7 साल की समृद्धि जब स्केटिंग से दौड़ लगाना शुरू करती है तो अच्छे अच्छों को पीछे छोड़ देती है. ग्रेटर नोएडा की रहने वाली समृद्धि ने साढ़े 3 साल की उम्र में स्केटिंग सीखना शुरू किया था. आज समृद्धि 2 बार की नेशनल चैंपियन हैं और महज 3 साल में उन्होंने 32 से ज्यादा गोल्ड मेडल जीते हैं. ये सभी मेडल डिस्ट्रिक्ट स्टेट और नैशनल लेवल पर जीते गए हैं. हाल ही में समृद्धि दूसरी बार नेशनल चैंपियन बनी हैं.
रात 2 बजे होती है समृद्धि की सुबह
इस मुकाम तक पहुंचने के लिए समृद्धि ने बहुत मेहनत की है. समृद्धि बताती है कि वो रोज रात 2 बजे उठती हैं और 3 बजे तक तैयार होकर साढ़े 3 बजे वो ट्रैक पर पहुंच जाती हैं. दो घंटे की प्रैक्टिस के बाद वो फिर स्कूल के लिए तैयार होती हैं और स्कूल से लौटने के बाद वो फिर से प्रैक्टिस के लिए निकल जाती हैं.
पहले ही गेम में जीता गोल्ड मेडल
समृद्धि के साथ उसके पिता सुजीत और रश्मि भी बहुत मेहनत करते हैं. ये दोनों बताते हैं की शुरुआत में उन लोगों ने ऐसा कुछ नहीं सोचा था कि समृद्धि को स्केटिंग ही करानी है. लेकिन एक बार कुछ बच्चों को स्केटिंग करते देखकर समृद्धि ने ज़िद करनी शुरू की. इसके बाद समृद्धि के पेरेंट्स ने उसे यूं ही एकेडमी में डाल दिया. सुजीत बताते हैं कि एकेडमी के कोच भी उस वक्त बोले कि समृद्धि तो अभी बहुत छोटी है. समृद्धि की उम्र उस वक्त महज साढ़े 3 साल थी. लेकिन कमाल तो तब हो गया जब कुछ ही दिनों बाद समृद्धि ने अपनी पहली चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और पहले ही गेम में गोल्ड मेडल लेकर आयी.
समृद्धि की मां बताती हैं कि समृद्धि स्केटिंग को लेकर बहुत जुनूनी है और वो किसी भी हाल में एक दिन भी स्केटिंग मिस नहीं करती. अगर उसे बुखार भी है और हम लोग उसे छुट्टी करने के लिए कहते हैं तो वो रोना शुरू कर देती है.
खरीदे 1 लाख के जूते
सुजीत बताते हैं कि परिवार के लिए ये आसान नहीं था कि समृद्धि स्केटिंग करे. कई बार तो समृद्धि के दादा-दादी और रिश्तेदारों को समझाना पड़ा. कई दोस्त भी मजाक में बोलते थे कि तुम बच्चे के लिए 1 लाख के जूते ले आते हो, इससे अच्छा मुझे दे दे मैं बाइक खरीद लेता. लेकिन मैं चाहता था कि मेरी बच्ची अपना हर सपना पूरा करे.
बड़ी होकर चाहती हैं जज बनना
समृद्धि बताती हैं कि वो अपनी डाइट का भी बेहद ख्याल रखती हैं. समृद्धि सिर्फ वही खाना खाती हैं जिससे उसे एनर्जी और स्टैमिना मिले. समृद्धि की उम्र अभी महज सात साल है लेकिन समृद्धि का सपना इस छोटी सी उम्र में भी बहुत बड़ा है. वह चाहती हैं कि अब वो देश के लिए ओलंपिक में मेडल लेकर आएं. यूं तो समृद्धि स्केटिंग में माहिर हैं लेकिन वह कहती है कि वह बड़ी होकर जज बनना चाहती हैं.