राजस्थान के सिरोही जिले के फुलाबाई खेडा गाँव में बीते एक सप्ताह के दौरान 7 बच्चो की रहस्मयी बीमारी से मौत हो गई. बच्चों की मौत की खबर के बाद जिला कलक्टर ने गाँव पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद जोधपुर-जयपुर और सिरोही के चिकित्सकों की टीम से गाँव में डोर टू डोर सर्वे करवाया गया और 58 बच्चों के सैंपल लिए गए. इन सैंपलो को जांच के लिए भिजवा दिया गया है. बता दें कि फुलाबाई खेडा गाँव आदिवासी इलाका है.
58 बच्चों के सैंपल लेकर की जा रही जांच
13 अप्रैल को जिला प्रशासन को खबर मिली कि कुछ घरों में बच्चों की रहस्मई तरीके से मौत हो रही है. जानकारी मिलने के बाद जिला कलेक्टर भंवर लाल मौके पर पहुंचे और स्थानीय ग्रामीणों से वहां के हालात समझने के बाद चिकित्सा महकमे को निर्देश दिया कि वे तुरंत फुलाबाई खेडा गाँव पहुंचकर मेडिकल ट्रीटमेंट शुरू करें, डोर टू डोर पूरे इलाके का सर्वे करवाए और पता लगाएं की बच्चों की मौत के क्या कारण हैं. निर्देश मिलने के बाद जयपुर जोधपुर से बुलाए गए चिकित्सकों के दल के साथ जिले के चकित्सा दल ने पूरे इलाके के करीब 300 से ज्यादा घरों का सर्वे किया और 58 बच्चों के सैंपल कलेक्ट कर उन्हें जांच के लिए आगे भेज दिया. इसी दौरान उस इलाके में ही 3 बच्चे और बीमार हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल सिरोही में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है. जिनमें से एक बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो चुका है और दो बच्चों को एहतियात के तौर पर ऑब्जरवेशन में रखा गया है जिसकी स्थिति फिलहाल डॉक्टर बेहतर बता रहे हैं.
मरने वाले बच्चों में दिखे ये लक्षण
जिन बच्चों ने इस रहस्मयी बुखार की चपेट में आकर दम तोड़ दिया, उनमें शुरूआती लक्षण हल्का बुखार, सर दर्द, खांसी, सीजर और क्रिटिकल स्थति में पहुंचने पर लो शुगर, लीवर और किडनी फेलियर के लक्षण नोटिस किया गए हैं. शुरुआती जांच में फिलहाल चिकित्सक इसे वायरल ही मान रहे हैं, लेकिन स्थति पूरी तरह से जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगी. हांलाकि जिला कलक्टर डॉ भंवर लाल ने बताया कि फिलहाल स्थति पूरी तरह से नियंत्रण में है और 13 तारीख के बाद से इस तरह की बीमारी से किसी किसी बच्चे की डेथ रिपोर्ट नहीं की गई है. गाँव में मेडिकल टीमें लगी हुई है और हम पूरे जिले में नजर बनाये हुए है.
( सिरोही से राहुल त्रिपाठी की रिपोर्ट )