भारत का पूर्ण विकास तभी होगा जब विकास की दर सभी राज्यों में बराबर हो. अक्सर यहां के नार्थइस्ट पार्ट को इससे अलग देखा जाता है, लेकिन अब धीरे-धीरे यहां भी संभावनाएं बढ़ रही हैं. भारत के पूर्वोतर में स्थित पर्वतीय राज्य आकार में यूं तो बहुत छोटा है, लेकिन विकास के मामले में कई गुना आगे है. अब खबर आ रही है कि सिक्किम को भारत शेष राज्यों के साथ जोड़ने के लिए 2023 तक रेल संपर्क मिलने की उम्मीद है. ऐसी आशा है कि 44.98 किलोमीटर लंबी Sevoke-Rangpo रेलवे लाइन दो साल के भीतर चालू हो जाएगी. यह जानकारी एक अधिकारी द्वारा दी गई.
पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी से लगभग 20 किलोमीटर दूर सेवोके में परियोजना स्थल का दौरा करने के बाद उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने कहा, “सेवोके-रंगपो रेल लाइन 2023 से चालू हो जाएगी.” उन्होंने कहा कि कठिन इलाके, भूमि संबंधित अड़चनों और बहुत कठिन भूमि स्तर के बावजूद परियोजना को 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा.
साल 2009 में ममता बनर्जी ने रखी थी आधारशिला
तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने 2009 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी और इस परियोजना को 2015 तक पूरा किया जाना था. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय और रेलवे बोर्ड ने परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य दिसंबर 2023 रखा है.
प्रोजक्ट पर 30 फीसदी काम पूरा
प्रोजेक्ट को लागू कर रही इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि 30 फीसदी काम पूरा हो चुका है. 44.98 किलोमीटर लंबी यह लाइन पश्चिम बंगाल और सिक्किम को है, जिसे 1,339.48 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किए जाने का अनुमान था. लेकिन निर्माण में देरी के कारण लागत 5,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है.
प्रोजेक्ट में शामिल 14 सुरंगों में से 13 सिर्फ बंगाल में
रेलवे लाइन का 41.54 किलोमीटर हिस्सा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों में आता है, जबकि लगभग 3.44 किमी का शेष हिस्सा सिक्किम से होकर गुजरेगा. इस परियोजना में 14 सुरंग, 17 पुल और पांच स्टेशन शामिल हैं, जिनमें से एक कलिम्पोंग जिले के तीस्ता में है, जो भूमिगत होगा. कम से कम 86% मार्ग 14 सुरंगों से होकर गुजरेगा, जिनमें से 13 सुरंगें सिर्फ पश्चिम बंगाल में होंगी.