प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया. इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल हुए. यह बैठक ऐसे महत्वपूर्ण समय पर हो रही है, जब पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के रिश्ते तनावपूर्ण हैं और यूरोप में युद्ध छिड़ा हुआ है.
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
पहले ये बैठक नई दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से होने वाली था लेकिन जून की शुरुआत में भारत ने इसे वर्चुअल करने की घोषणा की. सीमापार आतंकवाद, डी-रेडिकलाइजेशन रणनीतियों में सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन ये कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं जिन पर चर्चा की जाएगी.
SCO शिखर सम्मेलन के वर्चुअल संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताए और अपेक्षाएं SCO के अधिकांश देशों के समान हैं. हमें अफगानिस्तान के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए. अफगान नागरिकों को मानवीय सहायता, एक समावेशी सरकार का गठन, आतंकवाद और ड्रग तस्करी के विरुद्ध लड़ाई तथा महिलाओं-बच्चों व अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करना हमारी साझा प्राथमिकता है. भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं.
आतंकवाद के मुद्दे पर क्या बोले पीएम मोदी
पाकिस्तान की मौजूदगी में पीएम मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे को उठाते हुए कहा, कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीतियों के इंस्ट्रूमेंट के रूप में इस्तेमाल करते हैं, SCO को एैसे देशों की आलोचना में कोई संकोच नहीं करना चाहिए. गंभीर विषय पर दोहरे मापदंड के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए. आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के लिए हमें आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए.
SCO बैठक की थीम SECURE है, जिसका मतलब है S: (Security) सुरक्षा, E: (Economic development) आर्थिक विकास, C: (Connectivity) कनेक्टिविटी, U: एकता, R: (Respect for sovereignty and territorial integrity) संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, E: (Environmental protection) पर्यावरण संरक्षण.
पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें:-
रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा
इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हो सकती है क्योंकि वैगनर ग्रुप के विद्रोह को कुचलने के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन इस सम्मेलन में भाग ल रहे हैं. पुतिन ने पिछले हफ्ते विद्रोह के बारे में पीएम मोदी से बात की थी और भारतीय प्रधानमंत्री के समर्थन का दावा किया था. भारत का रूस से बहुत ही मजबूत संबंध है लेकिन भारत का रुख हमेशा से साफ रहा है. पिछले हफ्ते ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक समारोह में कहा था किसी एक देश के साथ बंधे रहना भारत के हित में नहीं है.
यह बैठक भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा गतिरोध के संदर्भ में भी आयोजित की जा रही है. इसमें क्योंकि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान के मुद्दे पर चर्चा होने की उम्मीद है. SCO को चीन के दबदबे वाला संगठन माना जाता है. सीमा विवाद सुलझाने में तो भारत और चीन पिछले 7 दशकों से कामयाब नहीं हो पाए हैं. इसके बावजूद दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ते लगातार मजबूत हुए हैं.
वहीं पाकिस्तान और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्ते पूरी तरह ठंडे हैं. इस बैठक में आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों से कश्मीर का मुद्दा उठाता रहा है जबकि भारत इसे दो देशों के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा मानता है.
एससीओ के सदस्य देश कौन
एससीओ में कुल आठ सदस्य हैं. इनमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, कजाख्सतान और उज़्बेकिस्तान हैं. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके स्थायी सदस्य बने. इसके अलावा, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को Observer States के रूप में आमंत्रित किया गया है.