केंद्र सरकार ने महिला पुलिस की भागीदारी 33% करने के लिए सख्ती बरतने की तैयारी शुरू कर दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि जो राज्य पुलिस फोर्स में महिलाओं की संख्या बढ़ाकर 33% नहीं करेंगे, उनका मॉडर्नाइजेशन फंड पर रोक लगा दी जाएगी. केन्द्र सरकार का ये मानना है कि बिना सख्ती के राज्य सरकारें इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहीं. अगर फंड में कटौती होती है तो राज्य सरकारें महिलाओं की भर्ती बड़े पैमाने पर करेंगी. बता दें कि पुलिस मॉडर्नाइजेशन के लिए 26 हजार करोड़ रु. का फंड तय किया गया है.
हर थाने में तीन सब -इंस्पेक्टर और 10 सिपाही महिलाएं होनी चाहिए
केन्द्र सरकार ने ये तय किया है कि देश के हर पुलिस थाने में एक महिला हेल्पडेस्क बनाना जरूरी हो. इसके लिए राज्यों से हर पुलिस स्टेशन में कम से कम 3 सब इंस्पेक्टर और 10 सिपाही महिलाएं होनी चाहिए. इसके लिए नई भर्तियां ज्लद शुरू होंगी.
10 साल में पांचवा पत्र
इस सिलसिले में गृह मंत्रालय ने राज्यों को एक और पत्र लिखा है. इसमें याद दिलाया गया है कि उन्हें पुलिस बलों में 33 फीसदी महिलाएं सुनिश्चित करने के लिए 10 साल में 5 बार लिखित रूप से कहा गया है. बता दें कि पहला अनुरोध पत्र 20 अप्रैल 2013, दूसरा 21 मई 2014, तीसरा 12 मई 2015, चौथा 21 जून 2021, और पांचवा पत्र 22 जून 2021 को भेजा गया है.
प्रदेश में 1.11 लाख पद, 91,984 ही भरे... महिलाएं सिर्फ 8894
पुलिस फोर्स फोर्स में
राज्य में महिलाएं हिस्सेदारी
बिहार 23,245 25.30%
हिमाचल 3,375 19.15%
चंडीगढ़ 1,448 18.78%
तमिलनाडु 20,861 18.50%
लद्दाख 309 18.47%
महाराष्ट्र 26,890 12.52%
राजस्थान 8,894 9.66%
इन 5 राज्यों में सबसे कम
जम्मू-कश्मीर 2,677 3.31%
तेलंगाना 2,500 5.11%
त्रिपुरा 1,169 5.13%
प्रदेश में 27 आईपीएस, 82 महिला आरपीएस
रैंक पद तैनात महिला
आईपीएस 215 185 27
आरपीएस 1028 807 82
इंस्पेक्टर 1386 1333 126
सब इंस्पैक्टर 4751 2203 195
एएसआई 10122 4845 95
हेड कांस्टेबल 20360 15962 468
कांस्टेबल 73524 66649 7901
कुल 11389 91984 8894
कोटा में 8.88% महिला पुलिसकर्मी
कोटा शहर में वर्तमान में कुल 2 हजार 397 पुलिसकर्मी हैं. जिसमें से 213 महिला पुलिसकर्मी हैं. वहीं, इनमें 163 कांस्टेबल हैं. यानी अभी हमारे शहर के पुलिस बल में 8.88% हिस्सेदारी महिलाओं की है.