भारत ने समुद्र में अपनी ताकत को और बढ़ाते हुए मंगलवार को भारतीय नौसेना के आईएनएस विशाखापट्टनम युद्धपोत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise missile) का सफल परीक्षण किया. डीआरडीओ के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सी टू सी वेरिएंट का आज आईएनएस विशाखापट्टनम से परीक्षण किया गया. मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य जहाज पर सटीक निशाना लगाया." मिसाइल भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जिसमें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है.
मिसाइल का परीक्षण आईएनएस विशाखापट्टनम से किया गया था जो भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है. इसे हाल ही में इंडियन नेवी में शामिल किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, "मिसाइल के समुद्र से समुद्र संस्करण का अधिकतम सीमा पर परीक्षण किया गया और इसने अपने लक्ष्य जहाज को सटीकता के साथ मारा." ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की मुख्य हथियार प्रणाली है और इसे इसके लगभग सभी सरफेस प्लेटफॉर्म्स पर तैनात किया गया है. इसका एक पानी के नीचे का संस्करण भी विकसित किया जा रहा है जिसका इस्तेमाल न केवल भारत की पनडुब्बियों में किया जाएगा, बल्कि मित्र देशों को निर्यात के लिए भी पेश किया जाएगा.
क्या है ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत?
ब्रह्मोस मिसाइल 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. ये सटीकता से मार करने वाली मिसाइल है. इसके अलावा, दुश्मन के रडार से बच निकलने में भी ये मिसाइल माहिर है. रूस और भारत के संयुक्त प्रोजेक्ट के तौर पर ब्रह्मोस मिसाइल को तैयार किया गया है. ये मिसाइल 4300 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है. ये 400 किलोमीटर की रेंज में निशाना लगा सकती हैं. इसकी रेंज को बढ़ाया भी जा सकता है.