हर तरफ महाकुंभ के रंग बिखरे हैं. संगम नगरी में साधु-संतों का जमावड़ा लगा है. आस्था के महाकुंभ की महातैयारी जोरों पर है. प्रयागराज में श्रद्धालुओं के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया है. जैसे-जैसे महाकुंभ की तारीख करीब आ रही है प्रयागराज में आस्था के रंग और गहराते जा रहे हैं. इस बार महाकुंभ में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है. ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सहूलियत प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है.
श्रद्धालुओं के लिए सेना उतरी मैदान में
महाकुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं. स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ अब सेना भी श्रद्धालुओं को सहूलियत देने में जुट गई है. तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा के लिए भारतीय सेना ने सिविल प्रशासन के साथ मिलकर एक विशेष चिकित्सा सहायता प्रणाली तैयार की है.
स्वास्थ्य सेवाओं की गई तैयारी
महाकुंभ में जरूरत पड़ने पर श्रद्धालुओं को वक्त पर सबसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सेना ने प्रयागराज के सेना अस्पताल में 50 बेड की विशेष सुविधा शुरू की है. ये अस्पताल विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं से लैस है. आपात स्थिति के लिए ओल्ड कैंट एरिया में 45 बेड की अतिरिक्त सुविधा तैयार की गई है.
विशेष डॉक्टर करेंगे इलाज
महाकुंभ में सेना के एक्सपर्ट डॉक्टर को भी विशेष जिम्मेदारियां दी गई है. ये डॉक्टर संक्रामक रोगों से बचाव और आपात स्थिति से निपटने में स्थानीय प्रशासन की मदद करेंगे. गंभीर मरीजों के लिए 24x7 मोबाइल इवेकुएशन सिस्टम तैयार किया गया है. इसमें 5 बेड और वेंटिलटर वाले दो बेड शामिल हैं. प्रथमिक चिकित्सा के लिए मेला ग्राउंड में एक मेडिकल असिस्टेंस पोस्ट तैयार किया गया है.
बुजुर्गों का रखा जाएगा खास ख्याल
प्रयागराज में 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे. इनमें बड़ी संख्या बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की भी होगी, जिनका ठंड के मौसम में खास ख्याल रखना होता है. स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतजाम किया है. अब इन सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए सेना ने भी हाथ बढ़ा दिया है. कोशिश यही है कि महाकुंभ में आने वाले किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्कत ना हो और आस्था का ये मेला सभी भक्तों के लिए यादगार बन जाए.