारी के लिए आ रहे हैं वो कोई बच्चे हैं, वो बहुत समझदार लोग हैं. बहुत सारे लोग IIT IIM करने के बाद UPSC की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि यह सिर्फ नौकरी नहीं बल्कि देश की सेवा करने का भी एक जज़्बा है. इतना ही नहीं मैंने कई ऐसे लोगों को देखा है जो विदेशों से पढ़ाई करके आए हैं और अब UPSC की तैयारी कर रहे हैं. IAS या IPS बनना अपने परिवार और समाज को गौरवान्वित करने जैसा है. अगर किसी को लगता है कि हम बड़े बिजनेसमैन क्यों नहीं बनना चाहते तो उसका सीधा सा जवाब है कि एक IAS ऑफिसर की जो ताकत है वो एक यूनिकॉर्न बिजनेसमैन की भी नहीं होती.
यूपी बिहार के लोग ABCD से पहले UPSC बोलना सीखते हैं
UPSC की तैयारी करने वालों में UP और बिहार के लोगों की संख्या सबसे ज़्यादा है. बिहार से आकर दिल्ली में UPSC की तैयारी कर रहे वरूण का कहना है कि बिहार में लोग ABCD बाद में सीखते हैं UPSC बोलना पहले सीख जाते हैं. ऐसा नहीं है कि बिहार और UP से सिर्फ गरीबों के बच्चे ही UPSC की तैयारी करने आते हैं बल्कि कई लोग जिनका सफल पारिवारिक बिजनेस है वो भी सोचते हैं कि उनके घर से कोई न कोई बच्चा IAS या IPS बन जाए.
हमारा एक साइन लाखों लोगों पर असर डालता है
संजीव सान्याल ने अपने स्टेटमेंट में ये भी कहा कि ज्वाइंट सेक्रेटरी बनने के बाद भी आप बहुत बोरिंग नौकरी करते हैं. आपको सिर्फ फ़ाइल ऊपर नीचे करना होता है. इस बात पर UPSC की तैयारी कर रहे हैं उत्तराखंड के हिमांशु कहते हैं कि जो फाइल एक आईएएस को ऊपर नीचे करनी होती है उसमें कोई छोटा मोटा पेपर नहीं होता. IAS का एक साइन उसके जिले के 10 पन्द्रह लाख लोगों के लिए नीति का निर्धारण करता है. कितने लोगों को जीवन एक अफसर के साइन पर निर्भर करता है. ये IAS ऑफिसर ही हैं जो देश की तरक्की की दिशा तय करते हैं.