Indian Army: ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए हो विशेष प्रावधान! संसदीय समिति ने की अलग से बजट की सिफारिश

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की सीमाओं पर खतरे को देखते हुए सैनिकों के लिए ये सुविधाएं और भी जरूरी हैं. इनकी मदद से देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए सैनिक लगातार सतर्क रहेंगे. इसे लेकर रक्षा मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को रखा है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST
  • अलग से हो बजट 
  • लोकसभा में रखी गई रिपोर्ट 

दुर्गम सैनिकों की सहूलियत के लिए आए दिन नए-नए बदलाव किए जा रहे हैं. अब इसी कड़ी में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए विशेष प्रावधान की सिफारिश की गई है. संसदीय समिति ने सोमवार को सैनिकों के लिए अलग से बजट की सिफारिश की है. इस रिपोर्ट को लोकसभा में पेश किया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों की दुर्गम और बर्फीली जलवायु परिस्थितियों में सैनिकों के लिए सुविधाएं बेहतर हों. जिन जगहों पर तापमान शून्य से 50 डिग्री नीचे तक गिर जाता है ऐसी जगहों पर सैनिकों के लिए विशेष प्रावधान होने चाहिए. 

अलग से हो बजट 

इस रिपोर्ट में केंद्र से सैनिकों के लिए अलग से बजट रखने की सिफारिश की गई है. इसमें कहा गया है कि इन जगहों पर तैनात सैनिकों के लिए कपड़े, उपकरण, राशन और घर के लिए अलग बजट होना चाहिए. इसकी मदद से सैनिकों को मुश्किल और खराब मौसम का प्रभावी ढंग से सामना करने की हिम्मत मिलेगी. साथ ही वे आसानी से इस मौसम को झेल सकेंगे.

लोकसभा में रखी गई रिपोर्ट 

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की सीमाओं पर खतरे को देखते हुए सैनिकों के लिए ये सुविधाएं और भी जरूरी हैं. इनकी मदद से देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए सैनिक लगातार सतर्क रहेंगे. इसे लेकर रक्षा मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को सोमवार को राज्यसभा में रखा है. ये रिपोर्ट में ‘उच्च ऊंचाई, कपड़े, उपकरण, राशन और आवास के प्रावधान, खरीद और मुद्दे’ पर है. 

कपड़ों को लेकर भी हुई देरी 

इतना ही नहीं समिति की ओर से जो रिपोर्ट रखी गई है उसमें कपड़ों में हुई देरी के बारे में भी बताया गया है. रिपोर्ट में कपड़ों की खरीद के मामले में चार साल तक की देरी की बात भी कही गई है. इतना ही नहीं कारखानों से अनुबंधित चीजें मिलने में भी अत्यधिक देरी हुई है. कपड़ों और उपकरण की भारी कमी के कारण सैनिकों को समय पर इन्हें नहीं दिया गया था. इसकी वजह से कई बार ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों के स्वास्थ्य और स्वच्छता पर भी असर पड़ा है. 

 

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