भारत स्पाई सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी में है. भारत इस अप्रैल में फ्लोरिडा में एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स की मदद से इसे लॉन्च करने वाला है. इसकी बदौलत भारत अपने रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RISAT) फ्लीट को मजबूत करेगा. अब इससे सैटेलाइट की संख्या बढ़कर 16 हो जाएगी, ये संख्या 2019 में 12 थी.
टाटा करेगा ये स्पाई सैटेलाइट लॉन्च
टाटा ग्रुप के डिफेन्स आर्म ग्रुप ने इस स्पाई सैटेलाइट को बनाया है. इसे बेंगलुरु, कर्नाटक से ऑपरेट किया जाएगा. हालांकि, ये जगह भी सोच समझकर चुनी गई है. यह रणनीतिक स्थान भारत को गोपनीयता बनाए रखने की अनुमति देगा, जबकि सैटेलाइट बुनियादी ढांचे की मॉनिटरिंग और सैन्य जरूरतों को पूरा करने का काम करेगा.
विदेशी खुफिया डेटा पर निर्भरता कम होगी
मौजूदा समय में भारत के पास सब-मीटर रिजॉल्यूशन सैटेलाइट है. लेकिन इसके बावजूद भी भारत ऐतिहासिक रूप से अमेरिका सहित विदेशी स्रोतों से खुफिया डेटा पर निर्भर रहा है. स्वदेशी स्पाई सैटलाइट की लॉन्चिंग इस निर्भरता को कम करने और खुफिया जानकारी इकट्ठी करने और सर्विलांस के काम में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ाने की दिशा में मदद करेगी.
लॉन्चिंग की तैयारी
इस सैटेलाइट का निर्माण पूरा हो चुका है. वहीं लॉन्चिंग की तैयारियों के लिए इसे अमेरिका में भेजा जाएगा. इसे बेंगलुरु में TASL प्लांट में बनाया गया है. इस जगह में सालाना 25 सैटेलाइट का उत्पादन करने की क्षमता है.
इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग के कई कारण हैं. चीन के साथ भारत की पूर्वी सीमा पर तनाव बढ़ने के साथ, सैटेलाइट इमेजरी की मांग बढ़ गई है. एक बार चालू होने के बाद, स्वदेशी स्पाई सैटेलाइट से न केवल भारत अपनी जरूरतें पूरी करेगा बल्कि मित्र देशों की सर्विलांस जरूरतों को भी पूरा किया जा सकेगा.
और सैटेलाइट की जाएंगी लॉन्च
पिछले दिसंबर में, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के प्रमुख श्रीधर पणिक्कर सोमनाथ ने अलग-अलग ऑर्बिट में सैटेलाइट की लेयर्स को लॉन्च करने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की थी. ये सैटेलाइट चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर सैन्य गतिविधियों की निगरानी करेंगी. इसके लिए अगले पांच सालों में 50 और सैटेलाइट लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है.
रडार इमेजिंग सैटेलाइट कब हुई थी शुरू?
गौरतलब है कि रडार इमेजिंग सैटेलाइट (RISAT) सीरीज को बनाना साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद शुरू हुआ था. इस तरह की सैटेलाइट को बॉर्डर पर मॉनिटरिंग करने, घुसपैठ विरोधी और आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम देने के लिए डिजाइन किया गया है.
RISAT सीरीज के बाद के RISAT-2B और RISAT-2BR1 जैसी सैटेलाइट को भी लॉन्च किया गया. इनमें स्वदेशी एक्स-बैंड रडार के साथ प्रभावशाली रिजॉल्यूशन क्षमताएं दी गईं हैं.