जुनून हो तो ऐसा...छोटे गांव के छात्र ने साइंटिस्ट बन किया नाम रोशन

प्रभात की उपलब्धि से उनके मां-बाप बेहद खुश हैं. उन्होंने बाकायदा घर पहुँचने पर बेटे का ढोल नगाड़ों से स्वागत किया. माता पिता सहित परिजनों ने माला पहनाकर मुंह मीठा कराया.

प्रभात और उनके मां-बाप
gnttv.com
  • बांदा,
  • 15 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:30 PM IST
  • माता-पिता को देते हैं सफलता का श्रेय
  • उपलब्धि से बेहद खुश हैं मां-बाप

कहा जाता है कि अगर आपके मेहनत करने की हिम्मत हो तो आपके हौसलों को उड़ान मिल जाती है. अगर आप मेहनत करने से नहीं कतराते हैं तो मंजिल आपके कदमों में होती है. ये सारी बातें यूपी के बांदा के गांव के रहने वाले एक स्टूडेंट पर सार्थक होती हैं. जिसने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार में वैज्ञानिक बन बांदा सहित प्रदेश का नाम रोशन किया है. इनका नाम प्रभात ओझा है. चयन के बाद से प्रभात के घर पर बधाई देने वालों की लाइन लगी हुई है. परिवार के लोग ढोल नगाड़ों से, फूल माला और मुंह मीठा करा छात्र का स्वागत कर रहे हैं.

माता-पिता को देते हैं सफलता का श्रेय
प्रभात अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं. प्रभात बबेरू तहसील के तिलौसा गांव के रहने वाले है. उनका NIC IT में 'वैज्ञानिक बी' में चयन हुआ है. इस परीक्षा के बारे में प्रभात बताते हैं कि, "मैं इस परीक्षा को पास करने के बाद बेहद खुश हूं. मेरी पूरे देश मे 44 वीं रैंक आयी है. जो आईटी मंत्रालय भारत सरकार के अधीन है. उसमे मैं साइंटिस्ट बी के रूप में जॉइन करूँगा. हमेशा से मेरा लक्ष्य वैज्ञानिक बनना था, जो मैंने कड़ी मेहनत से हासिल कर लिया है. 

ऐसा रहा प्रभात का सफर
प्रभात का कहना है कि मेरी शुरुआती शिक्षा लखनऊ में हुई और बीटेक केंद्रीय विश्वविद्यालय से हुआ. इसके बाद गेट का एग्जाम देकर आईआईटी गुवाहाटी में चयन हुआ था. उसी तैयारी को करते करते मेरा रेलवे में इंजीनियर के पद पर सिलेक्शन हो गया था. जिसके बाद नौकरी में भी मैं वैकेंसी का वेट करता रहा और तैयारी करता रहा. 2020 में वैकेंसी आयी मैंने अप्लाई किया और परीक्षा पास कर वैज्ञानिक बन गया हूं. मुझे गर्व है मैंने अपने पेरेंट्स का नाम रोशन किया है. दूसरे बच्चों के लिए प्रभात ने मैसेज देते हुए कहा कि, "सभी स्टूडेंट्स को मेहनत से पढ़ाई करनी चाहिए, टेक्निकल चीजों को समझना चाहिए, अपनी रुचि के मुताबिक ही लक्ष्य निर्धारित करें, जिससे वो अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे. 

उपलब्धि से बेहद खुश हैं मां-बाप
प्रभात की उपलब्धि से उनके मां-बाप बेहद खुश हैं. उन्होंने बाकायदा घर पहुँचने पर बेटे का ढोल नगाड़ों से स्वागत किया. माता पिता सहित परिजनों ने माला पहनाकर मुंह मीठा कराया. उन्होंने कहा कि बच्चा शुरू से पढ़ने में तेज था, ये उसकी मेहनत का ही परिणाम है. प्रभात के पिता उत्तराखंड के समाज कल्याण विभाग में सचिव हैं.

(सिद्धार्थ गुप्ता की रिपोर्ट)

 

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