एक मिनट में 7 गोले, 40 KM तक अचूक निशाना... जानिए Howitzer तोप की खासियत

M777 Ultra Light Howitzer: पाकिस्तान हो या चीन..सीमा पर से अक्सर तनाव की खबरें आती रहती हैं. जिसे लेकर भारतीय सेना हमेशा सतर्क रहती है. अब भारतीय सेना ने उत्तरी सीमाओं पर घातक M777 हॉवित्जर तोप तैनात कर दिया है. यह जानकारी भारतीय सेना ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी है.

M777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोप (फोटोः Indian Army)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

भारतीय सेना ने अपनी ताकत में इजाफा करते हुए उत्तरी सीमाओं पर M777 हॉवित्जर तोपों को तैनात कर दिया है. ये तोपें ऐसी जगहों पर लगाई गईं हैं, जहां से पाकिस्तान और चीन दोनों पर घातक हमला हो सकता है. बता दें कि इससे पहले इसकी तैनाती अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमाओं के पास की गई थी.

इसकी खासियत क्या है?

M777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर (M777 Ultra Light Howitzer) का वजन 4200 किलोग्राम है. लंबाई 35 फीट है. इसके बैरल यानी नली की लंबाई 16.7 फीट है. इसकी मदद से 7 तरह के गोले दागे जा सकते हैं. ये हैं- M107 यानी जो दुश्मन पर गिरते ही फटता है और तगड़ा विस्फोट करता है. M549 गोला यानी अत्यधिक विस्फोटक रॉकेट असिस्टेड राउंड है. M712 कॉपरहेड गोले को गाइडेड प्रोजेक्टाइल की तरह दुश्मन पर गिरा सकते हैं. खास बात ये है कि जब भारत-चीन संघर्ष चल रहा था तो इससे पहले M-777 हॉवित्जर की तैनाती लद्दाख के कुछ स्ट्रैटेजिक हिस्सों में की गई थी. इस तोप के गोले किसी भी मौसम में 24 से 40 किमी की रेंज में दुश्मन की धज्जियां उड़ा सकते हैं.

अमेरिका में बनती है ये तोप

अमेरिका की बीएई सिस्टम इस तोप को बनाती है, लेकिन इसकी असेंबलिंग भारत में ही एक निजी रक्षा कंपनी करती है. 155 मिलीमीटर अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर का उपयोग इससे पहले अफगानिस्तान, इराक और सीरिया जैसे युद्धों में अमेरिका अच्छे से कर चुका है.

145 तोपों को खरीदने की डील पेडिंग में है

भारतीय सेना की बात करें तो ऐसी 110 तोपें भारत के पास हैं. 145 और तोपों को खरीदने का डील हुआ पड़ा है. इसे आठ लोग मिलकर चलाते हैं. एक मिनट में 7 गोले दागता है. गोले की रेंज अलग.अलग कोण पर 24 से 40 किलोमीटर है. गोला एक किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से दुश्मन की ओर बढ़ता है. इन तोपों को CH-47 हेलीकॉप्टरों और ट्रकों से आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है. इनमें डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम भी लगे हैं.

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