भारत में वैसे तो देशभर के किसान गेहूं की बुवाई करते हैं. लेकिन मध्य प्रदेश के सिहोर के गेहूंओं की बात ही अलग है. सीहोर के शरबती गेहूं को गेहूं नहीं बल्कि 'सोना' कहा जाता है, उसी सोने को अब नई पहचान मिल गई है. सीहोर के शरबती गेहूं को केंद्र सरकार ने जीआई टैग जारी किया है.
शरबती गेहूं को मिला जीआई टैग
ये जीआई टैग एप्लीकेशन नंबर-699 के तहत जारी हुआ है. शरबती गेहूं को सर्वाधिक उत्पादक का जीआई टैग दिया गया है. भारत में शरबती गेहूं की क्वालिटी को सर्वोत्तम माना जाता है. यही से शरबती गेहूं और इससे बने प्रोडक्ट्स दुनियाभर में निर्यात होते हैं. अपने बेहतरीन स्वाद और सोने जैसी चमक के लिए मशहूर सीहोर के शरबती गेहूं की डिमांड सबसे ज्यादा होती है.
शरबती गेहूं के फायदे
माना जाता है कि शरबती गेहूं से बनी रोटियों में प्रीमियम वैरायटी फाइबर, प्रोटीन, विटामिन B और E अच्छी मात्रा में मिलता है, इसका दाना छोटा और चमकीला रहता है और आम गेहूं के मुकाबले इसकी कीमत भी ज्यादा होती है. शरबती गेहूं काफी प्रीमियम वैरायटी है, जो रंग, रूप और गुण में बाकी गेहूं से कहीं ज्यादा अच्छा होता है. पोषक तत्वों के मामले में भी ये बाकि गेहूंओं का राजा है. बता दें कि हर 30 ग्राम शरबती गेहूं में 113 कैलोरी, 1 ग्राम वसा, आहार फाइबर समेत 21 ग्राम कार्बोहाइड्रेट , 5 ग्राम प्रोटीन, 40 मिलीग्राम कैल्शियम और 0.9 मिलीग्राम आयरन मौजूद होता है. शरबती गेहूं में मैग्नीशियम, सेलेनियम, कैल्शियम, जिंक और मल्टी विटामिन जैसे पौष्टिक तत्व भी होते हैं, जो किसी साधारण वैरायटी के गेहूं से मिलना मुश्किल है.
बनारसी पान को भी मिला था जीआई टैग
आज भारत के सैकड़ों कृषि उत्पादन पूरी दुनिया में मशहूर हैं. इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो किसी एक खास इलाके से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे ही उत्पादों के संरक्षण को और बढ़ाने के लिए जीआई टैग दिया जाता है. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बनारसी पान और लंगड़ा आम को भी इसी तरह का जीआई टैग दिया गया था, अब इस लिस्ट में मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं का नाम भी शामिल हो गया है.