जब से श्रद्धा वालकर हत्याकांड सामने आया है तब से उससे भी ज्यादा कई वीभत्स घटनाएं सामने आ रही हैं. झारखंड के साहिबगंज के बोरिया से भी ऐसी ही एक घटना सामने आई है. यहां रविवार को 12 टुकड़ों में कटा हुआ 22 साल की एक आदिवासी महिला की लाश मिली है. पुलिस ने पीड़िता के पति को संदिग्ध के तौर पर हिरासत में लिया है. आरोपी का नाम दिलदार अंसारी है. पुलिस के मुताबिक, शव के कुछ हिस्से अभी भी लापता हैं. पुलिस के अनुसार, पीड़िता आरोपी की दूसरी पत्नी थी.
मां और मामा के साथ मिलकर की हत्या
बता दें कि दिलदार अंसारी पहले से शादीशुदा था. पहले तो उसने रुबिका को अपने प्यार के जाल में फंसाया और दो साल तक उसके साथ लिव इन में रहा. दोनों ने डेढ़ महीने पहले शादी की थी. रुबिका पहाड़िया जनजाति समुदाय से थी. अंसारी ने उस पर धर्म बदलने का दबाव डाला और मना करने पर मां मरियम खातून और मामा मैनुल के साथ मिलकर उसकी गला रेतकर हत्या कर दी. अंसारी सिर्फ इतने पर ही नहीं रुका. आगे उसने जो किया उसको शायद करने में किसी भी आम इंसान की रूह कांप जाए. अंसारी ने मीट काटने वाले हथियार से रुबिका के शव के करीब 50 टुकड़े किए और घर से 500 मीटर दूर जाकर उन्हें ठिकाने लगा दिया. देर शाम जब लोगों ने उस जगह पर कुत्तों को इकट्ठा देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस में दिलदार, उसकी मां मरियम और मामा समेत 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
थाने में हुई थी शादी
गोंडा पहाड़ की रहने वाली रुबिका की बहन शीला पहाड़िया ने बताया कि बोरिया बेल होला निवासी दिलदार कबाड़ बीनने का काम करता है. वह पहले से एक बच्चे का पिता है. बोरिया हाट आने-जाने के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और दो साल से दोनों लिव-इन में रह रहे थे. मां और पिताजी दोनों को ये रिश्ता पसंद नहीं था और वो इसका विरोध करते रहे. डेढ़ महीने पहले दोनों घर से भागकर थाने पहुंचे जहां पुलिस ने उनकी शादी करा दी. शादी के बाद ही वो उस पर धर्म परिवर्त का जोर डालने लगे जब उसने बात नहीं मानी तो उसकी हत्या कर दी.
डीआईजी सुदर्शन मंडल ने बताया कि आरोपियों ने बहुत ही निर्मम तरीके से रुबिका की हत्या की. दिलदार के मां, भाई-बहन और मामा रुबिका को पसंद नहीं करते थे इसलिए हत्या की साजिश रची. 16-17 दिसंबर की रात घटना को अंजाम दिया गया.