राहुल गांधी की वापसी? या फिर शशि थरूर या अशोक गहलोत में से कौन हो सकता है कांग्रेस का अगला अध्यक्ष, जानिए

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है. लेकिन अभी उम्मीदवारों के नाम को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. फिलहाल अशोक गहलोत और शशि थरूर के नाम को लेकर चर्चा है.

Who can be Congress President
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST
  • 17 अक्टूबर को होगा चुनाव
  • राहुल गांधी की वापसी की मांग

इस समय कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर काफी कयास लगाए जा रहे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में दिग्गज नेताओं का कांग्रेस से इस्तीफा देना पार्टी के अंदर उथल-पुथल मचा चुका है. इस बीच दो नामों को लेकर सबसे अधिक चर्चा है. अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस को 20 सालों में पहली बार कोई गैर-गांधी अध्यक्ष मिल सकता है. अशोक गहलोत, एक गांधी परिवार के वफादार, पार्टी अध्यक्ष के लिए शशि थरूर के विपरीत चुनाव लड़ेंगे, जो पार्टी में उन लोगों में से हैं जो बड़े आंतरिक सुधार चाहते हैं.

1. पूर्व केंद्रीय मंत्री, शशि थरूर ने सबसे पहले अध्यक्ष पद के लिए अपने नाम की घोषणा की. पिछले 25 से अधिक सालों के लिए इस पर गांधी परिवार का राज है. गहलोत कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक बदलाव की बात कही थी. 

2. वहीं शशि थरूर ने सोनिया गांधी से मुलाकात की. सोनिया हाल ही में मेडिकर चेक-अप के बाद विदेश यात्रा से वापस आई हैं. थरूर ने सोनिया गांधी से मुलाकात की और उन्हें 17 अक्टूबर का चुनाव लड़ने की अनुमति दी.

3. अशोक गहलोत के दूसरे उम्मीदवार के रूप में उभरने के साथ घंटों के भीतर, कांग्रेस के शीर्ष पद के लिए लड़ाई काफी कठिन हो गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री, एक कट्टर गांधी परिवार के वफादार, हाल तक राहुल गांधी की पार्टी प्रमुख के रूप में वापसी के लिए दबाव बना रहे थे. ऐसे में जो लोग पार्टी की यथास्थिति चाहते हैं गहलोत को उनका समर्थन मिल सकता है.

4. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "जो कोई भी चुनाव लड़ना चाहता है वह स्वतंत्र है और ऐसा करने के लिए स्वागत है. यह कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी की लगातार स्थिति रही है. यह एक खुली, लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया है. किसी को भी चुनाव लड़ने के लिए किसी की मंजूरी की जरूरत नहीं है." 

5. तीन दिनों में राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करना शुरू हो जाएगा. यह चुनाव पिछले साल के दौरान कई प्रमुख नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने की वजह से होगा. आखिरी बार जाने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद थे, जिनके बाहर निकलने के बाद जम्मू और कश्मीर इकाई के कई नेताओं ने ऐसा किया था.
 
6. सोनिया गांधी 19 सालों तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं. साल 2017 में उन्होंने बेटे राहुल गांधी को प्रभार सौंपा. 2019 में राहुल गांधी ने पद छोड़ दिया और वो अंतरिम कांग्रेस प्रमुख बनें. उन्होंने आम चुनावों में पार्टी की लगातार दूसरी हार की जिम्मेदारी भी ली. 

7. राहुल गांधी वर्तमान में पार्टी की "भारत जोड़ी" यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं. अशोक गहलोत सहित कई कांग्रेस नेता उनसे अध्यक्ष पद पर लौटने की मांग कर चुके हैं जिनसे वो लगातार इनकार करते आ रहे हैं.

8. जैसे ही चुनावों की घोषणा की गई, कई नेताओं ने गांधी से राष्ट्रपति के रूप में लौटने का आग्रह किया. चुनाव नजदीक आने के साथ ही इस तरह के और अनुरोध आने की संभावना है. पार्टी में कई लोग इसे चुनाव के साथ या बिना चुनाव के गांधी परिवार को प्रभारी बनाने के प्रयास के रूप में देखते हैं.

9. कांग्रेस में अचानक से आई गिरावट तृणमूल कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जैसे विपक्षी दलों के लिए एक वरदान के रूप में आई है. ये पार्टियां राज्यों और विपक्षी रैंकों दोनों में प्रमुख स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. केजरीवाल ने पिछले हफ्ते घोषणा की कि गुजरात में कांग्रेस "समाप्त" हो गई है, जहां चुनाव नजदीक हैं.

10. नरसिम्हा राव सरकार के बाहर होने के लगभग दो साल बाद आखिरी गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी थे, जिनसे सोनिया गांधी ने मार्च 1998 में पदभार संभाला था. सोनिया गांधी ने राजीव गांधी की हत्या के बाद राजनीति से दूर रहने का फैसला किया था लेकिन पार्टी में गिरावट को देखते हुए वो वापस पार्टी में आ गईं.

 

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