Farming Technology: बिना बिजली के खेतों की जुताई, बुवाई और सिंचाई कर सकेंगे किसान, इस छात्रा ने बनाया सौर ऊर्जा से चलने वाला अनोखा एग्रो व्हीकल

Solar Operated Vehicle: एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, पुष्प विहार की छात्रा सुहानी चौहान ने एक ऐसे एग्रो व्हीकल एसओ-एपीटी विकसित किया है, जो सौर ऊर्जा से संचालित होता है. इसके जरिए किसान खेतों की जुताई, बुवाई और सिंचाई कर सकते हैं.

Suhani Chauhan
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2023,
  • अपडेटेड 9:54 PM IST
  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह के दौरान एसओ-एपीटी का किया गया था प्रदर्शन 
  • कक्षा 11वीं की छात्रा हैं सुहानी चौहान

Advanced Farming: देश में खेती-किसानी को और भी ज्यादा आसान बनाने के लिए नई तकनीक और मशीनें इजाद की जा रही हैं. इनसे किसान कई घंटों का काम कुछ मिनटों में ही कर सकते हैं. कुछ ऐसे ही एग्रो व्हीकल का निर्माण एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, पुष्प विहार की कक्षा 11वीं की छात्रा सुहानी चौहान ने किया है.  

कृषि लागत होगी कम 
सुहानी ने पोर्टेबल उपकरणों के साथ सौर ऊर्जा से चलने वाला एक एग्रो व्हीकल एसओ-एपीटी विकसित किया है. इससे किसान खेतों की जुताई, बीज की बुवाई, दवा का छिड़काव और सिंचाई कर सकते हैं. देश में लगभग 85 प्रतिशत किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं और यह एग्रो व्हीकल उनकी उपज बढ़ाने और उत्पादन लागत को कम करने में सहायक होगा. वाहन के टॉप पर स्थापित फोटो वोल्टाइक पैनल प्रकाश किरणों को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते है, जो वाहन को संचालित करता है इसलिए वाहन के संचालन में कोई ईंधन की खपत नहीं होती है और यह स्थाई और स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करता है.

कैसे काम करता है व्हीकल? 
एसओ-एपीटी शून्य कार्बन उत्सर्जन के साथ कृषि उपयोग के लिए एक बहुक्रियाशील और सौर ऊर्जा संचालित वाहन है, जो किसानों के लिए  लाभकारी है और इसका उपयोग चारा काटने की मशीन, केन्द्रापसारक पंप, रोशनी और मोबाइल चार्जिंग को संचालित करने के लिए किया जा सकता है. 

विशेष सुविधाएं हैं उपलब्ध 
60 किमी की दूरी को कवर करने की क्षमता के साथ, पूरी तरह से चार्ज बैटरी, 400 किलोग्राम की भार वहन क्षमता और कम व उच्च गति विनियमन जैसे विशेष सुविधाओं के साथ वाहन का उपयोग बीज बुवाई, छिड़काव, सिंचाई, खेत खोदने के लिए किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त विभिन्न कृषि जरूरतों को पूरा करने की क्षमता इसकी उपयोगिता को उच्च बनाती है. 

रखरखाव लागत नगण्य 
सुहानी का दावा है की पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होने के कारण, वाहन की दैनिक परिचालन लागत लगभग शून्य हो जाती है. कम पुर्जों के कारण रखरखाव लागत भी नगण्य है. यह वाहन कम कीमत पर उपलब्ध होगा और किसानों के लिए किफायती होगा.

किसानों के लिए कुछ अनूठा बनाना चाहती थी
सुहानी चौहान ने कहा कि एक शोध उन्मुख और वैज्ञानिक स्वभाव होने के कारण मैं कुछ अनूठा बनाना चाहती थी जो देश के कृषकों के विकास में योगदान दे सके. मैंने अपने देश में किसानों की परेशानियों को समझा और इसी ने मुझे इस अनोखे कृषि वाहन का अविष्कार करने के लिए प्रेरित किया. लगभग 85 प्रतिशत किसान आर्थिक रूप से कमजोर हैं और यह वाहन उनकी उपज बढ़ाने और उत्पादन लागत को कम करने में सहायक होगा. जुताई के अलावा जिसमें अधिक मात्रा में ऊर्जा और शक्ति की आवश्यकता होती है, वाहन कृषि के सभी कार्य करता है. वाहन की बैटरी को केवल 5-6 वर्षों के बाद बदलने की आवश्यकता होती है, जिससे यह लंबे समय तक चलती है. 11 से 14 मई को प्रगति मैदान में आयोजित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सप्ताह 2023 के दौरान एसओ-एपीटी का प्रदर्शन किया गया था.

(राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)

 

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